Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म
कांग्रेस एमपी राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई। राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी, जिसपर सूरत की कोर्ट ने मानहानि के मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। लोकसभा सचिवालय ने उन्हें अयोग्य करार देते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
नई दिल्ली। कांग्रेस एमपी राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई। राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी, जिसपर सूरत की कोर्ट ने मानहानि के मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। लोकसभा सचिवालय ने उन्हें अयोग्य करार देते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
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लोकसभा सचिवालय की तरफ से सात लाइन की एक नोटिफिकेशन जारी की गई है। नोटिफिकेशन में बताया गया कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य किया जाता है।
भरी संसद में आपने पूरे परिवार और कश्मीरी पंडित समाज का अपमान करते हुए पूछा कि वह नेहरू नाम क्यों नहीं रखते…. लेकिन आपको किसी जज ने दो साल की सज़ा नहीं दी। आपको संसद से डिस्क्वालिफाई नहीं किया….
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 24, 2023
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मैं हर कीमत चुकाने को तैयार: राहुल
राहुल गांधी ने लोकसभा से अपनी सदस्यता खत्म होने पर प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।
उल्लेखनीय कि यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है। राहुल ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12.30 बजे राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें बेल मिल गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जायेगा।
कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था। इधर, राहुल ने फैसले के करीब 3 घंटे बाद ट्वीट कर लिखा, 'मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं, मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।'
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता क्यों गई
2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, ‘चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी। इसके बाद सूरत पश्चिम के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है और यह हमारे समाज की मानहानि है। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। इसी मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी। मानहानि के मामले में दो साल की जेल अधिकतम सजा है। यानी इससे ज्यादा इस मामले में सजा नहीं दी जा सकती है।राहुल गांधी के वकील बाबू मांगूकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया था। साथ ही उन्हें बेल दे दी और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया, ताकि उन्हें हाईकोर्ट में अपील करने का मौका मिल सके।
राहुल गांधी 2024 और 2029 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे
राहुल गांधी की संसद सदस्यता संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) और जनप्रतिनिधि कानून के तहत रद्द की गई है। वे केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद थे। उन्होंने 2019 में यहां से 65 फीसद वोट हासिल कर बड़ी जीत हासिल की थी। हालांकि, अमेठी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
जनप्रतिनिधि कानून
जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 8 के मुताबिक, अगर सांसद या विधायक को किसी भी मामले में दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उनकी संसद सदस्यता रद्द हो जायेगी। इतना ही नहीं, वे सजा पूरी होने के छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। ऐसे में राहुल गांधी को अगर सजा होती है, तो वे 2024 और 2029 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे।
यह है मामला
राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में गुजरात की एक अदालत ने दो साल के कारावास की सजा सुनाई है, जिसके बाद से उनकी लोकसभा सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा था। वैसे तो कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद ही उनकी सजा निलंबित कर दी थी। कोर्ट ने उन्हें बेल देते हुए अपील के लिए 30 दिन का समय भी दिया है। राहुल को अब अपनी संसद सदस्यता बचाने के लिए अपनी अपील में पूरे केस को गलत साबित कर स्वयं को निर्दोष साबित करना होगा या फिर शिकायतकर्ता से समझौता करना होगा।