उत्तर प्रदेश: सीतापुर जेल से लखनऊ मेदांता हॉस्पीटल शिफ्ट हुए कोरोना पॉजिटिव आजम खां और अब्दुल्ला
कोरोना संक्रमित रामपुर से एमपी एमपी आजम खां और उनके बेटे को बेहतर इलाज के लिए मोदांता हॉस्पीटल लखनऊ शिफ्ट किया गया है। सीतापुर जेल में ही इलाज कराने पर अड़े आजम व बेटा अब्दुल्ला को कड़ी मशक्कत के बाद लखनऊ मेदांता हॉस्पीटल भेजा गया।
- हॉस्पीटल शिफ्टिंग से पहले जेल में घंटों चला ड्रामा
लखनऊ। कोरोना संक्रमित रामपुर से एमपी एमपी आजम खां और उनके बेटे को बेहतर इलाज के लिए मोदांता हॉस्पीटल लखनऊ शिफ्ट किया गया है। सीतापुर जेल में ही इलाज कराने पर अड़े आजम व बेटा अब्दुल्ला को कड़ी मशक्कत के बाद लखनऊ मेदांता हॉस्पीटल भेजा गया।
आजम के लखनऊ न जाने की जिद पर जेल कैंपस में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। एडीएम विनय पाठक, एसडीएम अमित भट्ट और कई थानों की पुलिस भी जेल पहुंच गई। प्रशासन के काफी समझाने के बाद आजम खां और बेटा अब्दुल्ला लखनऊ जाने के लिए तैयार हुए। एमपी की सुरक्षा में कई थानों की पुलिस के साथ एस्कार्ट को भी लगाया गया। परिजनों ने आजम खां और अब्दुल्ला का स्वास्थ्य पहले से बेहतर बताया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना पॉजिटिव एमपी आजम खां और बेटा अब्दुला के स्वास्थ्य को देखते हुए प्रशासन ने पहले भी दोनों को लखनऊ के कोविड हॉस्पीटल में शिफ्ट करने का प्रयास किया था। लेकिन दोनों राजी नहीं थे। दोनों के स्वास्थ्य को देखते हुए प्रशासन ने रविवार को फिर उन्हें लखनऊ के कोविड हॉस्पीटल भेजने की तैयारी शुरू कर दी थी। इसकी जानकारी होते ही आजम फिर से ना नुकुर करने लगे। प्रशासन ने कोरोना पॉजिटिव एमपी आजम और बेटा अब्दुल्ला को लखनऊ भेजने के लिए जेल परिसर में एंबुलेस के साथ पुलिस और प्रशासनिक अमला तैनात कर दिया था। डिप्टी जेलर ओमकार पांडेय ने बताया कि स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आजम और उनके बेटे को जेल से कोविड अस्पताल शिफ्ट का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन एमपी तैयार नहीं थे।
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक आज़म खान को कोरोना पॉजिटिव हुए 10 दिन हो गये हैं। आज़म खान के स्वास्थ्य को लेकर परिवार वाले चिंतित हैं। आज़म खां की तबीयत ठीक है। एहतियात के तौर पर सीतापुर जेल प्रशासन उन्हें व बेटे को लखनऊ मेदांता हॉस्पीटल शिफ्ट किया है।
आजम और बेटा अब्दुल्ला जांच के दौरान कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद से जेल प्रशासन उनके इलाज के लिए उन्हें लखनऊ रेफर करने की तैयारी कर रहा था। घंटो की मशक्कत के बाद भी इन्हें सीतापुर जेल से ले जाया नहीं जा सका था। एमपी ने लखनऊ मेडिकल कॉलेज में दी जाने वाली सुविधाओं से इंकार कर दिया था। इसके बाद से कोरोना संक्रमित एमपी और उनके पुत्र दोनों सीतापुर कारागार में ही बंद थे।