आसमान में उड़ रहे प्लेन में बच्ची की थमने लगीं सांसें, AIIMS के डॉक्टरों के कौशल और प्रबंधन से बच गई जान
आसमान में उड़ रहे प्लेन में बच्ची की सांसें थमने लगीं। प्लेन में सफर कर रहे AIIMS दिल्ली के पांच डॉक्टरों के कौशल और प्रबंधन से बच्ची की जान बच गयी। शायद डॉक्टरों को इसीलिए भगवान का दर्जा दिया जाता है।
नई दिल्ली। आसमान में उड़ रहे प्लेन में बच्ची की सांसें थमने लगीं। प्लेन में सफर कर रहे AIIMS दिल्ली के पांच डॉक्टरों के कौशल और प्रबंधन से बच्ची की जान बच गयी। शायद डॉक्टरों को इसीलिए भगवान का दर्जा दिया जाता है।
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#Always available #AIIMSParivar
— AIIMS, New Delhi (@aiims_newdelhi) August 27, 2023
While returning from ISVIR- on board Bangalore to Delhi flight today evening, in Vistara Airline flight UK-814- A distress call was announced
It was a 2 year old cyanotic female child who was operated outside for intracardiac repair , was… pic.twitter.com/crDwb1MsFM
यह है मामला
विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या यूके-814 27 अगस्त की शाम बेंगलुरु से दिल्ली के रास्ते में थी, इसी दौरान घोषणा हुई कि प्लेन में दो साल की बच्ची बेहोश हो गई है। वह ठीक से सांस नहीं ले पा रही थी। कुछ समय पहले ही उसके हार्ट का ऑपरेशन हुआ था। वह जन्मजात हृदय रोग (सायनोटिक) से पीड़ित थी। AIIMS नई दिल्ली के पांच डॉक्टर विस्तारा की उस उड़ान से दिल्ली आ रहे थे। तत्काल बच्ची की जांच की गई। उसकी पल्स गायब थी। हाथ-पैर ठंडे पड़ चुके थे, बच्ची सांस नहीं ले पा रही थी।
डॉक्टरों ने प्लेन में ही तुरंत सीपीआर शुरू किया गया जबकि संसाधन सीमित थे। एम्स के डॉक्टरों के कौशल और प्रबंधन की बदौलत ने बच्ची की जान बच गई। एम्स, नई दिल्ली के ट्विटर (एक्स) हैंडल से जब यह कहानी सोशल मीडिया के जरिए देशवासियों को मिली। इसके बाद लोगों के दिलों में अपने डॉक्टरों के प्रति सम्मान की भावना और बढ़ गई। AIIMS ने बताया कि प्लेन में ये पांच डॉक्टर डॉ. नवदीप कौर- सीनियर रेजिडेंट एनेस्थीसिया, डॉ. दमनदीप सिंह- सीनियर रेजिडेंट कार्डियक रेडियोलॉजी, डॉ. ऋषभ जैन- पूर्व सीनियर रेजिडेंट एम्स रेडियोलॉजी, डॉ. ओशिका- सीनियर रेजिडेंट ओबीजी व डॉ. अविचल- सीनियर रेजिडेंट कार्डियक रेडियोलॉजी थे।