BCCI सचिव जय शाह ने किया बड़ा ऐलान, महिला क्रिकेटरों को मिलेगी पुरुष प्लेयर्स के समान मैच फीस

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने महिला एवं पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देने का फैसला किया है। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा, "मुझे भेदभाव से निपटने की दिशा में बीसीसीआई के पहले कदम की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इसको लेकर बीसीसीआइ के सचिव जय शाह ने ट्वीट किया है।

BCCI सचिव जय शाह ने किया बड़ा ऐलान, महिला क्रिकेटरों को मिलेगी पुरुष प्लेयर्स के समान मैच  फीस

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने महिला एवं पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देने का फैसला किया है। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा, "मुझे भेदभाव से निपटने की दिशा में बीसीसीआई के पहले कदम की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इसको लेकर बीसीसीआइ के सचिव जय शाह ने ट्वीट किया है।

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जय शाह ने वनडे, टेस्ट और टी20 की अलग-अलग मैच फीस तय की है। शाह ने कहा कि हम अनुबंधितमहिला क्रिकेटरों के लिए समान वेतन नीति लागू कर रहे हैं। क्रिकेट में लैंगिक समानता के एक नये युग में प्रवेश करते हुए पुरुष और महिला क्रिकेटरों दोनों के लिए मैच फीस समान होगी।" बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को उनके पुरुष समकक्षों के समान मैच फीस का भुगतान किया जायेगा। उन्होंने बतायाकि बीसीसीआई अनुबंधित खिलाड़ियों को टेस्ट मैचों के लिये 15 लाख रुपये, वनडे मैचों के लिए छह लाख रुपये और टी20 मैचों के लिए तीन लाख रुपये देगा। शाह ने कहा कि वेतन समानता हमारी महिला क्रिकेटरों के लिए मेरी प्रतिबद्धता थी। मैं एपेक्स काउंसिल को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।"

समानता के अधिकार के तहत बीसीसीआइ का शानदार कदम
पुरुष और महिला दोनों क्रिकेटरों के लिए मैच फीस एक समान रखने के नियम को समानता के अधिकार के तहत एक शानदार कदम माना जा रहा है। इससे महिला क्रिकेटरों का मनोबल बढ़ेगा और नईप्रतिभाएँ भारतीय महिला टीम में शामिल होने के लिए आगे आयेंगी।
नई फीस
टेस्ट मैच -15 लाख
वनडे मैच- 6 लाख
टी20 मैच-3 लाख
पहले थी कम मैच फीस
इससे पहले बीसीसीआई में मेन्स क्रिकेट टीम और वुमन टीम इंडिया के बीच काफी फर्क था। इस नई नीति के पहले भारतीय पुरुष क्रिकेट खिलाड़ियों को महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के मुकाबले में ज्यादा वेतन दिया जाता था। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद पुरुष और महिला क्रिकेटरों के लिए समान मैच फीस मिलेगी। साथ ही भेदभाव को दूर करने में भी सफलता मिलेगी।