धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, CJI ने कहा- युवा जज की मौत दुर्भाग्यपूर्ण
धनबाद के जिलाएंव सत्र न्यायधीश उत्तम आनंद की मर्डर मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि दुर्भाग्य से इस देश में यह एक नया चलन है। यहां जस्टिस को कंपलेन करने की कोई स्वतंत्रता नहीं है। भले ही जस्टिस पुलिस या सीबीआई से शिकायत करते हैं लेकिन वे कोई जवाब नहीं देते हैं।
- स्टेट गवर्नमेंट की विफलता
- धनबाद में कोल माफिया सक्रिय
- जजों की सुरक्षा कौन देगा
- IB, CBI न्यायपालिका की नहीं कर रहे मदद
नई दिल्ली। चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने जजों की सुरक्षा के मामले में स्वत: संज्ञान लेकर की जा रही सुनवाई के दौरान कहा कि कई बार हाई प्रोफाइल लोगों या गैंगस्टर के क्रिमिनल मामलों में जजों को धमकियां मिलती हैं। लओर कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट के जजों तक को धमकाया जाता है। बेंच ने कहा कि जजों को कंपलेन दर्ज कराने की आजादी तक नहीं है। भले ही जस्टिस पुलिस या सीबीआई से शिकायत करते हैं लेकिन वे कोई जवाब नहीं देते हैं। आईबी, सीबीआई न्यायपालिका की बिल्कुल भी मदद नहीं कर रहे हैं। मैं यह बयान जिम्मेदारी की भावना के साथ दे रहा हूं।
सुप्रीम कोर्ट ने सात दिनों में सेंट्रलसे मांगा जवाब,नौ अगस्त को होगी मामले पर अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद के जिला एंव सत्र न्यायधीश उत्तम आनंद की मर्डर मामले में शुक्रवार को कड़ी टिप्पणी की है।जज मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार पर टिप्पणी करते हुए तल्ख़ लहजे में कहा कि युवा जज की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह राज्य सरकार की विफलता है।
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में दायर याचिका का हवाला देते हुए कहा कि देश भर में ऐसे उदाहरण हैं जहां असामाजिक तत्व कोर्ट कैंपस में इंट्री कर रहे हैं। आज हम एजी से इसपर राय चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सात दिनों के भीतर इस मामले पर सेंट्रल गवर्नमेंट से जवाब मांगा है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा मुझे खेद है कि सीबीआई ने कुछ नहीं किया। अब आपको ऐसे मामलों का ध्यान रखना होगा। इस देश में एक नया चलन है। यदि कोई शक्तिशाली हाई प्रोफाइल व्यक्ति के खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित किया जाता है तो वह और उसका गैंग न्यायपालिका को बदनाम करता है। वे सोशल मीडिया, फेसबुक, ट्विटर आदि पर न्यायाधीशों को धमकाते और गाली देते हैं। कई मामलों की शिकायतें सीबीआई को भेजी गयी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम सीबीआई को सुनना चाहते हैं।सभी राज्य भी हलफनामा दाखिल करें कि जजों को सुरक्षा देने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं?
सीबीआइ पर तल्ख टिप्पणी
पीठ ने कहा कि एक दो मामलों में सीबीआइ जांच के आदेश दिये गये, लेकिन बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि सेंट्रल एजेंसी ने कुछ नहीं किया। एक साल से ज्यादा समय हो गया है। बेंच ने कहा कि उन्हें अपेक्षा थी कि सीबीआइ के रवैये में कुछ बदलाव आएगा, परंतु ऐसा नहीं हुआ। जस्टिस रमना ने कहा कि वह ये बात पूरी जिम्मेदारी से कह रहे हैं। वे घटनाएं जानते हैं। इसलिए ऐसा कह रहे हैं। इससे ज्यादा और नहीं कहेंगे। मामला गंभीर है। बेंच ने वेणुगोपाल से कहा कि वह इस मामले में रुचि लें और न्यायपालिका की मदद करें।
अटार्नी जनरल ने भी जताई चिंता
वेणुगोपाल ने भी जजों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि जज खतरे की जद में रहते हैं। जज को नौकरशाहों से भी ज्यादा खतरा है, क्योंकि नौकरशाह बंद कमरे में फैसले लेते हैं जबकि जज खुली अदालत में फैसले सुनाते हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि वह इस मामले में एक लिखित नोट कोर्ट में दाखिल करेंगे।
झारखंड को फटकार
धनबाद में जज उत्तम आनंद की मर्डर के मामले में झारखंड के एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच सीबीआइ को दे दी गई है। सीबीआइ ने मामला दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है। इस पर बेंच ने कहा कि आपने हाथ झाड़ लिए। एजी ने कहा कि राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए 22 सदस्यीय एसआइटी गठित की थी। दो आटो ड्राइवरों को अरेस्ट किया था। एसआइटी ने साक्ष्य एकत्र किये थे। बें ने उनसे पूछा कि आपने हलफनामे में जजों को सुरक्षा देने का जो भरोसा दिलाया है आप उसे पूरा कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि राज्य की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
धनबाद में कोयला माफिया सक्रिय,जज कॉलोनी में कोई सुरक्षा क्यों नहीं ?
जस्टिसन्यायमूर्ति रमन्ना ने कहा कि जजों की कॉलोनी में कोई सुरक्षा क्यों नहीं दी गई। एक नौजवान ऑफिसर की मौत हो गई। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। धनबाद में कोयला माफिया इतने सक्रिय हैं। ऐसे में जजों को सुरक्षा कौन देगा। इसपर झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जजों की कॉलोनी में चारों तरफ से बॉन्ड्री करा दी गई है। जस्टिस रमन्ना ने कहा कि गैंगस्टर के लिए बॉउन्ट्री वॉल कोई मायने नहीं रखता। उससे आगे जाकर सुरक्षा देनी होगी।
फ्लैश बैक
धनबाद में रणधीर वर्मा चौक के समीप 28 जुलाई की अहले सुबह मॉर्निंग वॉक के दौरान एक ऑटो के धक्के से जज उत्तम आनंद की मौत हो गई थी। मामले का एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था जिसमें ऑटो बांयी ओर जाकर जज को धक्का मार फिर सीधा रोड से भागते हुए देखा गया। फुटेज के आधार पर पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना में प्रयुक्त ऑटो बरामद कर लिया।ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया। दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गयी।
सीएम हेमंत सोरेन की पहल पर मामले की त्वरित इन्विस्टीगेशन और दोषियों को दबोचने के लिए एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया था। झारखंड गवर्नमेंट ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की थी। सीबीआइ दिल्ली क्राइम ब्रांच स्पेशल सेल ने मामले मेंए फआइआर दर्ज कर पुलिस से केस टेकअवोर कर ली है। सीबीआइ की टीम धनबाद पुलिस मामले की जांच शुरु कर दी है। जज मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट व जारखंड हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है।