इंडियन क्रिकेट को सुधारने के लिए इन दो पहलूओं पर सबसे पहले काम करेंगे BCCI प्रसिडेंट रोजर बिन्नी
सीसीआइ की एजीएम के बाद ऑफिसयल तौर पर रोजर बिन्नी तो बोर्ड का अध्यक्ष घोषित किया गया। 1983 वनडे वर्ल्ड कप विनर टीम के मेंबर रह चुके बिन्नी बीसीसीआइ के 36वें प्रसिडेंट हैं। बीसीसीआइ प्रसिडेंट बनते ही रोजर बिन्नी टीम से जुड़ी कुछ अहम परेशानियों को ठीक करने की घोषणा कर दी।
नई दिल्ली। बीसीसीआइ की एजीएम के बाद ऑफिसयल तौर पर रोजर बिन्नी तो बोर्ड का अध्यक्ष घोषित किया गया। 1983 वनडे वर्ल्ड कप विनर टीम के मेंबर रह चुके बिन्नी बीसीसीआइ के 36वें प्रसिडेंट हैं। बीसीसीआइ प्रसिडेंट बनते ही रोजर बिन्नी टीम से जुड़ी कुछ अहम परेशानियों को ठीक करने की घोषणा कर दी।
यह भी पढ़ें:IRCTC घोटाले में तेजस्वी यादव को चेतावनी के साथ राहत, दिल्ली की CBI कोर्ट ने कहा सोच-समझकर बोला करें
प्लेयर्स की चोटों पर रोकथाम लगाना
बीसीसीआइ प्रसिडेंट बनने के बाद रोजर बिन्नी ने कहा कि मैं मुख्य रूप से दो चीजों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं। मेरा पहला टारगेट प्लेययर्स की चोटों की रोकथाम करना यानी उन्हें ज्यादा चोटिल होने से बचाना है। उन्होंने कहा कि जसप्रीत बुमराह टी20 विश्व कप से ठीक पहले चोटिल हो गए, जिससे पूरी योजना प्रभावित हुई। वहीं दूसरा, मैं पिचों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं जिससे कि खिलाड़ियों को हर कंडीशन में खेलने की प्रैक्टिस मिल सके।
रोजर बिन्नी, 1983 वर्ल्ड कप में किया था दमदार प्रदर्शन,27 टेस्ट मैच खेल चुके हैं रोजर बिन्नी
14 जुलाई 1955 में जन्मे रोजर बिन्नी, इंडिया के पहले एंगलो-इंडियन क्रिकेटर हैं। उनका परिवार मूल रूप से स्टॅाकलैंड का रहने वाला था। बाद में वो इंडिया आकर बसे थे।इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्होंने टेस्ट में डेब्यू 21 नवंबर 1979 में किया था। उन्होंने अपने करियर में 27 टेस्ट मैच खेले हैं। इसमें उन्होंने 1534 रन बनाये। वहीं, 47 विकेट भी झटके हैं। वहीं, रोजर बिन्नी ने 72 वनडे मुकाबले भी खेले, जिसमें उन्होंने 2260 रन बनाये हैं। वर्ष 1983 वर्ल्ड कप को जीताने में रोजर बिन्नी ने बड़ा योगदान निभाया था। उन्होंने उस टूर्नामेंट में 18 विकेट हासिल किए थे। उनके बाद दूसरे स्थाोन पर 17 विकेट के साथ मदन लाल का नंबर आता है।
रोजर बिन्नी एक शानदार बैट्समैन, बॉलर के अलावा एक अच्छे फील्डर भी थे। हालांकि उनकी बॅालिंग सबसे बेहतर थी। उनके पास बॉल स्विंग कराने की गजब की कला थी। वो एक ऐसे दौर के बॉलर थे जहां तेज बॉलिंग का काम गेंद से सिर्फ चमक निकालकर बॉल स्पिनर के हवाले कर देने के लिए होती थी। उन्होंने अपने इंटरनेशनल कॅरियर में कई बार उच्चक्रम के फ्लॉप हो जाने पर सैयद किरमानी के साथ बेहतरीन बैटिंग करते हुए इंडियन टीम को संकट से निकालने में अहम भूमिका निभाई। रोजर बिन्नी कपिल देव की कप्तानी में 1983 में वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीतने वाले भारतीय टीम के सदस्य थे और इस टूर्नामेंट में उन्होंने भारत के लिए सबसे ज्यादा 18 विकेट लिए थे।
बेटे के साथ पक्षपात करने का लगा था आरोप
रोजर बिन्नी को वर्ष 2012 में बीसीसीआई का सलेक्टर चुना गया। उस समय उनके बेटे भी टीम इंडिया में खेलने के लिए दावेदार हो चुके थे। ऐसी स्थिति में रोजर बिन्नी पर पक्षपात के कुछ आरोप लगे। लेकिन रोजर बिन्नी ने अपने निष्पक्ष होने की ऐसी मिसाल पेश की, जिसके जितनी भी सराहना की जाए, कम है।