Ranchi Land Scam Case में विष्णु अग्रवाल को झारखंड हाईकोर्ट से मिली बेल
झारख्रंड की राजधानी रांची में हुए लैंड स्कैम के आरोपी बिजनसमैन व न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल को झारखंड हाईकोर्ट ने सशर्त बेल दे दी है। कोर्ट ने विष्णु अग्रवाल को एक-एक लाख के दो निजी मुचलके (बेल बांड) ट्रायल कोर्ट में भरने को कहा है। कोर्ट के आदेश की कॉपी सिविल कोर्ट पहुंचते ही विष्णु अग्रवाल की ओर से एक-एक लाख रुपये के दो निजी मुचलके जमा कराया गया। उसके बाद जेल से शुक्रवार की शाम विष्णु अग्रवाल 164 दिनों बाद बाहर निकलें।
164 दिन बाद जेल से निकले
रांची। झारख्रंड की राजधानी रांची में हुए लैंड स्कैम के आरोपी बिजनसमैन व न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल को झारखंड हाईकोर्ट ने सशर्त बेल दे दी है। कोर्ट ने विष्णु अग्रवाल को एक-एक लाख के दो निजी मुचलके (बेल बांड) ट्रायल कोर्ट में भरने को कहा है। कोर्ट के आदेश की कॉपी सिविल कोर्ट पहुंचते ही विष्णु अग्रवाल की ओर से एक-एक लाख रुपये के दो निजी मुचलके जमा कराया गया। उसके बाद जेल से शुक्रवार की शाम विष्णु अग्रवाल 164 दिनों बाद बाहर निकलें।
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झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की कोर्ट में चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री मामले में आरोपित न्यूक्लियस माल के मालिक विष्णु अग्रवाल की बेल पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने विष्णु अग्रवाल को सशर्त बेल की सुविधा प्रदान की। विष्णु अग्रवाल को अपना पासपोर्ट ईडी कोर्ट में जमा करना होगा। कोर्ट ने साक्ष्यों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करने की शर्त लगाई है। हर डेट पर उन्हें कोर्ट में हाजिर होना होगा। ईडी कोर्ट ने 18 दिसंबर को विष्णु अग्रवाल की बेल पिटीशन खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। विष्णु अग्रवाल को 31 जुलाई 2023 को ईडी ने पूछताछ के बाद अरेस्ट किया था।
चेशायर होम रोड के एक एकड़ जमीन फर्जीवाड़े के मामले में जेल में बंद विष्णु अग्रवाल ने अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा कर दिया है। हाई कोर्ट से बेल मिलने के कुछ देर बाद ही उनके सहयोगी सिविल कोर्ट पहुंचे और बेल बांड की कार्यवाही पूरी की। कागजात की कार्यवाही पूरी होने के बाद कोर्ट ने रिलीज ऑर्डर जारी किया। विष्णु अग्रवाल को ईडी टीम ने 31 जुलाई की देर रात अरेस्ट किया था। तब से वह जेल में थे। विष्णु अग्रवाल की बेल पिटीशनपर हाईकोर्ट में पांच जनवरी को सुनवाई पूरी हो गयी थी। कोर्ट ने विष्णु अग्रवाल और ED का पक्ष सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस दीपक रौशन की कोर्ट में विष्णु अग्रवाल की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, सुमित गड़ोदिया, अर्पण मिश्रा और ऋषभ कुमार ने बहस की। विष्णु अग्रवाल लैंड स्कैम केस में प्रमुख आरोपी हैं।
ईडी ने विष्णु अग्रवाल 31 जुलाई को किया था अरेस्ट
ईडी ने न्यूक्लियस मॉल का संचालक विष्णु अग्रवाल को 31 जुलाई 2023 को अरेस्ट किया था। ईडी ने विष्णु अग्रवाल को समन कर पूछताछ के लिए बुलाया था। विष्णु अग्रवाल को ईडी ने पूछताछ के बाद ईडी ने अब 13वें आरोपी के रूप में अरेस्ट कर लिया। इससे पहले ईडी ने विष्णु अग्रवाल को पूर्व में 17 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने बीमारी का हवाला देते हुए ईडी से समय मांगा था। ईडी ने उन्हें दूसरा समन देकर 26 जुलाई को बुलाया, तो उस वक्त विष्णु अग्रवाल ने पूजा-पाठ का हवाला देकर समय मांग लिया था। इसके बाद ईडी ने तीसरा समन देकर उन्हें 31 जुलाई को बुलाया, जहां सुबह 11 बजे के बजाय शाम चार बजे वे ईडी ऑफिस पहुंचे थे।
विष्णु अग्रवाल पर आरोप
विष्णु अग्रवाल पर फर्जीवाड़ा कर रांची में अलग-अलग जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है। चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर जमीन के असली रैयत का नाम बदलने और जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन करवा लेने के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। ईडी ने सिरमटोली चौक के पास स्थित सेना के कब्जे वाली एक अन्य जमीन व पुगड़ू की एक जमीन की खरीद-बिक्री मामले में भी विष्णु अग्रवाल के खिलाफ जांच तेज कर दी है।
IAS छवि रंजन और विष्णु अग्रवाल के बीच रहे हैं घनिष्ठ संबंध
रांची के तत्कालीन डीसी IAS छवि रंजन और विष्णु अग्रवाल के बीच घनिष्ठ संबंध रहे हैं। छवि रंजन ने ही नामकुम मौजा के पुगड़ू में खरीद-बिक्री नहीं होने वाली जमीन पर विष्णु अग्रवाल को अवैध कब्जा दिलाया था। इस मामले में जमीन से जुड़े रैयतों व गवाहों का ईडी बयान ले चुकी है।
छवि रंजन का गोवा टूर करवाया, खुद किया पेमेंट
ईडी ने आर्णी के कब्जे वाली जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में पूर्व में दाखिल आरोप पत्र में इस बात का खुलासा किया था कि विष्णु अग्रवाल ने रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन के सहयोग से फर्जीवाड़ा किया था। उन्होंने इसके एवज में छवि रंजन का गोवा टूर करवाया था। गोवा में छवि रंजन की होटल ताज फोर्ट अगुआडा में रहने-खाने की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए विष्णु अग्रवाल ने अपने स्टाफ के माध्यम से दिल्ली के एक ट्रेवेल एजेंट को नकद में भुगतान किया था। ईडी ने विष्णु अग्रवाल के मोबाइल से जब्त डेटा से इसका खुलासा किया था।
मोबाइल से हुआ था कई चौंकाने वाला खुलासा
विष्णु अग्रवाल के मोबाइल से चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। यह भी खुलासा हो चुका है कि रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन के मौखिक आदेश पर चेशायर होम रोड की एक एकड़ विवादित जमीन का म्यूटेशन विष्णु अग्रवाल व उनकी पत्नी अनुश्री अग्रवाल के नाम पर बड़ागाईं के तत्कालीन सीओ मनोज कुमार ने किया था।
जमीन घोटाले में अब तक ये आरोपी हो चुके हैं अरेस्ट
जमीन घोटाले में ईडी ने रांची के एक्स डीसी आईएएस छवि रंजन, बड़ागाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान व मोहम्मद सद्दाम को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल और दिलीप घोष को सात जून को ईडी ने अरेस्ट किया था। ईडी ने तीन जुलाई को भरत प्रसाद व राजेश राय को अरेस्ट किया। ईडी ने 31 जुलाईको 13 वें आरोपी के रूप में विष्णु अग्रवाल को अरेस्ट कर लिया।
रांची में जालसाज गैंग के सरगना अफसर अली उर्फ अफसू खान के घर से इडी द्वारा जब्त सभी 36 सेल डीड फर्जी पाये गये हैं। जालसाजों द्वारा सेल डीड में निहित 100 एकड़ से ज्यादा जमीन की सेल की जा चुकी है। इडी द्वारा भेजे गये सेल डीड की जांच के बाद कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस ने 30 जून को हेयर स्टीट पुलिस स्टेशन में अननोन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। दस्तावेज में जालसाजी करने के मामले में कोलकाता में दर्ज करायी गयी यह दूसरी एफआइआर है।ईडी ने 12 जुलाई को सत्ता के दलाल प्रेम प्रकाश को अरेस्ट किया है। ईडी ने उसे कोर्ट में पेशी के बाद ईडी को पांच दिनों तक पूछताछ के लिए अनुमति मिली। जमीन घोटाला केस में प्रेम प्रकाश 14वीं अरेस्टिंग है।
कब-कब कौन-कौन हो चुके हैं अरेस्ट
14 अप्रैल: प्रदीप बागची, अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान व भानु प्रताप प्रसाद।
सात मई: रांची के एक्स डीसी सस्पेंड आइएएस छवि रंजन।
सात जून: दिलीप कुमार घोष व अमित कुमार अग्रवाल।
तीन जुलाई: भरत प्रसाद व राजेश राय।
31 जुलाई: विष्णु अग्रवाल।
12 अगस्त: प्रेम प्रकाश।
रैयत और डीड दोनों फर्जी, पेमेंट का भी प्रमाण नहीं
ईडी को पूर्व में इन्विस्टीगेशन के दौरान यह जानकारी मिल चुकी है कि भूमि घोटाले के जालसाजों के सिंडिकेट में राजेश राय व भरत प्रसाद अहम हिस्सा रहे हैं। रांची के सदर थाना क्षेत्र में गाड़ी मौजा स्थित चेशायर होम रोड की विवादित एक एकड़ जमीन का रैयत फर्जी, डीड भी फर्जी और पेमेंट का भी प्रमाण नहीं मिला। कोर्ट के आदेश के बाद सदर पुलिस स्टेशन में इस मामले आठ सितंबर 2022 को एफआइआर दर्ज की गई थी। भूमि घोटाले में दर्ज ईसीआईआर में ईडी ने उक्त केस को भी जोड़ दिया है। छानबीन में पता चला कि राजेश राय और भरत प्रसाद ने गलत तरीके से चेशायर होम रोड की उक्त एकड़ जमीन पर कब्जा किया। उक्त जमीन का खाता नंबर 37 व प्लॉट नंबर 28 है। राजेश राय ने अपने सहयोगियों की मदद से एक फर्जी डीड 184/1948 बनाया और उसका पावर आफ अटार्नी गलत तरीके से इम्तियाज अहमद व भरत प्रसाद को दे दिया। राजेश राय से पावर आफ अटार्नी लेने के बाद इम्तियाज अहमद व भरत प्रसाद ने उक्त जमीन को पुनीत भार्गव नामक व्यक्ति को बेच दिया। एक अन्य आरोपित लखन सिंह ने भी स्वीकार किया है कि छह फरवरी 2021 को पुनीत भार्गव के पक्ष में डीड बना था। डीड में एक करोड़ 78 लाख 55 हजार 800 रुपये में बेचे जाने का जिक्र है। इसमें केवल 25 लाख रुपये ही पुनीत भार्गव ने अपनी कंपनी शिवा फेबकान के खाते से भुगतान किया था। शेष राशि को गलत तरीके से डीड में दिखाया गया है। पुनीत भार्गव ने उक्त जमीन को खरीदने के दो महीने के बाद ही विष्णु अग्रवाल को 1.80 करोड़ रुपये में बेच दी थी। विष्णु अग्रवाल ने एक अप्रैल 2021 को दो सेल डीड से उक्त जमीन खरीदी थी। ईडी ने गत 14 अप्रैल को इम्तियाज अहमद को भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय से ही वह जेल में है। पुनीत भार्गव प्रेम प्रकाश का खास सहयोगी है। प्रेम प्रकाश नेताओं व नौकरशाहों का करीबी है, जिसे ईडी ने गत वर्ष अवैध पत्थर खनन मामले में अरेस्ट किया था। वर्तमान में प्रेम प्रकाश जेल में बंद है।
जमीन घोटाला मामले में कार्रवाई की टाइम लाइन
तीन नवंबर 2022: अमित अग्रवाल व विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर ईडी का रेड।
13 अप्रैल: आईएएस छवि रंजन समेत 18 लोगों के 21 ठिकाने पर ईडी का रेड।
14 अप्रैल: सात लोगों को गिरफ्तार किया गया।
26 अप्रैल: रांची और जमशेदपुर के छह ठिकानों पर ईडी का रेड।
एक मई: रांची सदर रजिस्ट्रार वैभव मनी त्रिपाठी से ईडी ने की पूछताछ।
दो मई: एडिशनल रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता त्रिदीप मिश्रा से ईडी ने की पूछताछ।
दो मई: जगत बंधु टी-स्टेट के दिलीप घोष सहित 4 को ईडी का समन।
चार मई: रांची के एक्स डीसी आइएएस छवि रंजन को अरेस्ट किया।
आठ मई: व्यवसायी विष्णु अग्रवाल से पहुंचे ईडी ऑफिस
सात जून: अमित अग्रवाल और दिलीप घोष अरेस्ट।
12 जून: 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट
30 जून: फर्जी डीड मामले में कोलकाता में एफआइआर
तीन जुलाई: भरत प्रसाद व राजेश राय अरेस्ट
31 जुलाई: विष्णु अग्रवाल अरेस्ट
12 अगस्त: प्रेम प्रकाश
कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में हुआ था फर्जीवाड़ा का खुलासा
रांची कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में बरियातू स्थित आर्मी के 4.55 एकड़ कब्जे वाली जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था। उक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेच डाली थी। जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे।
बरियातू पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी एफआइआर
इसके बाद रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।रांची नगर निगम के कर टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर जून 2022 में प्रदीप बागची के खिलाफ जालसाजी के मामले में एफआइआ दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, फर्जी पोजेशन लेटर दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था।कमिश्नर की जांच आर्मी के कब्जे वाले जमीन का असली रैयत जयंत करनाड मिला था। ईडी ने इस पूरे मामले में मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू किया था।
कोर्ट ने पुलिस को आरोपियों पर FIR करने का दिया था आदेश
मामला सामने आने के बाद रांची के सिविल कोर्ट ने बरियातू पुलिस को रांची के दो रजिस्ट्रार घासी राम पिंगुआ व वैभव मणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, बड़गाईं के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, खरीदार जगतबंधु टी-इस्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष, जयप्रकाश नारायण सिन्हा, मेसर्स गोयल बिल्डर्स अपर बाजार के निदेशक, मोहम्मद जैकुल्लाह और मानवेंद्र प्रसाद पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था।आरोपियों पर जान बूझकर फर्जीवाड़ा कर दूसरे की जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है। दिलीप कुमार घोष ने सात करोड़ रुपये में प्रदीप बागची नामक कथित रैयत से सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन खरीदी थी।
जमीन की डीड पर भी रजिस्ट्रार ने लिख दिया था डीसी के आदेश से हो रही है रजिस्ट्री
आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन और चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री मामले में ईडी की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हो चुका है। आर्मी के कब्जे वाली जमीन को फर्जी रैयत बनकर प्रदीप बागची ने 2021 में जगतबंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर दिलीप घोष को रजिस्ट्री कराई थी। प्रदीप बागची ने बंगाल के जिस रजिस्टर्ड डीड के आधार पर जमीन बेची थी, उसमें प्रदीप बागची के पूर्वज ने 1932 में जिससे जमीन खरीदी थी, उसका नाम ही नहीं था। यह देखकर तत्कालीन रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुआ ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद डीसी के आदेश पर बड़गाईं के तत्कालीन सीओ की अनुशंसा के बाद उक्त जमीन की रजिस्ट्री हुई थी।
13 अप्रैल को हुई थी छवि रंजन से जुड़े ठिकानों पर रेड
रांची जमीन घोटाले में ईडी ने विगत 13 अप्रैल को आइएएस अफसर छवि रंजन सहित 18 लोगों से जुड़े 22 ठिकानों पर एक साथ रेड की थी। इस रेड में ईडी को बड़गाई के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास भारी मात्रा में डीड मिले थे। वहीं कुछ जमीन माफिया के यहां से फर्जी डीड बनाने के स्टांप आदि मिले थे। उक्त रेड में छवि रंजन का मोबाइल भी ईडी ने बरामद किया था, जिसमें ईडी के संभावित प्रश्न व उसके तैयार उत्तर भी थे। इससे यह स्पष्ट हो गया था कि छवि रंजन को यह आशंका पहले से थी कि ईडी किसी भी दिन उनके आवास पर दस्तक दे सकती है। ऐसा ही हुआ भी।
यह है आर्मी के कब्जे वाली जमीन का मामला
रांची के बरियातू पुलिस स्टेशन एरिया में मोरहाबादी मौजा में आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची ने मूल दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर जगत बंधु टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष को बेच दी थी। इसके लिए रांची नगर निगम से जाली कागजात के आधार पर दो होल्डिंग भी ले रखा था। प्रदीप बागची ने इसके लिए जो दस्तावेज प्रस्तुत किया था, उसके अनुसार उक्त जमीन उसके पूर्वज ने 1932 में रैयतों से खरीदी थी। इसकी रजिस्ट्री कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस में हुई थी। पिछले साल इस मामले में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त ने पूरे मामले की जांच कराई थी तब इसका खुलासा हुआ था। आयुक्त की जांच में जमीन का असली मालिक जयंत कर्नाड हैं। फर्जी दस्तावेज पर होल्डिंग लेने के मामले में प्रदीप बागची पर रांची नगर निगम ने बरियातू पुलिस स्टेशन में पिछले वर्ष एफआइआर भी दर्ज कराई थी। इसके आधार पर ही ईडी ने ईसीआइआर दर्ज की थी।
विष्णु अग्रवाल व अन्य ने मिलकर चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन के कागजात में फेरबदल किया
ईडी ने रांची के सदर पुलिस स्टेशन एरिया चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन मामले में जांच की तो यहां भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, इस जमीन को रियल इस्टेट कंपनी के संचालक विष्णु अग्रवाल व अन्य ने मिलकर जाली कागजात के आधार पर खरीद-बिक्री की है। शिकायतकर्ता उक्त जमीन के मालिक होने का दावा करने वाले उमेश कुमार गोप ने रांची के न्यूक्लियस माल के मालिक विष्णु अग्रवाल के अलावा पुनीत भार्गव, भरत प्रसाद, राजेश राय, लखन सिंह और इम्तियाज अहमद के खिलाफ सदर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई थी। पुनीत भार्गव इलिगल स्टोन माइनिंग मामले में पूर्व में अरेस्ट प्रेम प्रकाश का करीबी बताया जाता है। इस मामले में रांची के सदर पुलिस स्टेशन की पुलिस ने अधूरी रिपोर्ट के साथ सिर्फ इसे जमीन विवाद बताते हुए कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट भी दे दिया है। जबकि ईडी ने जालसाजी के बड़े मामले को उजागर किया है।