सब इंस्पेक्टर रूपा तिर्की मौत मामला: 66 दिन बाद फिर साहिबगंज पहुंची CBIटीम , मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर्स से की बातचीत
साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम 66 दिन बाद चौथी बार मंगलवार को साहिबगंज पहुंची। सीबीआई इंस्पेक्टर जीके अंशु के नेतृत्व में दो सदस्यीय सीबीआई की टीम ने रूपा की बॉडी का पोस्टमार्टम करने वाली मेडिकल टीम के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम के बार में बातचीत की। डॉक्टर्स व अफसरों से कई अहम जानकारी ली।
- चौथी बार पहुंची है जांच टीम
रांची। साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम 66 दिन बाद चौथी बार मंगलवार को साहिबगंज पहुंची। सीबीआई इंस्पेक्टर जीके अंशु के नेतृत्व में दो सदस्यीय सीबीआई की टीम ने रूपा की बॉडी का पोस्टमार्टम करने वाली मेडिकल टीम के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम के बार में बातचीत की। डॉक्टर्स व अफसरों से कई अहम जानकारी ली।
सीबीआई इंस्पेक्टर जीके अंशु के नेतृत्व के तीसरी बार की तरह इस बार भी दो सदस्यीय टीम ही साहिबगंज आयी है। इस बार टीम के एक सदस्य को बदल दिया गया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रही रूपा तिर्की मौत मामले की जांच कर रही है। रुपा तिर्की की मौत के बाद पहली बार सीबीआई की टीम नौ सितंबर 2021 को साहिबगंज आयी थी। जांच व पूछताछ के 16 वें दिन 24 सितंबर 2021 को पटना लौट गयी थी। इसके चार दिन बाद फिर वापस सीबीआई आठ अक्टूबर 2021 को साहिबगंज आकर मेडिकल बोर्ड के मेंबर से पूछताछ के बाद फिर वापस पटना चली गयी थी। तीसरी बार सीबीआई की टीम 23 नवंबर को साहिबगंज आयी थी। सीबीआइ टीम तीनों दिनों तक जांच के बाद 26 नवंबर 2021 को वापस पटना लौट गयी थी। इसके बाद 66 दिन बाद एक फरवरी 2022 मंगलवार को सीबीआई की टीम फिर साहिबगंज आयी है।
डॉक्टर्स व अफसरों से बातचीत
बताया जाता है कि सीबीआई की टीम जैसे ही साहिबगंज पहुंची, सबसे पहले सदर अस्पताल पहुंचकर मेडिकल टीम में रहे डॉक्टर से पोस्टमार्टम को लेकर जानकारी हासिल की। इसके बाद सीबीआइ टीम इस मामले में मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्त अफसर संजय प्रसाद से मुलाकात की।कहा जा रहा है कि सीबीआई टीम जिरवाबाड़ी पुलिस स्टेशन पहुंचकर वहां कुछ अहम जानकारी ली है।
न्यायिक जांच आयोग ने झारखंड गवर्नमेंट को सौंप चुका है रिपोर्ट
साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी सह सब इंस्पेक्टर रूपा तिर्की सुसाइड मामले में एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट 22 जनवरी को सौंप दी है। न्यायिक जांच की रिपोर्ट नई दिल्ली में झारखंड सरकार के स्थानीय आयुक्त मस्तराम मीणा को सौंपी थी। मामले की जांच झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे जस्टिस बीके गुप्ता कर रहे थे। चीफ जस्टिस बीके गुप्ता ने रिपोर्ट सौंपने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा था कि झारखंड सरकार ने इस आयोग का गठन आठ जून 2021 को किया था। इसकी आयोग की कुल चार बैठक हुई। इस दौरान कई लोग उपस्थित हुए। इसके बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए रूपा के परिजन
चीफ जस्टिस रहे जस्टिस बीके गुप्ता ने यह भी कहा कि कई बार पत्राचार के बावजूद रूपा तिर्की के परिवार के लोग आयोग के समक्ष अपनी बात रखने के लिए उपस्थित नहीं हुए। इसलिए आयोग की जांच रिपोर्ट में उनका पक्ष शामिल नहीं है।
राज्य सरकार कर सकती है रिपोर्ट सार्वजनिक
न्यायिक जांच आयोग की इस रिपोर्ट को अब झारखंड सरकार चाहे तो सार्वजनिक भी कर सकती है। यह भी संभव है कि आने वाले विधानसभा सत्र में सरकार इसे पेश करे। वैसे इतना तो तय है कि विपक्षी पार्टिंयां अब इसे सार्वजनिक करने की मांग उठा सकती हैं। हाई कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआइ कर ही रही है।
सरकारी क्वार्टर में रूपा में तीन मई 2021 को कर ली थी सुसाइड
महिला थाना प्रभारी सह 2018 बैच के सब इंस्पेक्टर रूपा तिर्की की बॉडी पुलिस लाइन स्थित उनके क्वार्टर में तीन मई की रात फंदे से लटका मिला था। इस मामले में यूडी केस दर्ज किया गया था। बाद में राजमहल इंस्पेक्टर राजेश कुमार के बयान पर उस केस को मर्डर के लिए उकसाने की धाराओं में परिवर्तित किया गया। जांच के लिए गठित एसआइटी ने आठ मई को चाईबासा में पोस्टेडे एसआइ शिव कुमार कनौजिया को पूछताछ के लिए बुलाया था। एसआइटी के प्रमुख तत्कालीन डीएसपी संजय कुमार के समक्ष उसका बयान कलमबंद हुआ था। पूछताछ के बाद शिव को नौ मई को अरेस्ट कर ज्यूडिशियल में भेज दिया गया था। बाद में कांड की जांच साहिबगंज इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी को सौंपी गई। उन्होंने तीन जून को ही यहां कोर्ट में कनौजिया के विरुद्ध चार्जशीट समर्पित कर दिया था। मामले का ट्रायल चल रहा है। इसी बीच कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने जांच शुरू कर दी। मामला में शिव कुमार कनौजिया को बेल मिल चुकी है।
रूपा की मां ने पंकज मिश्रा व दो बैचमेट पर लगाये हैं गंभीर आरोप
रूपा तिर्की की मां पद्यमावती उराईन ने सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत तीन लोगों के खिलाफ प्रताड़ित करने की शिकायत की थी। मनीषा कुमारी व ज्योत्सना महतो पर प्रताडऩा का आरोप लगाया। कहा था कि दोनों उसे जेएमएम लीडर पंकज मिश्रा के पास ले गई थी। रूपा तिर्की की मां ने तीन लोगों पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की थी। हालांकि, उस आवेदन पर एफआइआर दर्ज नहीं की गई। इस आरोप पर सीबीआइ ने पंकज मिश्रा से पूछताछ की।हालांकि पुलिस का कहना था कि सब इंस्पेक्टर शिव कुमार कनाैजिया और तिर्की के बीच प्रेम संबंध था। दोनों के बीच विवाद हुआ। अवसाद में तिर्की ने सुसाइड कर ली। लेकिन परिजन और विरोधी दलों के नेता इसे मानने को तैयार नहीं हुए। बाद में रांची हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आदेश दिया है। सीबीआइ मामले की जांच कर रही है। पंकज मिश्रा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि के साथ-साथ झामुमो के केंद्रीय सचिव हैं। हेमंत सोरेन साहिबगंज के बरहड़वा विधानसभा क्षेत्र से एमएलए हैं। सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा हैं।सीएम की अनुपस्थिति में उनका सारा काम पंकज ही देखते हैं।सीबीआइ पंकज मिश्रा से भी पूछताछ कर चुकी है।