बिहार: तीन जजों के डिसमिसल पर हाईकोर्ट की भी पर मुहर, नेपाल के होटल में महिलाओं के साथ मिले थे आपत्तिजनक अवस्था में
बिहार लोअर कोर्ट के तीन जजों के dismissal पर मुहर लग गयी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय की Notification जारी कर दिया है। सर्विस से डिसमिस किये गये तीनों जज reimbursement and other benefits से वंचित रहेंगे।समस्तीपुर परिवार न्यायालय के तत्कालीन प्रधान न्यायधीश हरिनिवास गुप्ता, तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश (अररिया) जितेंद्र नाथ सिंह व अररिया के अवर न्यायाधीश सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोमल राम की डिसमिसल की नोटिफिकेशन जारी हुई है। इनकी बर्खास्तगी वर्ष 2014 की 2 फरवरीसे ही प्रभावी होगी।
- पटना हाईकोर्ट ने डिसमिसल की अनुशंसा को बरकरार रखा, सांकेतिक तस्वीर ।
- सभी जज सेवांत लाभ से वंचित रहेंगे,बर्खास्तगी 12 फरवरी 2014 से होगी प्रभावी
पटना। बिहार लोअर कोर्ट के तीन जजों के dismissal पर मुहर लग गयी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय की Notification जारी कर दिया है। सर्विस से डिसमिस किये गये तीनों जज reimbursement and other benefits से वंचित रहेंगे।समस्तीपुर परिवार न्यायालय के तत्कालीन प्रधान न्यायधीश हरिनिवास गुप्ता, तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश (अररिया) जितेंद्र नाथ सिंह व अररिया के अवर न्यायाधीश सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोमल राम की डिसमिसल की नोटिफिकेशन जारी हुई है। इनकी बर्खास्तगी वर्ष 2014 की 2 फरवरीसे ही प्रभावी होगी।
हाई कोर्ट ने डिसमिसल की अनुशंसा बरकरार रखा
वर्ष 2014 की फरवरी डिसमिसल के खिलाफ तीनों जज ने Patna High Court में याचिका दाखिल की थी। चीफ जस्टिस के निर्णय के तहत इस मामले में वर्ष 2015 की 22 मई को पांच जस्टिस की एक कमेटी गठित की गयी थी। इस कमेटी ने तीन महीने बाद अपना प्रतिवेदन दिया। इसके बाद पटना हाइकोर्ट के रजिस्टार ने वर्ष 2020सितंबर इनकी डिसमिसल की अनुशंसा को बरकरार रखा।
पुलिस रेड में मिले थे महिलाओं के साथ
जिन तीन जजों तो डिसमिस किया गया है, उन्हें पुलिस रेड में नेपाल के एक होटल में महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाया गया था। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। इस मामले में होम मिनिस्टरी ने पटना हाइकोर्ट के तत्कालीन महानिबंधक को पत्र लिखा था।
नेपाली अखबार ने पूरे मामले से उठाया था पर्दा
वर्ष 2013 के गणतंत्र दिवस के झंडोत्तोलन के बाद समस्तीपुर के परिवार न्यायालय के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश हरि निवास गुप्ता, तदर्थ अपर जिला एवं सत्र के तत्कालीन न्यायाधीश,अररिया जितेंद्र नाथ सिंह व तत्कालीन अवर न्यायाधीश सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अररिया कोमल राम नेपाल के विराटनगर चले गये। वहां बस स्टैंड के निकट मेट्रो गेस्ट हाउस में मौज मस्ती करने लगे। नेपाली पुलिस की रेड में लड़कियों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में तीनों पकड़े गये थे। ज्यूडिशियल्फसर होने के कारण नेपाली पुलिस ने तीनों को छोड़ दिया था। नेपाल के एक अखबार ने इसका भंडाफोड़़ करते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की। इसके बाद यह मामला गरमाया। हाईकोर्ट ने पूर्णिया के तत्कालीन जिला जज संजय कुमार से मामले की जांच कराई। जांच रिपोर्ट में मामला सही पाये जाने के बाद हाईकोर्ट की स्टैंडिंग कमेटी ने तीनों को डिसमिस करने की सिफारिश की थी। हाईकोर्ट की सिफारिश के आधार पर स्टेट की कैबिनेट ने तीनों की डिसमिसल पर मुहर लगा दी। बाद में हाईकोर्ट की भी इसको स्वीकृति मिल गई है।