धनबाद:अब मुश्किल होगा CBI जांच में घिरे बीसीसीएल अफसर व स्टाफ, बचाने वालों को चिन्हित करने में जुटा पर्सनल डिपार्टमेंट
कोल इंडिया की मिनी रत्न कंपनी बीसीसीएल में अब सीबीआइ व विजिलेंस आरोपियों को बचाने वालों पर कार्रवाई की जायेगी। पर्सनल डिपार्टमेंट ने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है। अब सीबीआइ व विजिलेंस पकड़ में आने वाले को जांच के बाद तत्काल डिसमिस किया जायेगा।
धनबाद। कोल इंडिया की मिनी रत्न कंपनी बीसीसीएल में अब सीबीआइ व विजिलेंस आरोपियों को बचाने वालों पर कार्रवाई की जायेगी। पर्सनल डिपार्टमेंट ने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है। अब सीबीआइ व विजिलेंस पकड़ में आने वाले को जांच के बाद तत्काल डिसमिस किया जायेगा। इंक्वायरी पेंडिंग रखने वाले अफसरों को भी चिन्हित किया जा रहा है।
बीसीसीएल की मैनेजमेंट की जांच में पाया गया है कि जांच अधिकारी जांच पूरी करने में लंबा समय ले रहे हैं। ऐसा कर आरोपियों को लाभ पहुंचाने का काम करते है। कंपनी का सीडीए रूल का उल्लंघन हो रहा है। पसर्नल डिपार्टमेंट ने 11 नवंबर को इस संबंध में Cognizance लिया है। डीपी के इस आदेश के बाद लगभग तीन दर्जन अफसरों व दो दर्जन स्टाफ पर नजर है।
जहां पकड़ाया मामला
डिपार्टमेंट की जांच यह सामने आया है कि सीबीआइ व विजिलेंस जांच में फंसने के बाद भी समय पर चार्जशीट नहीं दिया गया। इस कारण आरोपियोको पूरा लाभ मिला। बास्ताकोला व लोदना एरिया में इस तरह की जांच शुरू हो गई है। जांच में यह पता चला कि में सीबीआइ जांच में फंसने के बाद एक स्टाफ वर्ष 2019 की मई से ज्यूडिशियल कस्टडी में बंद था। वर्ष 2019 की अक्टूबर में बेल पर बाहर आया। इश स्टाफ को वर्ष 2020 की जुलाई में चार्जशीट दी गई, जो पूरी तरह से गलत है।
सभी एरिया से रिपोर्ट मांगी गयी
बीसीसीएल डीपी पीवीआर राव ने सभी एरिया जीएम को पत्र लिखाकर उक्त मामले की जांच की रिपोर्ट सभी मांगी है। इस पत्र के बाद सेटिंग करने वाले अफसरों व स्टाफ में हड़कंप मचा मचा हुआ है।