गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक का ट्रांसफर, लिस्ट में आठ अन्य जजों का भी नाम
सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने तीन हाई कोर्ट के नौ जजों का ट्रांसफर किया है। इनमें मोदी सरनेम मानहानि केस की सुनवाई करने वाले गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक भी शामिल हैं।
- प्रच्छक ने मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की सजा पर रोक से कर दिया था इनकार
- सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम में तीन हाई कोर्ट के नौ जजों का किया ट्रांसफर
- कॉलेजियम ने सरकार को भेजी अनुशंसा
- लिस्ट में गुजरात हाई कोर्ट के चार, पंजाब एंड हरियाणा के तीन जज शामिल
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने तीन हाई कोर्ट के नौ जजों का ट्रांसफर किया है। इनमें मोदी सरनेम मानहानि केस की सुनवाई करने वाले गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक भी शामिल हैं।
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कॉलेजियम ने प्रच्छक के अलावा गुजरात हाई कोर्ट के तीन अन्य जस्टिस का भी ट्रांसफर किया है। सूरत कोर्ट से मोदी सरनेम मानहानि केस में सजा मिलने के बाद राहुल गांधी सूरत की सेशन कोर्ट में गये थे। वहां से राहत नहीं मिलने पर राहुल गांधी ने हाई कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की मांग वाली अपील पर जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक ने सुनवाई की थी। जस्टिस प्रच्छह ने सुनवाई पूरी होने के 66 दिन के बाद फैसला सुनाया था। इसमें उन्होंने सजा पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया था। जस्टिस प्रच्छक ने अपने फैसले में निचली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट ने जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत दी थी। तो हाई कोर्ट के फैसले को लेकर टिप्पणी भी की थी। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने हेमंत एम प्रच्छक समेत गुजरात हाई कोर्ट के चार जस्टिस के ट्रांसफर की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने प्रच्छक का ट्रांसफर पटना हाईकोर्ट किया है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने तीन अगस्त 2023 को हुई अपनी बैठक में न्याय के बेहतर प्रशासन के लिए हाई कोर्ट के नौ जस्टिस के ट्रांसफर की सिफारिश की है। जिनमेंसे चार केवल गुजरात से हाई कोर्ट से हैं।गुजरात हाई कोर्ट से जस्टिस हेमन्त एम प्रच्छक को पटना हाईकोर्ट, जस्टिस समीर जे दवे को राजस्थान, जस्टिस कुमारी गीता गोपी को मद्रास और जस्टिस अल्पेश वाई कोग्जे को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर की सिफारिश की गई है।
गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस समीर दवे ने हाल ही में कथित दंगा मामले के सबूत गढ़ने पर एफआईआर को रद्द करने की तीस्ता सीतलवाड की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। गुजरात HC की जस्टिस गीता गोपी ने दोषसिद्धि को सस्पेंड करने की राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के भी चार जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की गई है। इनमें जस्टिस अरविन्द सिंह सांगवान को इलाहाबाद, जस्टिस अवनीश झिंगन को गुजरात, जस्टिस राज मोहन सिंह को मध्य प्रदेश और जस्टिस अरुण मोंगा को राजस्थान हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक कुमार सिंह को मद्रास हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई है।
जस्टिस हेमंत एम. प्रच्छक
मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में राहुल गांधी द्वारा दाखिल पुनर्विचार याचिका को गुजरात हाईकोर्ट के जज हेमंत एम. प्रच्छक ने खारिज कर दिया था। हेमंत एम प्रच्छक का जन्म गुजरात के पोरबंदर में चार जून, 1965 को हुआ था। पोरबंदर में शुरूआती पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई भी उन्होंने पोबंदर में ही हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट के वकालत शुरू कर दी। वर्षों की प्रैक्टिस के बाद उन्होंने 2002 से लेकर 2007 तक सहायक सरकारी वकील और अतरिक्त सरकारी वकील के तौर पर काम किया। इसके बाद हेमंत एम प्रच्छक ने 2015 से लेकर 2019 तक केंद्र सरकार के केंद्र सरकार के स्थायी वकील के तौर काम किया। हेमंत एम प्रच्छक 18 अक्तूबर, 2021 में गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस बने थे।