RSS चीफ मोहन भागवत तीन दिवसीय दौरे पर धनबाद पहुंचे, बिहार-झारखंड के पदाधिकारियों के साथ करेंगे मंथन
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार सुबह धनबाद पहुंचे। वे 10, 11 और 12 सितंबर तक धनबाद में राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ झारखंड प्रांत के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में झारखंड प्रदेश के संगठन के साथ ही बिहार के बड़े पदाधिकारी और प्रमुख कार्यकर्ता भाग लेंगे।
- पटना से गंगा-दामोदर एक्सप्रेस से धनबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर जोरदार स्वागत
धनबाद। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार सुबह धनबाद पहुंचे। वे 10, 11 और 12 सितंबर तक धनबाद में राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ झारखंड प्रांत के कार्यक्रम में शिरकत किये। इस कार्यक्रम में झारखंड प्रदेश के संगठन के साथ ही बिहार के बड़े पदाधिकारी और प्रमुख कार्यकर्ता शामिल हुए।
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RSS का आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में विस्तार पर जोर, सरसंघचालक ने प्रचारकों के साथ किया मंथन
RSS चीफ मोहन भागवत ने झारखंड के हर क्षेत्र में संगठन के विस्तार के एजेंडे पर मंथन के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तीन दिवसीय प्रांतीय कार्यकर्ताओं की बैठक में शिरकत की। जकमल सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण में RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत की मौजूदगी में प्रांतीय बैठक चली।पहले सत्र में झारखंड के 40 प्रचारकों को ही शामिल होने की अनुमति थी।दो घंटे तक चली इस बैठक में संगठनात्मक विस्तार पर चर्चा हुई। प्रचारकों के साथ झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में संघ की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हुई।संगठन को और कैसे मजबूत बनाया जा सकता है, इस पर भी रणनीति बनायी गयी।कहा गया कि घोर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में जहां अभी संघ की स्थिति कमजोर है, उन क्षेत्रों पर ज्यादा जोर दिया जाये। एक-एक गांव में प्रचारक तथा पूर्णकालीन कार्यकर्ताओं को लगाया जाये। लोगों को संघ से जोड़ने की कोशिश करें. उन्हें संघ की नीतियों के बारे में बतायें।
सभी टोला-मुहल्ला में पहुंचना करें सुनिश्चित
बताया जाता है कि बैठक में सरसंघचालक ने प्रचारकों को काम के कई टिप्स दिये। उन्होंने कि हर टोला-मुहल्ला में संघ के कार्यकर्ता पहुंचें। संघ की नीति और सिद्धांत स्पष्ट है। इससे कोई समझौता नहीं हो सकता। देश के दूसरे क्षेत्रों में संगठन की ताकत बढ़ी है। झारखंड में भी स्थिति अच्छी है. लेकिन, कुछ क्षेत्रों में अब भी स्थिति थोड़ी कमजोर है। ऐसे इलाकों के लिए खास रणनीति पर काम करें। यहां सक्रिय दूसरे संगठनों के हिडेन एजेंडा के बारे में लोगों को बतायें। संघ की विचारधारा से तालुक रखने वाले लोगों तथा सहयोगी संगठनों का सहयोग लें।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत गुरुवार को पटना में थे। वे पटना से गंगा-दामोदर एक्सप्रेस पर सवार होकर शुक्रवार सुबह धनबाद पहुंचे। यहां पर स्वयंसेवकों ने रिसीव और स्वागत किया। इसके बाद उन्हें राजमकल सरस्वती विद्या मंदिर ले जाया गया। तीन दिन तक राजमकल में ही संघ प्रमुख के रहने का कार्यक्रम है। पहले दिन बिहार और झारखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। संगठनात्मक कार्यक्रमों की जानकारी लेंगे। दूसरे दिन शनिवार को महानगर कार्यकारिणी, नगर कार्यकारिणी, मिलन प्रमुख, मुख्य शिक्षक कार्यवाह और शाखा प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। अंतिम दिन रविवार को प्रबुद्ध लोगों से मिलेंगे। उनके साथ बैठक करेंगे। संघ प्रमुख इन दिनों राष्ट्रव्यापी प्रवास पर हैं। इसी सिलसिले में धनबाद पहुंचे हैं। यह कार्यक्रम 2024 तक संघ की योजना और कार्यों को प्रांत के सभी मंडलों और गांवों तक पहुंचना है।
संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने से पहले गांव-गांव तक शाखाएं पहुंचाने पर मंथन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के वर्ष 2025 में 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इससे पहले संघ की शाखा गांव गांव तब तक गठित करने के उद्देश्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लगी हुई है। इसी उद्देश्य धनबाद के राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में संघ की तीन दिवसीय प्रांतीय प्रचारक बैठक शुक्रवार को आरंभ हुई। आरएसएस के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत विशेष रुप से तीन दिवसीय धनबाद दौरा पर पहुंचे।
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सर संघचालक प्रांत प्रचारकों के साथ बैठक करेंगे। इसके लिए पूरे झारखंड प्रांत से 40 प्रचारक आमंत्रित किया गया है। प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक है। अंतिम शाखाओं के मुख्य शिक्षक, मुख्य कार्यवाहा समेत मिलन प्रमुख के साथ रविवार को बैठक रखी गई है। इसके अलावा उस दिन सरसंघचालक प्रबुद्ध जनों को भी संबोधित करेंगे। बैठक में संघ की केंद्रीय अधिकारी भगईया जी, अरुण जी सहित अरुण जैन भी पहुंचे हैं। कहा जा रहा है किचार साल बाद वर्ष 2025 संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इसकी अभी से तैयारी शुरु कर दी गई है। इससे पहले गांव गांव तक संघ की शाखा पहुंचाने के उद्देश्य पर काम किया जा रहा है। बस्तियों तक शाखाएं पहुंचे। वहां सप्ताहिक में मिलन का आयोजन हो।