BCCL की दहाबाड़ी प्रोजेक्ट में रंगदारी व वर्चस्व की जंग, MCC और JMM समर्थकों के बीच हिंसक झड़प, कई घायल
बीसीसीएल सीवी एरिया के दहीबाड़ी प्रोजेक्ट में रंगदारी और वर्चस्व की लड़ाई को लेकर शनिवार मार्क्सवादी समन्वय समिति (MCC) और झारखंड मुक्ति मोरचा (JMM) समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई। इस दौरान दोनों ओर से लाठी-डंडे से लेकर तीर और पत्थर तक चलाये गये। झड़प में एक दर्जन लोग जख्मी हो गये।
- चले तीर और पत्थर
- पुलिस हस्तक्षेप से स्थिति नियंत्रित
धनबाद। बीसीसीएल सीवी एरिया के दहीबाड़ी प्रोजेक्ट में रंगदारी और वर्चस्व की लड़ाई को लेकर शनिवार मार्क्सवादी समन्वय समिति (MCC) और झारखंड मुक्ति मोरचा (JMM) समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई। इस दौरान दोनों ओर से लाठी-डंडे से लेकर तीर और पत्थर तक चलाये गये। झड़प में एक दर्जन लोग जख्मी हो गये।
बीसीसीएल दहीबाड़ी प्रोजेक्टके आउटसोर्सिंग पेंच बी में वर्चस्व को लेकर मासस एवं झामुमो के बीच जम कर संघर्ष हुआ। दोनों और से कार्यकर्तओं के बीच लाठी-डंडे के साथ तीर एवं पत्थर चले। वर्चस्व की लड़ाई में जेएमएम समर्थक भारी पड़े। एमसीसी के लोगों को वहां से पीछे भागना पड़ा। झड़प के बाद प्रोजेक्ट के आसपास टेंशन है। सीआइएसएफ और पंचेत ओपी की पुलिस कैंप कर रही है।
जेएमएम समर्थक पड़े भारी
एमसीसी और झामुमो दोनों तरफ से पंचेत ओपी में एक दूसरे के खिलाफ एफआइआर के लिए कंपलेन की गयी है। प्रोजेक्ट में पहले से झामुमो को वर्चस्व स्थापित है। एमसीसी वर्चस्व स्थापित करना चाहती है। इसे लेकर टेंशन बना हुआ है। मासस के द्वारा शनिवार को आउट सोर्सिंग पेंच बी के पास प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। वहां जेएमएम समर्थक ने प्रदर्शनकारियों को आगे आने से रोकने लगे। इसको लेकर दोनों और से धक्का मुक्की होने लगा। गाली-गलौज के बाद दोनों ओर से लाठी-डंडा चलने लगे। कुल्हाड़ी एवं तीर का भी इस्तेमाल किया गया।झड़प को कंट्रोल करने में पंचेत ओपी पुलिस विफल रही। इसके बाद चिरकुंडा पुलिस स्टेशन कालूबथान ओपी गल्फरबाड़ी ओपी और की पुलिस व इंस्पेक्टर पहुंचे। पुलिस बल की सख्ती के बाद स्थिति नियंत्रित हुई।
दोनों पक्ष का एक दूसरे पर आरोप
एक्स एमएलए अरूप चटर्जी का कहना है कि इस घटना को लेकर पुलिस जिम्मेवार है। पहले भी घटना घट चुकी थी। जेएमएम समर्थकों ने कुल्हाड़ी से वार किया। इसमें कई कार्यकर्ता घायल हुए है। आउट सोर्सिंग मैनेजमेंट लोगों को लड़वा रही है। हमारे कार्यकर्ता शांति पूर्ण आंदोलन के लिये गये थे। मासस के जैसा समर्थन पूरा निरसा में किसी का नही है। जेएमएम लीडर बोदी हांसदा का कहना है इसके लिये अरूप चटर्जी जिम्मेवार है। विस्थापित अपने हक के लड़ाई के लंबे समय से लड़ रहे है। अरूप चटर्जी बाहरी लोगों को यहां नियोजन राजनीतिक लाभ के लिये देना चाहता है।