केरल कैडर के रिटायर्ड IAS डा. सीवी आनंद बोस बने पश्चिम बंगाल के गवर्नर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को डा सीवी आनंद बोस को बंगाल का नया राज्यपाल नियुक्त किया। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से देर शाम एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी पत्र में बताया गया है कि आनंद बोस तत्काल प्रभाव से अपना कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं। 

केरल कैडर के रिटायर्ड IAS डा. सीवी आनंद बोस बने पश्चिम बंगाल के गवर्नर
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को डा सीवी आनंद बोस को बंगाल का नया राज्यपाल नियुक्त किया। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से देर शाम एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी पत्र में बताया गया है कि आनंद बोस तत्काल प्रभाव से अपना कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं। 
रिटायर्ड आइएएस अफसर हैं बोस
दो जनवरी 1951 को केरल के कोट्टयम में जन्मे सीवी आनंद बोस 1977 बैच के केरल कैडर के रिटायर्ड आइएएस अफसर रहे हैं। वर्तमान में वह मेघालय सरकार के सलाहकार के रूप में सेवा दे रहे थे। बोस को प्रशासनिक क्षेत्र में लंबा अनुभव है। वह कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। वे भारत सरकार के सचिव पद पर सेवा दे चुके हैं। 
अंग्रेजी, मलयालम व हिंदी में लिखी हैं 40 किताबें
डॉ बोस ने केरल के सीएम के सचिव से लेकर कई मंत्रालयों में प्रधान सचिव के रूप में काम किया है। उन्होंने कई भाषाओं में लगभग 40 किताबें प्रकाशित की हैं। उनकी लिखी कुछ किताबें बेस्ट सेलर की कैटेगरी में हैं। डॉ. आनंद बोस ने बिट्स पिलानी से पीएचडी और केरल विश्वविद्यालय से अंग्रेजी भाषा और साहित्य में एम.ए. की है।सीवी आनंद बोस केरल विश्वविद्यालय के बहुत मेधावी छात्र रहे हैं। उन्हें शिक्षा व अध्ययन से गहराव जुड़ाव रहा है। उन्होंने अंग्रेजी, मलयालम व हिंदी में 40 किताबें भी लिखी हैं। बोस एक कुशल वक्ता भी हैं।
बंगाल से मेरा आत्मीय संबंध है : बोस
गवर्नर नियुक्त होने के बाद बोस ने अपने पहले साक्षात्कार में कहा है कि बंगाल से उनका आत्मीय संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक तौर पर बंगाल बहुत जागरूक व सक्रिय राज्य है। उन्होंने आश्वस्त किया कि बंगाल के विकास के लिए वे राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे और संविधान के दायरे में रहकर सभी सहयोग करेंगे।
जुलाई में जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित होने के बाद मणिपुर के राज्यपाल एल गणेशन बंगाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी देख रहे थे। 17 जुलाई को धनखड़ के राज्यपाल पद से इस्तीफे के करीब पांच माह बाद बंगाल को स्थायी राज्यपाल मिला है।