साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की मौत मामले की जांच तेज, सीबीआइ फारेंसिक टीम पहुंची

साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की जांच कर रही सीबीआइ की जांच में तेजी आ गयी है। सीबीआइ अब इस मामले से जुड़े लोगों की पूछताछ में जुट गयी है। सीबीआइ की एक आठ सदस्यीय फारेंसिक टीम गुरुवार को साहिबगंज भी पहुंच गई। यह टीम रूपा तिर्की के सील कमरे का ताला खोली है। अब घटनास्थल से एवीडेंस जुटाने की कोशिश की जायेगी।

साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की मौत मामले की जांच तेज, सीबीआइ फारेंसिक टीम पहुंची
  • सीबीआइ ने घटनास्थल पर सीन रिक्रियेट किया

साहिबगंज। साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की जांच कर रही सीबीआइ की जांच में तेजी आ गयी है। सीबीआइ अब इस मामले से जुड़े लोगों की पूछताछ में जुट गयी है। सीबीआइ की एक आठ सदस्यीय फारेंसिक टीम गुरुवार को साहिबगंज भी पहुंच गई। यह टीम रूपा तिर्की के सील कमरे का ताला खोली है। सीबीआइ ने घटनास्थल पर सीन रिक्रियेट किया है। 

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सीबीआइ की फॉरेंसिक टीम ने मजिस्ट्रेट संजय कुमार की देखरेख में रूपा तिर्की के सील बंद कमरे को खोला। फॉरेंसिक टीम जिला प्रशासन से करीब चार अन्य लोगों, जिसमें एई और जेईई को भी शामिल किया गया है। इस टीम में रूपा तिर्की की मौत के बाद सबसे पहले पहुंचने वाले और देखने वाले पुलिसकर्मी को भी साथ में रखा गया था।फॉरेंसिक टीम ने सबसे पहले क्वार्टर का दिशा यंत्र चालित मशीन से निरीक्षण किया। इसके बाद पूरी टीम बंद कमरे को खोलकर घटना का सीन को रीक्रिएट किया।फॉरेंसिक टीम रूम के अंदर फिंगरप्रिंट और फुटप्रिंट्स भी उठायी। जांच की वीडियोग्राफी भी करायी गयी।

सीबीआइ अफसरों ने बुधवार को इस कांड की पहली आइओ स्नेहलता सुरीन से उनके आवास पर जाकर पूछताछ की। रूपा की मौत से जुड़े एक-एक पहलू जानकारी ली। सीबीआइ टीम ने गुरुवार को नया सर्किट हाउस स्थित अस्थायी ऑ़फिस य में बुला कर जिरबाबाड़ी ओपी के मुंशी अनिल दुबे, पुलिस जवान सतीश आशीष तिर्की, सुमित सोनी एवं एक और पुलिसवाले से पूछताछ की। इनमें अधिकतर पुलिसकर्मी जिरवाबाड़ी ओपी में तैनात हैं। सतीश आशीष तिर्की का पैतृक आवास रूपा तिर्की के पैतृक आवास के आसपास है। इसी वजह से उनमें बेहतर संबंध थे। दोनों में अक्सर बातचीत होती थी। सीबीआइ अफसर उससे यह जानना चाहते थे कि रूपा तिर्की ने कभी उसे काम अथवा किसी और तरह के दबाव के संबंध में किसी तरह की चर्चा की थी।

बताया जा रहा है कि एक-दो दिनों में सीबीआइ कुछ बड़े लोगों से पूछताछ कर सकती है।सीबीआई की फोरेंसिक टीम पुलिस लाइन स्थित सील किये गये रूपा के सरकारी क्वार्टर को खुलवायी है। वहां से फिंगर प्रिंट और फुट प्रिंट ली है। वैसे बार पुलिस टीम और न्यायिक जांच टीम क्वार्टर को खोल चुकी है। ऐसे में घटना के इतने दिनों के बाद सबूतों का मुश्किल माना जा रहा है।
पोस्टमार्टम करने वाली टीम पर सवालिया निशान 
CBI जांच में पोस्टमार्टम करने वाली टीम पर सबसे अधिक सवालिया निशान लग रहा है।  सवाल उठाया जा रहा है कि महिला की पोस्टमार्टम करने के लिए डॉक्टरों की टीम में महिला डॉक्टरों को क्यों नहीं रखा गया? मामले में बिसरा को सुरक्षित रखना मुनासिब नहीं समझा गया। यह चूक सवालिया घेरे में है।

फ्लैश बैक
साहिबंगंज महिला थाना प्रभारी 2018 बैच की एसआइ रूपा तिर्की की बॉडी तीन मई कोपुलिस लाइन स्थित गंगा भवन सरकारी क्वार्टर  US-1 में फांसी के फंदा से लटकते मिली थी। मामले में पहले यूडी केस दर्ज की गयी थी। बाद में जिरवाबाड़ी ओपी में एफआइआर दर्ज की गई थी। एसआइ स्नेहलता सुरीन को केस का आइओ बनाया गया था। नौ मई को राजमहल के पुलिस इंस्पेक्टर राजेश कुमार के बयान पर इस मामले में सुसाइड के लिए उकसाने की धाराओं को जोड़ दिया गया। इस कांड का जांच आइओ भी पुलिस इंस्पेक्टर राजेश कुमार को बनाया गया था। मामले में पुलिस ने रूपा के बैचमेट एसआइ शिव कनौजिया को दोषी पाते हुए अरेस्टर कर जेल भेजा गया।

बाद में इस केस का आइओ नगर प्रभाग के पुलिस इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी को सौंपा गया। शशिभूषण चौधरी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया। कहा गया कि रूपा का शिवकुमार ने अफेयर था। शिव कुमार ने रूपा को देखा दिया। वहं रूपा तिर्की के परिजन सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे। रूपा की सुसाईड को मर्डर बता रहे थे। साहिबगंज के जेएमएम लीडर पंक मिश्रा व व रुपाके दो महिला बैचमेट पर गंभीर आरोप लगाये गये। हालांकि साहिबगंज पुलिस की एसआइटी जांच में तीनों को क्लीन चीट दे गयी। रुपा के पिता ने मामले की सीबीआई जांच की की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट मेो याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट के आदेश पर जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंप दिया गया। सीबीआई इस मामले में कांड संख्या आरसी 0922021S0002 मामला दर्ज कर केस की जांच शुरू की है।