पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा, आतंकियों पर लगाम न लगाना पड़ा महंगा, इमरान की पैंतरेबाजी नहीं आई काम
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ( FATF) ने आतंकवादियों को बढ़ावा देने के लिए वर्ल्ड में कुख्यात पाकिस्तान को गुरुवार को अपनी ग्रे-लिस्ट में जून तक के लिए बरकरार रखा।
इस्लामाबाद। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ( FATF) ने आतंकवादियों को बढ़ावा देने के लिए वर्ल्ड में कुख्यात पाकिस्तान को गुरुवार को अपनी ग्रे-लिस्ट में जून तक के लिए बरकरार रखा।
27 सूत्रीय कार्रवाई योजना को वह पूरी तरह लागू करने में विफल
एफएटीएफ का कहना है कि पाकिस्तान के लिए बनाई गई 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना को वह पूरी तरह लागू करने में विफल रहा है। खासकर वह रणनीतिक रूप से अहम कमियों से निपटने में असफल रहा है। एफएटीएफ ने कहा है कि'पाकिस्तान को सभी 1267 और 1373 नामित आतंकवादियों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों के कार्यान्वयन को लेकर काम करना होगा। पाकिस्तान को सभी नामित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने पिछले कुछ महीनों में आतंकियों के खिलाफ दिखावटी कदम उठाये थे। लेकिन जानकारों ने इन कदमों को एफएटीएफ की 'मार' से बचने के लिए उठाया जाने वाला कदम बताया था।
27 में से तीन (बिंदुओं) पर पूरी तरह से कदम उठाये जाने की आवश्यकता
एफएटीएफ के अध्यक्ष डॉ मार्कस प्लेयर ने प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान अभी भी निगरानी में ही रहेगा। पाकिस्तान ने कुछ महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन कई गंभीर कमियां बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी क्षेत्र आतंकी वित्तपोषण से संबंधित हैं। 27 में से तीन (बिंदुओं) पर पूरी तरह से कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। एफएटीएफ अध्यक्ष ने कहा कि हम प्लान को पाकिस्तान द्वारा पूरा करने का आग्रह करते हैं।
आतंकियों को कड़ी सजा दे पाकिस्तान
FATF ने दो-टूक कहा कि पाकिस्तान की अदालतों को आतंकवाद में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देना चाहिए। वित्तीय प्रतिबंधों के प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में काम करना चाहिए। एफएटीएफ ने सोमवार को शुरू हुए सम्मेलन के निष्कर्षों पर कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने में गंभीर खामियां हैं। यही नहीं पाकिस्तादन में आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए प्रभावी व्यवस्था की कमी है।
एफएटीएफ की चिंताओं को शीघ्र दूर करे
एफएटीएफ चीफ मार्कस प्यलेर ने कहा कि पाकिस्तान को दी गई समय सीमा पहले ही समाप्त हो गई है। ऐसे में इस्लामाबाद एफएटीएफ की चिंताओं को जितनी जल्दी हो सके दूर करने पर काम करे। प्यलेर ने एफएटीएफ के पूर्ण सत्र के समापन के बाद कहा कि पाकिस्तान ने पहले की अपेक्षा सभी कार्रवाई योजनाओं में प्रगति की है ।अब तक 27 में से 24 कार्रवाई पूरी कर ली हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र की ओर से सूचीबद्ध आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करना अभी बाकी है।
आतंकियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो
एफएटीएफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की कोर्ट को आतंकवाद में शामिल लोगों को प्रभावी, निर्णायक और समानुपातिक सजा देनी चाहिए। पाकिस्तान को तीन अधूरे कार्यों को पूरा करना होगा और एक बार यह पूरा हो जाने के बाद एफएटीएफ जून में होने वाले अपने पूर्ण सत्र में उसके वर्तमान दर्जे पर निर्णय करेगा।
आतंकी फंडिंग से निपटने सिस्टम बनाये पाकिस्तान
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित किये गये आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई करना चाहिए। पाकिस्तान के पास आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए एक प्रभावी प्रणाली होनी चाहिए। पाकिस्ताआन यदि एकबार तीन अधूरे कार्य बिंदुओं को पूरा कर लेता है तो हम जून में होने वाली बैठक में उसकी ओर से उठाये गए कदमों का सत्यापन करके अपना फैसला देंगे। एफएटीएफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अधूरे एक्शन प्वााइंट को जल्द से जल्द पूरा करना होगा।
कार्रवाई के नाम पर दिखावा करता रहा है पाक
मालूम हो कि FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा था। साथ ही पाकिस्ता न की सरकार को धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए अपनी ओर से सौंपी गई कार्ययोजना को लागू करने के लिए कहा था। हालांकि कोरोना महामारी के कारण यह समयसीमा बढ़ा दी गई थी। आतंकी फंडिंग से जुड़े मसलों पर एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट में शामिल पाकिस्तान से पिछले साल अक्टूबर में सभी 27 बिंदुओं को लागू करने के लिए कहा गया था। लेकिन पाकिस्ताकन दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए दिखावे की कार्रवाई करता है।
छह दायित्वों को पूरा करने में विफल
पिछले साल अक्टूबर में आयोजित बैठक में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक अपनी 'ग्रे लिस्ट' (FATF Grey List) में रखने का फैसला किया था। एफएटीएफ ने कहा था कि पाकिस्ता न वैश्विक धनशोधन और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी के 27 में से छह दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है। एफएटीएफ एक्शन प्वासइंट में भारत के दो सबसे वांछित आतंकियों मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई किया जाना भी शामिल है।