नई दिल्ली। बीजेपी ने बीजेपी ने महाराष्ट्र की सियासत में पकड़ रखने वाले विनोद तवड़े को बिहार व उत्तर प्रदेश बीजेपी के एक्स प्रसिडेंट डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी को झारखंड का प्रभारी बनाया है।
विनोद तावड़े सबसे कम उम्र में बने थे मुंबई महानगर बीजेपी अध्यक्ष
बीजेपी ने महाराष्ट्र की सियासत में पकड़ रखने वाले विनोद तवड़े को बिहार का प्रभारी बनाया है। भूपेन्द्र यादव के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से बिहार प्रभारी का पद खाली था। तावड़े महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री के साथ ही मुंबई महानगर बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। तावड़े के नाम एक रिकार्ड भी दर्ज है।विनोद तावड़े को 1995 में पहली बार बीजेपी की तरफ से महाराष्ट्र महासचिव बनाया गया। उनके सांगठनिक क्षमता को देखते हुए नेतृत्व ने उन्हें 2002 में ये जिम्मेदारी फिर से सौंपी। तावड़े का सियासी सफर आगे बढ़ता गया। 1999 में उन्हें मुंबई महानगर इकाई के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी बीजेपी ने दी। बताया जाता है कि इस पद के लिए चुने गये सबसे कम उम्र के कैंडिडेट होने का रिकार्ड उनके नाम है।
। विनोद तावड़े के पास बिहार से पहले हरिणाया की जिम्मेदारी थी। विनोद तावड़े फिलहाल बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री हैं। वो बाल स्वंय सेवक भी रहे हैं। कुशल संगठनकर्ता के साथ कुशल प्रशासक भी माने जाते हैं।विनोद तावड़े 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें बोरीवली विधानसभा सीट से कैडिडेट बनाया। तावड़े ने जीत दर्ज की। देवेन्द्र फडणवीस की सरकार में उन्हें शित्रा विभाग समेत उच्च और तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, मराठी भाषा और सांस्कृतिक मामलों का मंत्री बनाया गया। तावड़े 12वीं और 13वीं लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की समन्वय समिति के प्रमुख सदस्य थे।
यूपी बीजेपी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं लक्ष्मीकांत बाजपेयी
उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को पार्टी ने झारखंड के प्रभारी बनाया है। लक्ष्मीकांत भाजपा के कद्दावर नेता होने के साथ ही बीजेपी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा भी हैं। उन्हें मई 2022 में ही पार्टी ने उच्च सदन भेजा था।इससे पहले उन्हें राज्यसभा में बीजेपी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया था। लक्ष्मीकांत बाजपेयी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ही बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनाव में 73 सीटें जीती थीं। उन्होंने मुलायम सिंह यादव परिवार की बहू अपर्णा यादव, साढ़ू प्रमोद गुप्ता, रायबरेली की कांग्रेस एमएलए अदिति सिंह समेत सपा के कई नेताओं को पार्टी में शामिल कराया था।
बाजपेयी को मई 2022 में राज्यसभा भेजा गया
डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को एक्स सीएम कल्याण सिंह के शिष्य बताया जाता है। उनके भाषणों में कल्याण सिंह की छाप झलकती है। बाजपेयी 14 साल की उम्र में जनसंघ से जुड़ गये थे। उन्हें 1977 में जनता पार्टी के यूथ विंग का अध्यक्ष बनाया गया था। 1980 में भाजपा मेरठ के महासचिव बने।लक्ष्मीकांत बाजपेयी उत्तर प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष भी बने। 1989 में वह मेरठ की शहर सीट से पहली बार एमएलए चुने गये। वे 1993 में वे चुनाव हार गये। 1996 में वह दूसरी बार एमएलए बने। 2002 में वह फिर चुनाव जीते और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे लेकिन 2007 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2012 में वह फिर एमएलए बने। दिसंबर 2012 में भाजपा ने उन्हें उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा में उन्हें फिर से निराशा हाथ लगी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने चुनाव न लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। हालांकि बाद में बीजेपी ने उन्हें ज्वाइनिंग कमेटी का अध्यक्ष बना दिया गया। बीजेपी ने 70 की उम्र पार कर चुके लक्ष्मीकांत को मई 2022 में ही राज्यसभा भेज दिया।