दिल्ली में फैमिली से मिलकर भावुक हुए बाहुबली शहाबुद्दीन, तिहाड़ जेल में काट रहे उम्रकैद की सजा
दिल्ली के तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे बिहार के बाहुबली, आरजेडी लीडर व सीवान के एक्स एमपी मो. शहाबुद्दीन ने कड़ी सुरक्षा के बीच परिजनों से मुलाकात की। दिल्ली हाईकोर्ट की अनुमति से बाहुबली तीन साल बाद वे मां, पत्नी और बेटे-बेटियों से मिले।
- दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर देश की राजधानी में फैमिली से 18 घंटे की हुई मुलाकात
नई दिल्ली। दिल्ली के तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे बिहार के बाहुबली, आरजेडी लीडर व सीवान के एक्स एमपी मो. शहाबुद्दीन ने कड़ी सुरक्षा के बीच परिजनों से मुलाकात की। दिल्ली हाईकोर्ट की अनुमति से बाहुबली तीन साल बाद वे मां, पत्नी और बेटे-बेटियों से मिले।
दिल्ली हाईकोर्ट ने शहाबुद्दीन को परिजनों से दिल्ली में कहीं भी छह-छह घंटे की समय सीमा में कुल 18 घंटे की मुलाकात की अनुमति दी थी। इसके बाद उन्होंने अपने एक करीबी के नई दिल्ली के गीता कॉलोनी स्थित ताज इन्क्लेव के एक फ्लैट में परिजनों से मुलाकात की। परजिनों से मुलकाता के दौरान शहबुद्दीन भावुक भी हो गये।
उम्र कैद की सजा काट रहे शहाबुद्दीन ने फैंमिली से मिलने के लिए कोर्ट से पैरोल मांगा था। लेकिन बिहार व दिल्ली की सरकारों ने इस अवधि के दौरान उन्हें सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। बिहार गवर्नमेंट ने कहा कि शहाबुद्दीन के सीवान आने से लॉ एंड ऑर्डर की समस्या उत्पन्न होने की आशंका है। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें दिल्ली में ही अपनी इच्छानुसार किसी जगह फैंमिली से मिलने की अनुमति दी। कोर्ट ने दिल्ली गवर्नमेंट को निर्देश दिया थआ कि वह एक महीने के दौरान तीन दिन छह-छह घंटे तक शहाबुद्दीन को फैमिली से मिलवाने की व्यवस्था करे।
पत्नी, बेटा, बेटी-बेटियों व मां से की मुलाकात
कोर्ट के निर्देश पर शहाबुद्दीन ने नई दिल्ली के गीता कॉलोनी स्थित ताज इन्क्लेव के एक फ्लैट में वाइफ हेना शहाब, बेटा मोहम्मद ओसामा, दोनों बेटियों और मां से मुलाकात की। फ्लैट सिवान के मूल निवासी शहाबुद्दीन के एक करीबी का बताया जा रहा है। शहाबुद्दीन की वहां बीते सोमवार, बुधवार और शनिवार को फैमिली से मुलाकात हुई। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
पिता के सुपुर्द-ए-खाक में भी नहीं हुए थे शामिल
शहाबुद्दीन के तिहाड़ जेल में रहते हुए उनके पिता शेख मोहम्मद हसीबुल्लाह का पिछले 19 सितंबर को निधन हो गया था। पिता के सुपुर्द-ए-खाक की रस्म में शामिल होने के लिए उन्हें पैरोल नहीं मिल सका था। इसके बाद उन्होंने पिता के चालीसवां में आने के लिए जब दिल्ली हाईकोर्ट कोर्ट में गुहार लगाई तो कोर्ट ने दिल्ली और बिहार गवर्नमेोंट्स से इस बाबत रिपोर्ट मांगी। इसपर दोनों गवर्नमेंट्स ने उन्हें पैरोल अवधि में सुरक्षा देने में असमर्थता जता दी। बिहार गवर्नमेंट ने लॉ एंड ऑर्डर की आशंका जताई। इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली में उनकी मुलाकात का आदेश दिया।