सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला ,झारखंड में काम करने वाले कर्मियों को मिलेगा रिजर्वेशन का लाभ

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कैडर आवंटन के बाद झारखंड में काम करने वाले को प्रोमोशन, सीमित परीक्षा और सीधी नियुक्ति में भी रिजर्वेशन का लाभ मिलेगा। जस्टिस यूयू ललित, पीएस नरसिंहा और एसआर भट्ट की बेंच ने झारखंड हाई कोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें कैडर आवंटन के बाद झारखंड में काम करने वाले अखिलेश प्रसाद को सीमित परीक्षा में रिजर्वेशन का लाभ नहीं देने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला ,झारखंड में काम करने वाले कर्मियों को मिलेगा रिजर्वेशन का लाभ
  • झारखंड हाई कोर्ट ने कहा था बिहार के रहने की वजह से नहीं मिलेगा  नहीं मिलेगा रिजर्वेशन 
  • सीमित परीक्षा में प्रार्थी को नहीं मिला था रिजर्वेशन का लाभ

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कैडर आवंटन के बाद झारखंड में काम करने वाले को प्रोमोशन, सीमित परीक्षा और सीधी नियुक्ति में भी रिजर्वेशन का लाभ मिलेगा। जस्टिस यूयू ललित, पीएस नरसिंहा और एसआर भट्ट की बेंच ने झारखंड हाई कोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें कैडर आवंटन के बाद झारखंड में काम करने वाले अखिलेश प्रसाद को सीमित परीक्षा में रिजर्वेशन का लाभ नहीं देने का आदेश दिया था।

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झारखंड हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को सही माना

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट की सिंगल के आदेश को सही माना है। सिंगल बेंच ने अखिलेश प्रसाद को रिजर्वेशन का लाभ देते हुए नियुक्ति करने का आदेश दिया था। लेकिन हाई कोर्ट की बेंच ने उसे निरस्त कर दिया था। इसको लेकर अखिलेश प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान उनके एडवोकेट मनोज टंडन ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थी की जाति गोंड है, जो बिहार और झारखंड में एसटी कैटेगरी में आता है। झारखंड राज्य बनने के बाद कैडर आवंटन के तहत वे झारखंड में नौकरी कर रहे हैं। वे अपने मन से यहां नहीं आये हैं। बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 72 और 73 उन्हें इसकी सुरक्षा प्रदान करता है। इसके तहत कोई भी कैडर आवंटन में आने कर्मी की सेवा की शर्तों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। बिहार में हम अब रिजर्वेशन का लाभ नहीं ले सकते हैं और झारखंड में इतने दिनों से काम कर रहे हैं।
अखिलेश प्रसाद को नहीं दिया गया था रिजर्वेशन का लाभ
प्रार्थी सीमित परीक्षा की सभी अहर्ता को पूरा करते हैं। रिजर्वेशन का लाभ का लाभ दिया जाना चाहिए। सीमित परीक्षा एक प्रकार की प्रोमोशन है, यह कोई नई नियुक्ति नहीं है। सरकार प्रमोशन में रिजर्वेशन का लाभ का लाभ उन लोगों को भी दे रही है जो बिहार से यहां आये हैं, तो उन्हें भी रिजर्वेशन का लाभ का लाभ मिलना चाहिए। प्रार्थी को दलीलों को सुप्रीम कोर्ट ने मानते हुए हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैडर आवंटन के बाद बिहार से आने वाले लोगों को प्रोमोशन और सीमित सहित नई नियुक्ति में भी रिजर्वेशन का लाभ का लाभ मिलेगा।यह है पूरा मामलाअखिलेश प्रसाद कोआपरेटिव एक्सटेंशन आफिसर के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2009 में सीमित परीक्षा के तहत डिप्टी कलेक्टर पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया। अखिलेश प्रसाद को रिजर्वेशन का लाभ का लाभ नहीं दिया गया। इसके पीछे उनके बिहार के निवासी होने का कारण बताया गया। हाई कोर्ट की सिंगल ने इस मामले में सुनवाई के बाद अखिलेश प्रसाद को रिजर्वेशन का लाभ का लाभ देते हुए नौकरी में लेने का निर्देश दिया था।