रांची: एटीएम में पैसा डालने के बजाय चार करोड़ लेकर भागने वाले गैंग के दो मेंबर अरेस्ट, 93 लाख रुपये बरामद
रांची पुलिस ने राजधानी के 20 एटीएम में डाली जानेवाली 4.07 करोड़ की राशि लेकर फरार हुए गैंग के दो और मेंबरों को दबोच लिया है। पुलिस 93 लाख रुपये कैश भी बरामद कर ली है।
रांची। रांची पुलिस ने राजधानी के 20 एटीएम में डाली जानेवाली 4.07 करोड़ की राशि लेकर फरार हुए गैंग के दो और मेंबरों को दबोच लिया है। पुलिस 93 लाख रुपये कैश भी बरामद कर ली है। एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने यह सफलता हासिल की ह।
पुलिस ने जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन एरिया के सेक्टर-2 से राजकुमार श्रीवास्तव को दबोच उसके पास से 45 लाख रुपया कैश बरामद किया। जांच मिले क्लू के आधार पर रांची पुलिस की टीम ने बिहार के मधेपुरा जिले में घैलाढ़ से एक अन्य आरोपी प्रभाष कुमार को दबोचा। पुलिस ने प्रभाष के पास से 47.96 लाख रुपया बरामद किया। उल्लेखनीय है कि रांची पुलिस वर्ष 2019 की 31 दिसंबर को रांची रांची की 20 एटीएम में डाली जाने वाली 4.07 करोड़ की राशि लेकर फरार हुए चार लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था।
एसआईएस स्टाफ ने किया 4.07 करोड़ रुपये का गबन
एसआईएस स्टाफ रांची के एसबीआई और यूबीआई के 20 अलग-अलग एटीएम में 4.07 करोड़ रुपये डालने थे। इन लोगों ने पूरी प्लानिंग के साथ वर्ष 2019 के नौ दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच 4,07,53,000 करोड़ की राशि का गबन कर फरार हो गये। कस्टोडियन गणेश ठाकुर और शिवम कुमार का मोबाइल नंबर 15 दिसंबर 2019 को जब बंद मिला, तब एसआईएस कैश सर्विसेज के स्टाफ को शक हुआ। इसके बाद एसआईएस के अफसरों ने विभिन्न एटीएम में डाली जानेवाले कैश का ऑडिट किया। ऑडिट में पता चला कि बैंक की ओर से दी गई पूरी रकम को एटीएम में नहीं डाला गया है। इसके बाद कंपनी के ब्रांच इंचार्ज कंचन ओझा ने सदर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी।
कैश-ट्रे का लॉक खोल कर किया गया फर्जीवाड़ा
एटीएम में डाली जाने वाली राशि को शातिर ढंग से रुपये उड़ाया जा रहा था। ये स्टाफ एटीएम में फिक्स राशी फीड कर कोडिंग पासवर्ड से उसका कैश ट्रे का लॉक खोलते थे। कैश ट्रे में फीड की गई रकम की जगह उससे कम डालकर वापस लॉक कर देते थे। इससे फीड किये गये राशि की जानकारी एटीएम की सेंट्रलाइज्ड सॉफ्टवेयर सिस्टम की वजह से बैंक को पूरे कैश डालने का मैसेज मिलता है। इसमें गबन का खेल करते हुए एसआईएस के दोनों कस्टोडियन करोड़ों रुपये उड़ा लिया।