रांची:अग्रवाल ब्रदर्श मर्डर के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी ने किया सरेंडर
राजधानी रांची के अरगोड़ा पुलिस स्टेशन एरिया अशोक नगर में हेमंत अग्रवाल व महेंद्र अग्रवाल (दोनों भाई) की मर्डर के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। कोर्ट ने लोकेश को ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया है।
- आरोपी ने कोर्ट में किया सरेंडर,रांची पुलिस को भनक नहीं लगी
रांची। राजधानी रांची के अरगोड़ा पुलिस स्टेशन एरिया अशोक नगर में हेमंत अग्रवाल व महेंद्र अग्रवाल (दोनों भाई) की मर्डर के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। कोर्ट ने लोकेश को ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया है। इस मामले में फिलहाल एमके सिंह अब पुलिस गिरफ्त से दूर है। पुलिस अब तक यह पता भी लगा नहीं पाई थी कि लोकेश चौधरी कहां छिप कर रह रहा था। उसने आज रांची सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। रांची पुलिस को इसकी भगत तक नहीं लगी।
अशोक नगर रोड नंबर एक स्थित निजी न्यूज चैनल के ऑफिस में वर्ष 2019 की छह मार्च शाम दोनों सगे भाइयों हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की मर्डर कर दी गयी थी। लोकेश लंबे समय से रांची पुलिस को चकमा देकर फरार था। इस मामले के एक अन्य आरोपी एमके सिंह अब पुलिस गिरफ्त से दूर है।रांची पुलिस ने डबल मर्डर के बाद लोकेश और एमके सिंह को दबोचने के लिए तीन स्पेशल टीमो का गठन किया था। लेकिन लोकेश चौधरी और एमपी सिंह का कोई अता-पता नहीं चल पाया था। पुलिस ने लोकेश चौधरी जगन्नाथपुर इलाका स्थित स्थित फ्लैट में कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की।
बिहार बंगाल और यूपी में की गयी थी रेड
अग्रवाल ब्रदर्स की मर्डर के बाद गठित एसआइटी लोकेश व एमके सिंह की खोज में बिहार, बंगाल और यूपी के कई जगहों पर रेड की थी। बावजूद पुलिस दोनों मुख्य आरोपियों के का लोकेशन तक पता नहीं लगा पाई। पुलिस सिर्फ इनके रिलेटिव के घरों तक खोजबीन कर वापस आ गई थी। दोनों आरोपित कहां हैं, यह भी पता लगाने की कोशिश पुलिस नहीं कर रही थी। पुलिस पिछले साल जुलाई माह में ही मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमके सिंह को भगोड़ा घोषित कर चुकी है। रांची पुलिस अब कुछ दिनों में दोनों की अचल संपत्ति की नीलाम कर सकती थी।नियमानुसार, कुर्की के तीन महीने के बाद भी अगर आरोपी गिरफ्तार नहीं होता है या वह सरेंडर नहीं करता है, तो उसकी अचल संपत्ति जो आरोपी के नाम से है, उसे पुलिस नीलाम कर सकती है।
पहले तीन भेजे गये थे जेल
अग्रवाल ब्रदर्स मर्डर केस में शामिल पांच में से तीन आरोपी अभी जेल में हैं। पुलिस ने मर्डर के दो दिन बाद आठ मार्च को लोकेश चौधरी के ड्राइवर शंकर को फिर बॉडीगार्ड सुनील सिंह को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। एक अन्य बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था। दोनों बॉडीगार्ड ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि पैसे को लेकर दोनों भाइयों की मर्डर लोकेश चौधरी व एमके सिंह ने की थी। मर्डर के बाद अग्रवाल बंधुओं का करोड़ों रुपये लेकर दोनों फरार हो गये थे। पैसे कितनी थी, अब तक यह स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है।
फ्लैश बैक
अरगोड़ा पुलिस स्टेशन एरिया अशोक नगर रोड नंबर-1 में फ्लैट नंबर सी-199 में चल रहे एक प्राइवेट चैनल के ऑफिस में वर्ष 2018 की छह मार्च की शाम दो सगे कारोबारी भाइयों हेमंत अग्रवाल (36) और महेंद्र अग्रवाल (34) की गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी। मर्डर का आरोपी निजी चैनल के फ्रेंचाइजी ऑनर लोकेश चौधरी पर लगा था। वह घटना के बाद से ही फरार हो गया था। मृतक दोनों भाई एयर कार्गो और सूद पर पैसा लगाने का काम करते थे। सोसेर्ज के अनुसार काले रंग के बैग में लगभग दो करोड़ रुपये रखकर दोनों भाई स्कूटी लेकर घर से निकले थे। महेंद्र ने अपनी पत्नी बरखा को जल्द घर आने की बात भी कही थी।
दोनों अग्रवाल ब्रदर्स मूलत: धनबाद जिले के बैंक मोड़ शास्त्री नगर स्थित बालाजी अपार्टमेंट के रहने वाले थे। रांची में लालपुर पुलिस स्टेशन एरिया स्थित शिवम अपार्टमेंट में रह रहे थे।वर्ष 2018 की छह मार्च की शाम चार बजे दोनों भाई स्कूटी( जेएच01सीडब्ल्यू-7488) से लोकेश से मिलने अशोक नगर रोड नंबर- एक स्थित न्यूज चैनल के ऑफिस पहुंचे थे। देर रात जब दोनों घर नहीं लौटे तब परिजनों ने लालपुर पुलिस में दोनों के लापता होने का सनहा दर्ज कराया। पुलिस रात एक बजे तक दोनों को ढूंढ़ती रही, लेकिन सुराग नहीं मिला। पुलिस सात मार्च की सुबह जब मृतक के बड़े भाई को लेकर न्यूज चैनल के अशोक नगर स्थित ऑफिस पहुंची, तो वहां कैंपस में एक कंबल से ढंकी स्कूटी दिखी। इसके बाद पुलिस घर का ताला तोड़ अंदर घुसी।अंदर जमीन पर दोनों भाई के खून से लथपथ बॉडी पड़ी थी।