अफ्रीका में फंसे झारखंड के 33 श्रमिकों में सात लौटे, सीएम हेमंत सोरेन की पहल ने करायी वतन वापसी

अफ्रीकी देश माली में फंसे झारखंड के 33 श्रमिकों में से सात लोग शनिवार को अपने वतन झारखंड लौट आये।कंपनी वालों ने सभी मजदूरों का वेतन का भुगतान बंद कर दिया था। झारखंड गवर्नमेंट की पहलकंपनी वालों को इस बात के लिए मजबूर किया गया है कि वे इन श्रमिकों की पारिश्रमिक का भुगतान करें। 

अफ्रीका में फंसे झारखंड के 33 श्रमिकों में सात लौटे, सीएम हेमंत सोरेन की पहल ने करायी वतन वापसी

रांची। अफ्रीकी देश माली में फंसे झारखंड के 33 श्रमिकों में से सात लोग शनिवार को अपने वतन झारखंड लौट आये। कंपनी वालों ने सभी मजदूरों का वेतन का भुगतान बंद कर दिया था। झारखंड गवर्नमेंट की पहलकंपनी वालों को इस बात के लिए मजबूर किया गया है कि वे इन श्रमिकों की पारिश्रमिक का भुगतान करें। 

धनबाद: प्रमोद सिंह बैंक मोड़ व रणधीर बने कतरास पुलिस स्टेशन इंचार्ज, इंस्पेक्टर रास बिहारी लाल लाइन क्लोज

गिरिडीह और हजारीबाग के हैं सभी श्रमिक
पश्चिमी अफ्रीका के माली में फंसे सभी 33 श्रमिक गिरिडीह और हजारीबाग के हैं।. इनमें दिलीप कुमार, छेदीलाल महतो, संतोष महतो, लालमणि महतो, इंद्रदेव ठाकुर, लोकनाथ महतो और इंद्रदेव प्रसाद की भारत वापसी हो गयी है। , श्रमिकों का दूसरा जत्था रविवार को माली से रवाना हो सकता है। झारखंड गवर्नमेंट की ओर से यह जानकारी दी गयी है। 

सीएम हेमंत सोरेन से सोशल मीडिया पर श्रमिकों ने लगायी थी गुहार
माली में फंसे श्रमिकों और उनके परिजनों ने जनवरी 2022 में सोशल मीडिया के माध्यम से स्थिति से सीएम सोरेन और श्रम मंत्री को अवगत कराया था. मुख्यमंत्री को बताया गया कि वे सभी वर्ष 2021 से कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड में फिटर के रूप में काम कर हैं। कंट्रेक्टर ने उनका पासपोर्ट जब्त कर रखा है। कंट्रेक्टर खुद भारत वापस लौट गया है।

राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने सुनिश्चित करायी घर वापसी
श्रमिकों ने सीएम से गुहार लगाते हुए कहा था कि तीन महीने से ज्यादा हो गये, लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया गया। उनके पास सिर्फ दो दिन का खाना ही बचा है। मामले का संज्ञान लेते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को श्रमिकों की सुरक्षित वापसी का आदेश दिया। इसके बाद राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी के कंट्री हेड एवं मैनेजर से संपर्क कर उन्हें श्रमिकों की समस्या से अवगत कराया।उनके खाने-पीने की उचित व्यवस्था और वेतन का भुगतान करने को कहा गया।

भारतीय दूतावास ने निभायी अहम भूमिका
मामले की गंभीरता को देखते हुए माली स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क किया गया। उसे घटना के बारे में पूरी जानकारी दी गयी। दूतावास ने कंपनी, कंट्रेक्टर एवं श्रमिकों के प्रतिनिधियों को दूतावास कार्यालय में बातचीत के लिए बुलाया। इसके बाद तीनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने दूतावास कार्यालय में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये। इसके बाद श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई। संभावना है कि अब कि शेष 26 लोग भी जल्द अपने घर पहुंच जायेंगे।