उत्तर प्रदेश: ब्रजेश सिंह से मुख्तार अंसारी को फिर मिली शिकस्त? अपने ही गवाह ने पहचानने से किया इनकार
उत्तर प्रदेश ते बाहुबली ब्रजेश सिंह से डॉन मुख्तार अंसारी को फिर शिकस्त मिली है। मुख्तार अंसारी को मंगलवार को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब उसी के गवाह तौकीर ने उसरी चट्टी कांड में ब्रजेश सिंह को पहचानने से इनकार कर दिया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश ते बाहुबली ब्रजेश सिंह से डॉन मुख्तार अंसारी को फिर शिकस्त मिली है। मुख्तार अंसारी को मंगलवार को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब उसी के गवाह तौकीर ने उसरी चट्टी कांड में ब्रजेश सिंह को पहचानने से इनकार कर दिया।
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गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट के एडीजे दुर्गेश की कोर्ट में बृजेश के खिलाफ बयान देने मुख्तार का गवाह तारिक अहमद कोर्ट पहुंचा। मिर्जापुर जेल से त्रिभुवन सिंह को भी पुलिस ने पेश किया। इस दौरान पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वर्चुअली जुड़ा। गवाह मोहम्मद तौकीर ने कोर्ट में कहा कि गोली चलानेवालों में अनिल सिंह को पहचानता है लेकिन बृजेश या त्रिभुवन को नहीं दिखने की बात कही। माना जा रहा है कि तौकीर की गवाही से ब्रजेश सिंह और त्रिभुवन को राहत मिल गई है। तौकिर ने जिस अनिल सिंह कोपहचाननेकी बात कही उसकी अब मौत हो चुकी है।
मुख्तार व बृजेश दोनों की होनी थी पेशी
उसरी चट्टी कांड मेंमुख्तार अंसारी के काफिलेपर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। तौकिर घायल हुआ था। मुख्तार अंसारी ने ब्रजेश सिंह पर हमले का आरोप लगाया था। मुख्तार की तरफ से तौकीर को ब्रजेश सिंह के खिलाफ बतौर गवाह पेश किया था। ने मुख्तार को बांदा कोर्ट से फिजिकली तलब किया था। मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमले के आरोप में बृजेश सिंह और त्रिभुवन पर यह केस चल रहा है। आरोपी बृजेश सिंह को भी पेश होने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया था।
2001 में गाजीपुर के उसरी चट्टी में दोनों गैंग के बीच हुआ था आमना-सामना
मामले में मुख्तार अंसारी की भी गवाही होनी थी। 21 साल पहले 2001 में गाजीपुर के उसरी चट्टी में दोनों गैंग के बीच आमना-सामना हुआ था। इसी मामले की सुनवाई गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। मुख्तार की फिजिकली पेशी टल गई और बृजेश सिंह कोर्ट में आया ही नहीं। उसकी तरह से हाजिरी माफी की अर्जी दाखिल की गई।कोर्ट ने मुख्तार को फिजिकली पेश करनेका आदेश दिया था। लेकिन वह पेश नहीं हो सका। उसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा गया। अब 10 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी।
मुख्तार अंसारी और ब्रजेश सिंह के बीच तीन दशक से भी पुरानी अदावत
माफिया मुख्तार अंसारी और ब्रजेश सिंह के बीच चली आ रही तीन दशक से भी पुरानी अदावत अब कोर्ट में चल रही है। मुख्तार अंसारी को कोर्ट में बारी-बारी से सजा सुनाई जा रही है। वहीं ब्रजेश सिंह बेल पर बाहर आ चुका है। उत्तर प्रदेश के माफिया और बाहुबली के रूप में अपनी छवि बना चुके दो हस्तियों की मंगलवार को गाजीपुर कोर्ट में पेशी होनी थी। यह दोनों हस्ती पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और माफिया बृजेश सिंह हैं जिनका 21 साल बाद कोर्ट में आमना-सामना होता।
मुख्तार अंसारी ने जताथी थी अपनी मर्डर की आशंका
पेशी के दौरान माफिया बृजेश सिंह आरोपी बनकर कटघरे में खड़ा होता, वहीं मुख्तार अंसारी गवाह बनकर बृजेश सिंह को पहचानता।मुख्तार अंसारी ने बांदा जेल से पेशी पर निकलने से पहले अपनी जान को खतरे की आशंका जताई थी। इस बाबत मुख्तार अंसारी के परिवार ने चीफ जस्टिस आफ इंडिया, चीफ जस्टिस इलाहाबाद हाईकोर्ट, यूपी सरकार और बांदा व गाजीपुर प्रशासन को पत्र भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाई। साथ ही पेशी पर लाने और ले जाने के दौरान पैरामिलिट्री फोर्स के कमांडो तैनात किए जाने की भी मांग की थी। पेशी के दौरान सुरक्षा की गुहार वाले पत्र में अंसारी ने लिखा है कि पेशी पर जाने से पहले उसे बुलेट प्रूफ जैकेट दी जाए। बुलेटप्रूफ एंबुलेंस मुहैया कराई जाए। बुलेट प्रूफ एंबुलेंस ना होने की स्थिति में किसी अन्य बुलेट प्रूफ वाहन की मांग की है। पत्र में आशंका जताई है कि माफिया बृजेश सिंह कभी भी मुख्तार अंसारी की मर्डर करा सकता है।