गिरिडीह इनामी कृष्णा हांसदा समेत नौ नक्सलियों पर चलेगा देशद्रोह का मुकदमा
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के पारसनाथ जोन के कमांडर एवं इनामी कृष्णा हांसदा उर्फ अविनाश दा समेत नौ नक्सलियों के खिलाफ आतंकवाद व देशद्रोह का मुकदमा चलेगा।
- डीसी की अनुशंसा पर गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने दी
- पुलिस पर हमला करने की योजना बनाने का है आरोप
- पीरटांड़ के मंडलडीह के पास वर्ष 2017 में जमा हुए थे नक्सली
- पुलिस पर हमला कर आर्म्स लूटने की भी थी योजना
गिरिडीह। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के पारसनाथ जोन के कमांडर एवं इनामी कृष्णा हांसदा उर्फ अविनाश दा समेत नौ नक्सलियों के खिलाफ आतंकवाद व देशद्रोह का मुकदमा चलेगा। स्टेट गवर्नमेंट ने इसकी मंजूरी दे दी है। गिरिडीह के डीसी ने इसकी अनुशंसा गवर्नमेंट से की थी।
कृष्णा हांसदा पीरटांड़ ब्लॉक के मंडलडीह का रहनेवाला है। उसके खिलाफ पूर्व में भी देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी गवर्नमेंट दे चुकी है।कृष्णा हांसदा के अलावा निमियाघाट के पारगोतिलैया निवासी विजय मरांडी, पीरटांड़ के लेढ़वाटोला मंडलडीह निवासी विनोद हांसदा, खुखरा के दर्दमारा टोला जमुनियाटांड़ निवासी बैजनू किस्कू उर्फ जूना मरांडी उर्फ लैंगरा, खुखरा के ही करमाटांड़ निवासी दुर्गा टुडू, पीरटांड़ के लेढ़वा मंझलाडीह निवासी लक्ष्मण राय उर्फ रामा राय, मधुबन के पिपराटांड़ निवासी बैजनाथ महतो, खुखरा के हल्दी बेड़ा पलमा निवासी चुरामन मुर्मू एवं बोकारो जिले के पैक थाना निवासी बाबूलाल मुर्मू के खिलाफ सरकार ने पीरटांड़ पुलिस स्टेशन में वर्ष 2017 की 16 अप्रैल को एफआइआर दर्ज किया गया था। गवर्नमेंट ने मामले में गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूए (पी) एक्ट) के तहत अभियोजन चलाने की मंजूरी दी है।
यूए (पी) एक्ट
गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 में लाया गया था। बाद में 2019 में इसमें संशोधन किया गया। इसके तहत अब सिर्फ संस्थाओं को ही नहीं व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है। इसके लिए उस व्यक्ति का किसी आतंकी संगठन से संबंध दिखाना भी जरूरी नहीं है। गैर कानूनी गतिविधियों को देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को भंग करनेवाली कार्रवाई को बताया गया है।
क्या था मामला
पीरटांड़ के तत्कालीन थानेदार रूखसार अहमद की कंपलेन पर एफआइआर दर्ज की गयी थी। सूचना मिली थी कि कृष्णा हांसदा अपने दस्ते के साथ मंडलडीह के आसपास के जंगल में मौजूद थे। इस सूचना के आधार पर एएसपी ऑपरेशन के लीडरशीप में पुलिस एवं सीआरपीएफ की टीम ने इस इलाके की घेराबंदी की। इस दौरान नक्सली भागने लगे। पुलिस ने भागने के क्रम में बाबूलाल मुर्मू एवं विजय मरांडी नामक दो नक्सलियों को दबोच लिया था।
दोनों ने स्वीकार किया कि वे कृष्णा हांसदा के लिए काम करता है। मंझलाडीह के विनोद हांसदा के जरिए नक्सलियों को जरूरत के सामान आपूर्ति करता है। एक बड़े उग्रवादी की लड़की की शादी में फर्निचर खरीदने के लिए विनोद हांसदा ने उन्हें तीस हजार रुपये दिए थे। इसरी बाजार से फर्निचर खरीदकर विनोद हांसदा के घर पर रखा था। विनोद हांसदा के घर के पीछे झाड़ी में जमीन के नीचे पाइप बम बिछाकर रखा था। कृष्णा हांसदा के दस्ते में शामिल नक्सली पुलिस टीम पर हमले की साजिश रच रहे थे। इसी दौरान दोनों को पुलिस ने दबोच लिया। दोनों की निशानदेही पर विनोद हांसदा के घर से फर्निचर, बाइक, मोबाइल तथा विनोद हांसदा के घर के पीछे झाड़ी में जमीन के नीचे गड़ा हुआ पाइप बम बरामद किया गया था।