TS Singh Deo: शाही फैमिली से हैं टीएस सिंहदेव, 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता में लाने में निभाई अहम भूमिका
कांग्रेस ने सीनीयर पार्टी लीडर टीएस सिंह देव को बुधवार को छत्तीसगढ़ का डिप्टी बनाया है। रायपुर शाही परिवार से आनेवाले टीएस सिंहदेव का जन्म 31 अक्टूबर 1952 को हुआ है। टीएस सिंह देव का पूरा नाम त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव है।
- 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता में लाने में निभाई अहम भूमिका
रायपुर। कांग्रेस ने सीनीयर पार्टी लीडर टीएस सिंह देव को बुधवार को छत्तीसगढ़ का डिप्टी बनाया है। रायपुर शाही परिवार से आनेवाले टीएस सिंहदेव का जन्म 31 अक्टूबर 1952 को हुआ है। टीएस सिंह देव का पूरा नाम त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव है।
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सरगुजा के महाराजा हैं टीएस सिंह देव
टीएस सिंहदेव ने भोपाल के हमीदिया कॉलेज से इतिहास में एमए किया है। वह शल्युजा शाही परिवार से आने वाले देव छत्तीसगढ़ राजघराने के 118वें राजा हैं। कहा जाता है कि वह अपने क्षेत्र अंबिकापुर में मुख्यालय के साथ सरगुजा के वर्तमान महाराजा भी हैं। हालांकि, वह सरगुजा के सिंहासन पर बैठने वाले सबसे अंतिम राजा हैं।
छत्तीसगढ़ राजघराने के 118वें राजा हैं देव
टीएस सिंहदेव ने भोपाल के हमीदिया कॉलेज से इतिहास में एमए किया है। वह शल्युजा शाही परिवार से आने वाले देव छत्तीसगढ़ राजघराने के 118वें राजा हैं। उनके माता का नाम राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव और पिता का नाम मदनेश्वर सरन सिंह देव है। सरगुजा के महाराजा देव राज्य विधानसभा में अपनी पूर्ववर्ती रियासत की राजधानी अंबिकापुर का प्रतिनिधित्व करते हैं। देव को उनके क्षेत्र के लोग "टीएस बाबा" के नाम से बुलाते हैं।
अंबिकापुर से तीसरी बार बने हैं एमएलए
टीएस सिंहदेव साल 2008 में पहली बार छत्तीसगढ़ विधानसभा में अंबिकापुर (जिला सरगुजा) से एमएलए निर्वाचित हुए। वर्ष 2013 में फिर से दोबारा अपने इस क्षेत्र से निर्वाचित हुए और विधानसभा पहुंचे। टीएस सिंह देव जनवरी 2014 को विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष चुने गये। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को राज्य की सत्ता में भारी बहुमत से लाने में मदद की। 2018 के चुनावों में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी बीजेपी कैंडिडेट अनुराग सिंह देव को हराकर 39,624 वोटों अंतर से जीत हासिल की थी।
स्टेट के सबसे अमीर एमएलए हैं टीएस सिंह देव
वर्ष 2013 के आंकड़ों के हिसाब से देव राज्य के सबसे अमीर एमएलए हैं। आंकड़ें बताते हैं कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और मिजोरम के सभी एमएलए की संपत्ति को मिला दिया जाए तो उनकी संपत्ति के बराबर है। अंबिकापुर से एमएलए देव ने अपने शपथ पत्र में बताया था कि उनकी संपत्ति 500 करोड़ से भी अधिक है। वर्ष 2013 में उनकी कुल संपत्ति 504 करोड़ से अधिक थी।
टीएस सिंहदेव के पिता एमएस सिंहदेव मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव व बाद में योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे। उनकी मां देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मध्यप्रदेश मेंदो बार मंत्री रही। उस समय कहा जाता था कि सरगुजा के लिए मुख्यमंत्री राजपरिवार ही है। छत्तीसगढ़ गठन के बाद जोगी की सरकार बनी तो सरगुजा राजपरिवार हासिए पर चला गया। तत्कालीन सीएम अजीत जोगी ने उपेक्षा के बीच चुनाव के कुछ माह पूर्व टीएस को वित्त आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया। वर्ष 2008 मेंपरिसीमन के बाद अंबिकापुर सीट सामान्य हुई तो टीएस सिंहदेव अपना पहला चुनाव 980 मतों के मामूली अंतर से जीता। दूसरेचुनाव में जीत का अंतर 19,400 एवं तीसरे चुनाव में लगभग 40 हजार पहुंच गया। वर्ष 2013 से 2018 तक वेनेता प्रतिपक्ष रहे।