"RSS के 100 साल: पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया सेवा और राष्ट्र भावना का मंत्र"

"PM मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100वें स्थापना दिवस पर कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का मार्ग चुनकर समाज में अनुशासन, सेवा और राष्ट्र भावना को मजबूत करता रहा है।"

"RSS के 100 साल: पीएम नरेंद्र  मोदी ने बताया सेवा और राष्ट्र भावना का मंत्र"
विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का जारी।
  •  RSS की शताब्दी पर PM मोदी ने जारी किया पर डाक टिकट और 100 का सिक्का 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100वें स्थापना दिवस पर आयोजित शताब्दी समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने संघ की सेवा यात्रा, राष्ट्र निर्माण में उसके योगदान और मौजूदा चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए।पीएम मोदी ने कहा कि 1925 में विजयादशमी के दिन RSS की स्थापना केवल संयोग नहीं, बल्कि हजारों वर्षों से चली आ रही राष्ट्र चेतना का पुनरुत्थान था। संघ का मूल उद्देश्य "व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण" रहा है और शाखाएं इस यात्रा की आधारभूमि हैं।

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मोदी ने कहा कि आज देश को घुसपैठियों और डेमोग्राफिक बदलाव जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। संघ ने इसके लिए ठोस रोडमैप तैयार किया है और सरकार भी इन मुद्दों से तेजी से निपट रही है। उन्होंने बताया कि चाहे विभाजन का दर्द हो, 1962 या 1971 का युद्ध, 1984 के दंगे या प्राकृतिक आपदाएं – हर संकट में स्वयंसेवक सबसे आगे खड़े रहे।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने विशेष डाक टिकट और ₹100 का स्मृति सिक्का भी जारी किया। डाक टिकट पर "राष्ट्र सेवा के 100 वर्ष (1925-2025)" अंकित है, जबकि सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह और दूसरी ओर भारत माता व संघ कार्यकर्ताओं की छवि उकेरी गयी है।पीएम मोदी ने कहा कि RSS ने शिक्षा, कृषि, महिला सशक्तिकरण, आदिवासी कल्याण और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में निरंतर योगदान दिया है। उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संघ की सौ वर्षीय यात्रा ने करोड़ों स्वयंसेवकों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया है।
पीएम मोदी ने बताया RSS की नींव का क्या है उद्देश्य 
PM नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100वें स्थापना दिवस के मौके पर संघ की ऐतिहासिक यात्रा और राष्ट्रनिर्माण में इसके योगदान पर अपने विचार साझा किेए। पीएम मोदी ने 'एक्स', पर पोस्ट करते हुए लिखा, "आज से 100 साल पहले विजयादशमी के दिन ही समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी। लंबे कालखंड के दौरान असंख्य स्वयंसेवकों ने इस संकल्प को साकार करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इसे लेकर मैंने अपने विचारों को शब्दों में ढालने का प्रयास किया है।"
मोदी ने ब्लॉग पोस्ट करते हुए लिखा, 100 वर्ष पूर्व विजयदशमी के महापर्व पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुई थी। ये हजारों वर्षों से चली आ रही उस परंपरा का पुनर्स्थापन था,जिसमें राष्ट्र चेतना समय-समय पर उस युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए,नए-नए अवतारों में प्रकट होती है। इस युग में संघ उसी अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार है। ये हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने मिल रहा है। मैं इस अवसर पर राष्ट्रसेवा के संकल्प को समर्पित कोटि-कोटि स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं देता हूं। मैं संघ के संस्थापक, हम सभी के आदर्श, परम पूज्य डॉक्टर हेडगेवार जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
संघ ने समाज के अलग-अलग वर्गों में आत्मबोध जगाया
पीएम मोदी अपनी 100 वर्षों की इस यात्रा में, संघ ने समाज के अलग-अलग वर्गों में आत्मबोध जगाया, स्वाभिमान जगाया। संघ देश के उन क्षेत्रों में भी कार्य करता रहा है, जो दुर्गम हैं, जहां पहुंचना सबसे कठिन है। संघ दशकों से आदिवासी परंपराओं, आदिवासी रीति-रिवाज, आदिवासी मूल्यों को सहेजने-संवारने में अपना सहयोग देता रहा है, अपना कर्तव्य निभा रहा है। आज सेवा भारती, विद्या भारती, एकल विद्यालय, वनवासी कल्याण आश्रम, आदिवासी समाज के सशक्तिकरण का स्तंभ बनकर उभरे हैं।
RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि  संघ व्यक्ति को समाज से जोड़ता है, राष्ट्र का अंग बनाता है। संघ की 100 साल की यात्रा संघर्षों, आत्मीयता और सहयोग से गुजरी है।RSS पर टिकट और सिक्का जारी होना स्वयंसेवकों के लिए गर्व की बात है। "देश के किसी भी छोर पर संघ का स्वयंसेवक मिल जायेगा"।