बिहार के एक्स सीएम जीतनराम मांझी का बड़ा आरोप : एक सेंट्रल मिनिस्टर समेत पांच एमपी जाली सर्टिफिकेट लगा हुए निर्वाचित

बिहार के एक्स सीएम और HAM सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने आरोप लगाया है एक सेंट्रल मिनिस्टर सहित पांच एमपी अनुसूचित जाति (एससी) के लिए रिजर्व सीटों से फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की है।

बिहार के एक्स सीएम जीतनराम मांझी का बड़ा आरोप :  एक सेंट्रल मिनिस्टर समेत पांच एमपी जाली सर्टिफिकेट लगा हुए निर्वाचित
  • सेंट्रल मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल और जे शिवाचार्य महास्वामीजी (दोनों बीजेपी एमपी)
  • कांग्रेस एमपी मोहम्मद सादिक, तणमूल कांग्रेस की अपरूपा पोद्दार और निर्दलीय नवनीत रवि राणा 

नई दिल्ली। बिहार के एक्स सीएम और HAM सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने आरोप लगाया है एक सेंट्रल मिनिस्टर सहित पांच एमपी अनुसूचित जाति (एससी) के लिए रिजर्व सीटों से फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की है।

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मांझी ने इन एमपी के लिए नाम
हम की बैठक में मांझी ने सेंट्रल मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल और जे शिवाचार्य महास्वामीजी (दोनों बीजेपी एमपी),कांग्रेस एमपी मोहम्मद सादिक, तणमूल कांग्रेस की अपरूपा पोद्दार और निर्दलीय एमपी नवनीत रवि राणा का भी नाम लिया। मांझी ने कहा कि ये पांचों जाली सर्टिफिकेट के आधार पर लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद एससी के लिए आरक्षित सीटों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
जीतनराम मांझी ने बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित पार्टी की बैठक में बड़ा आरोप लगाया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मांझी ने कहा है कि एक सेंट्रल मिनिस्टर वच चार एमपी को फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों से लोकसभा के लिए चुना गया है। मांझी ने दावा किया है कि दलितों को नौकरियों और यहां तक कि स्थानीय निकाय चुनावों में भी 15 से 20 परसेंट कोटा लाभ जाली जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दूसरों द्वारा हड़प लिया जाता है। ऐसे मामले रुकने चाहिए। उन्होंने हर किसी के लिए एक साझा स्कूलिंग प्रणाली और दलितों के लिए अलग मतदाता सूची की मांग की।

खत्म होना चाहिए आरक्षण, आखिर कितनी बार करेंगे एक्सटेंशन
उन्होंने कहा आरक्षण खत्म होना चाहिए। लेकिन शर्त यह कि उसके पहले देश में समान स्कूली व्यवस्था लागू कर दी जाए। उन्होंने बिहार में हो रहे पंचायत चुनाव में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। कहा है कि लोग फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं। 

दोयम दर्जे का झेलना पड़ता है दंश 

मांझी ने कहा कि आरक्षण का सबसे बड़ा दंश है कि इस वर्ग के लोगों को दोयम दर्जे का समझा जाता है। हम कितने भी कार्यकुशल होते हैं चाहे राजनीति मे हों या नौकरी में, लेकिन कहा जाता है कि आखिर आप आरक्षित कोटे के ही न हैं। आरक्षित कोटे के लोगों को दोयम दर्जा दिया जाता है। इस कलंक को दूर करने के लिए ही बाबा साहब ने 10 साल आरक्षण की व्यवस्था थी। इसके बाद फिर 10 साल का बढ़ाया गया। तब से अब तक छह-सात बार इसे बढ़ाया जा चुका है। आखिर कितनी बार एक्सटेंशन देते रहेंगे। पूर्व सीएम ने कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि आरक्षण देने के बाद हमने कितना काम किया, इसका रिव्यू भी होना चाहिए। लेकिन वह भी नहीं हो रहा।

समान शिक्षा प्रणाली देश में हो लागू 

उन्होंने कामन स्कूलिंग सिस्टम लागू करने की बात कही थी जिसमें देश के राष्ट्रपति से लेकर आम आदमी तक के बच्चे एक साथ पढ़ सकेंगे। न कोई ऊंचा होगा न नीचा। सबको समान शिक्षा, सबका समान खान-पान और समान ड्रेस होगा। मांझी ने कहा कि कामन स्कूलिंग सिस्टम से पहले आरक्षण हटाना गलत होगा। इसलिए पहले कामन स्कूलिंग सिस्टम लागू हो उसके 10 साल के बाद आरक्षण हटाया जाए। मांझी ने कहा कि आरक्षण का गलत लाभ लेने वालों की जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र, न्यायपालिका, राज्यसभा एवं विधान परिषद में भी आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।

कश्मीर में हुई मर्डर पर बोले
जीतनराम मांझी ने यह भी कहा कि सेंट्रल गवनर्मेंट कश्मीर में शांति स्थापित करने की कोशिश कर रही होगी, लेकिन परिणाम दिख नहीं रहे हैं। उन्होंने आतंकवादियों की ओर से गरीब प्रवासियों की वहां मर्डर किये जाने पर नाराजगी जताई। इनमें बिहार के भी चार मजदूर हैं, जिनकी हाल ही में आतंकियों ने मर्डर कर दी।

राम को लेकर अपने बयान पर कायम 
जीतनराम मांझी अपनी इस विवादास्पद टिप्पणी पर अडिग रहे कि भगवान राम एक काल्पनिक पात्र थे। उन्होंने कहा कि संत, राम से हजारों गुना बड़े थे। उन्होंने कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत विचार है और मैं किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता।
 हम सुप्रीमो ने पार्टी की सभी संगठनात्मक इकाइयों को भंग करने का ऐलान किया और कहा कि जल्द ही उनका पुनर्गठन होगा। 
एमपी नवनीत रवि राणा सुप्रीम कोर्ट ने मिली है राहत

हालांकि इन एमपी की ओर से बिहार के मांझी के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन उनमें से अधिकांश अतीत में आरोपों से इनकार कर चुके हैं। अब मांझी ने फिर इस मुद्दे को उठा दिया है। सेंट्रल मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल के सहयोगियों ने दावा किया था कि उनकी जाति को उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित किया गया है, जहां से वे चुने गये हैं। निर्दलीय एमपी नवनीत रवि राणा का बॉम्बे हाईकोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी थी। मामले में जून में फैसले पर रोक लगा दी गई थी।