APP बनी नेशनल पार्टी, NCP, TMCऔर CPI से छिन गया राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
भारतीय चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (APP ) को नेशनल पार्टी का दर्जा दे दिया। आयोग ने NCP, TMCऔर CPI से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में छह परसेंट से कम हुआ है। CPI,TMC और CPI अब क्षेत्रीय दल के रूप में ही रह जायेंगे।
नई दिल्ली। भारतीय चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (APP ) को नेशनल पार्टी का दर्जा दे दिया। आयोग ने NCP, TMCऔर CPI से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में छह परसेंट से कम हुआ है। CPI,TMC और CPI अब क्षेत्रीय दल के रूप में ही रह जायेंगे।
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चुनाव आयोग ने कहा कि आम आदमी पार्टी को चार स्टेट दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में उसके चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी बनाया गया है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है। देश में बीजेपी, कांग्रेस, माकपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और आप कुल छह राष्ट्रीय दल हैं।
चुनाव आयोग ने सोमवार को जारी एक आदेश में उत्तर प्रदेश में रालोद, आंध्र प्रदेश में बीआरएस, मणिपुर में पीडीए, पुडुचेरी में पीएमके, पश्चिम बंगाल में आरएसपी और मिजोरम में एमपीसी को दिये गये स्टेट पार्टी के दर्जे को भी कैंसिल कर दिया। चुनाव आयोग ने कहा कि NCP,TMCऔर CPI का राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा वापस लिया जायेगा।आयोग ने कहा कि NCP और TMC को हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के आधार पर क्रमश: नगालैंड और मेघालय में राज्य की पार्टियों के रूप में मान्यता दी जायेगी। नगालैंड में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), मेघालय में वॉयस ऑफ द पीपल्स पार्टी और त्रिपुरा में तिपरा मोथा को 'मान्यता प्राप्त राज्य राजनीतिक दल' का दर्जा दिया गया है।
गुजरात में AAP को मिले 13 परसेंट वोट शेयर
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा दिया है। नेशनल पार्टी के लिए AAP को गुजरात या हिमाचल में छह परसेंट से ज्यादा वोट शेयर पाने की जरूरत थी। गुजरात में AAP को लगभग 13 परसेंट वोट शेयर मिला है। ऐसे में वह नेशनल पार्टी बन गई है। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार स्टेट में छह परसेंट वोट हासिल करना जरूरी होता है। आप इससे पहले तीन स्टेट दिल्ली, पंजाब और गोवा में छह परसेंट से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के नियम
किसी पार्टी को निम्न तीन नियमों में से कम से कम एक पूरा करने के आधार पर राष्ट्री य पार्टी का दर्जा दिया जाता है। पार्टी को कम से कम चार राज्यों में छह परसेंट वोट हासिल हुआ हो। लोकसभा की कुल सीटों में से दो परसेंट सीटें कम से कम तीन राज्यों से मिली हों। पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिला हो।
राष्ट्रीय पार्टी को मिलने वाले फायदे
राष्ट्रीय पार्टियां अपना सिंबल या चुनाव चिन्ह देशभर में सुरक्षित कर सकती हैं। राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रख सकती हैं साथ ही इनके यात्रा खर्च को उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं रखा जाता है। राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टियों को सब्सिडी दर पर पार्टी अध्यक्ष और पार्टी कार्यालय के लिए एक सरकारी बंगला किराये पर मिलता है।आम चुनावों के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों को आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए ब्रॉडकास्ट और टेलीकास्ट बैंड्स मिलते हैं। यानी राष्ट्रीय पार्टियों को सरकारी चैनलों पर दिखाये जाने का समय तय होता है। राष्ट्रीय पार्टियों को नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक प्रस्तावक की जरूरत होती है। अन्य पार्टियों को दो प्रस्तावक चाहिए। अनरिकग्नाइज्ड पार्टियों और निर्दलीयों को पांच प्रस्तावकों की जरूरत होती है। राष्ट्रीय पार्टियों को मतदाता सूची के दो सेट मुफ्त में दिये जाते हैं। इनके उम्मीदवारों को आम चुनावों के दौरान एक प्रति मुफ्त मिलती है।