वन रैंक वन पेंशन का बढ़ा दायरा, 25 लाख रिटायर आर्मी को मिलेगा लाभ
सेंट्रल कैबिनेट ने आर्म्ड फोर्सेज में काम करने वालों और पेंशनधारकों के लिए 'वन रैंक, वन पेंशन' (ओआरओपी) के प्रावधानों में संशोधन के प्रोपोजल को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी। अनुराग ठाकुर के अनुसार इसका लाभ 'वन रैंक, वन पेंशन' के तहत रक्षा बलों के कार्मिकों/फैमिली पेंशनर्स की पेंशन में अगले पुनरीक्षण को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली। सेंट्रल कैबिनेट ने आर्म्ड फोर्सेज में काम करने वालों और पेंशनधारकों के लिए 'वन रैंक, वन पेंशन' (ओआरओपी) के प्रावधानों में संशोधन के प्रोपोजल को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी। अनुराग ठाकुर के अनुसार इसका लाभ 'वन रैंक, वन पेंशन' के तहत रक्षा बलों के कार्मिकों/फैमिली पेंशनर्स की पेंशन में अगले पुनरीक्षण को मंजूरी दे दी है।
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Union Cabinet, headed by PM Modi, approves the revision of pension of Armed Forces pensioners and family pensioners under One Rank One Pension (OROP) from July 1, 2019. pic.twitter.com/EpdzFg7KtY
— ANI (@ANI) December 23, 2022
अनुराग ठाकुर के अनुसार इसका लाभ फैमिली पेंशनर्स के साथ-साथ युद्ध में शहीद होनेवाले जवानों की विधवाओं एवं दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा। यह एक जुलाई 2019 सेप्रभावी होगी। उन्होंने बताया कि इसके चलते सरकारी कोष पर हर साल 8450 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा।
एरियर का बकाया भी मिलेगा
मिनिस्टर ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 सेजून 2022 तक के एरियर या बकाया भी मिलेगा। इसके मद में 23,638.07 करोड़ की राशि बनती है। ठाकुर ने कहा कि इसका लाभ सभी आर्म्ड फोर्सेज से रिटायर होनेवालों और फैमिली पेंशनर्स को मिलेगा। इसका फायदा 4.52 लाख नये लाभार्थियों सहित सशस्त्र बलों के 25.13 लाख पेंशनधारकों एवं फैमिली पेंशनर्स को मिलेगा।
ऐसा है प्रावधान
सरकारी बयान के अनुसार, पिछले पेंशनभोगियों की पेंशन कैलेंडर 2018 में समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक पर रिटायर होने वाले आर्म्स फोर्सेज कर्मचारियों की मिनिमम पेंशन के औसत के आधार पर फिर से निर्धारित होगी। इसमें कहा गया है कि बकाये का भुगतान चार छमाही किश्तों में होगा। हालांकि, विशेष/उदारीकृत फैमिली पेंशन पानेवालों और वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित सभी फैमिली पेंशनर्स को एक किश्त में बकाये का भुगतान होगा। बयान के अनुसार, अनुमानित वार्षिक वित्तीय प्रभाव की गणना 8450.04 करोड़ रुपये की गई है जो 31 परसेंट महंगाई राहत के रूप में है।नये प्रोपोजल के तहत एक जुलाई 2019 से पहले सेवानिवृत्त हुए सभी सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों को अब इसमें शामिल किया गया है। वन रैंक-वन पेंशन का लाभ अब 25 लाख से ज्यादा सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों को मिलेगा।अब तक तक इस स्कीम के तहत 20 लाख सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी और उनके परिवार को ही लाभ मिलता था।
31 हजार 450 करोड़ रुपये होंगे खर्च
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि वन रैंक वन पेंशन स्कीम में शामिल किये गये पेंशनर्स और उनके परिवारों को जुलाई 2019 से जून 2022 तक एरियर दिया जायेगा। इस पर लगभग 23 हजार करोड़ खर्च होंगे। उन्हें महंगाई भत्ता भी दिया जायेगा, जिस पर लगभग 8450 करोड़ रुपये खर्च होंगे। विदित हो कि वन रैंक वन पेंशन स्कीम की शुरूआत एक जुलाई 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद शुरू किया था।
सभी को मिलेगा फ्री राशन, 81.35 करोड़ लोगों को होगा फायदा
सेंट्रल गवर्नमेंट ने सभी को मुफ्त अऩाज देने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से देश के 81.35 करोड़ लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राशन प्रणाली में सस्ती दरों पर उपभोक्ताओं को बांटे जाने वाले अनाज के लिए अब कार्ड धारकों को कोई भुगतान नहीं करना होगा।
31 दिसंबर 2023 तक मिलेगी सुविधा
पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह सुविधा 31 दिसंबर 2023 तक दी जाएगी। सरकार के इस निर्णय से खजाने पर दो लाख करोड़ रुपये का भारी बोझ आएगा, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया है। कैबिनेट के फैसले की जानकारी केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामले मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों को दी।
अब अनाज के लिए नहीं देना पड़ेगा पैसा
कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब किसी भी उपभोक्ता से राशन प्रणाली के अनाज का कोई मूल्य नहीं लिया जायेगा। कोविड-19 के दौरान लोगों की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर सरकार पिछले 28 महीने से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत सभी कार्डधारकों को एनएफएसए में मिलने वाले अनाज के अतिरिक्त हर महीने पांच किलो अनाज मुफ्त दिया जा रहा था। इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2022 थी, उसके समाप्त होने से पहले ही सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए पूरे एक साल का तोहफा घोषित कर दी है।
दो लाख करोड़ रुपये होंगे खर्च
खाद्य मंत्री गोयल ने कहा कि दो योजनाओं की जगह अब इसे एक कर दिया गया है। राशन प्रणाली पर बांटे जाने वाले अनाज पर कुल सब्सिडी लगभग दो लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान है, जिसे केंद्र सरकार वहन करेगी।
देश की दो तिहाई आबादी को मिलेगा फायदा
कहा जा रहा है कि यह फैसला जहां गरीबों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा, वहीं इसका राजनीतिक महत्व भी देखा जा रहा है। खासतौर पर तब जबकि इसी साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव है और 2024 की शुरूआत में लोकसभा चुनाव।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश की दो तिहाई आबादी यानी 81.35 करोड़ लोगों को अति रियायती दरों पर अऩाज उपलब्ध कराया जाता है। इसके तहत राशन कार्डधारक उपभोक्ताओं को सस्ती दर की राशन दुकानों से जहां तीन रुपये प्रति किलो की दर से चावल, दो रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और एक रुपये प्रति किलो की दर से मोटा अनाज दिया जाता है। इसमें प्रत्येक सामान्य उपभोक्ता को हर महीने पांच किलो की दर से अनाज बांटा जाता है, जबकि अंत्योदय वर्ग के उपभोक्ताओं को अनाज की यह मात्रा सात किलो प्रति व्यक्ति होती है। यानी प्रत्येक सामान्य परिवार को 25 किलो और अंत्योदय वर्ग के परिवार को 35 किलो अनाज दिया जाता है।