बिहार: कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का इस्तीफा, जगदानंद ने की पुष्टि
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भेजा है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष और सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह ने कृषि मंत्री के इस्तीफे की पुष्टि कर दी है।
- आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा-कृषि मंत्री ने उठाया किसानों के लिए आवाज
पटना। कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भेजा है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष और सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह ने कृषि मंत्री के इस्तीफे की पुष्टि कर दी है।
यह भी पढ़ें: रास्ते में पैसेंजर ने रोड पर दिखाई दादागिरी, वीडियो देख हंस रहे हैं लोग
जगदानंद सिंह ने कहा है कि वो नहीं चाहते थे कि लड़ाई आगे बढ़े। ऐसे में सुधाकर सिंह ने अपना इस्तीफा पार्टी नेता को भेज दिया है। जगदानंद सिंह ने कहा कि सुधारर सिंह पार्टी की नीतियों से समझौता नहीं कर सकते हैं। वो किसानों की आवाज बुलंद की है। कृषि मंत्री सुधाकर ने किसानों का सवाल उठाया है। गांधी के देश में किसान और जवान की आवाज को उठाना जरूरी है।
जगदानंद ने मंडी व्यवस्था खत्म करने की नीति पर भी सवाल उठाया। जगदानंद ने कहा कि अडानी जैसे कारोबारियों को ऐसी नीतियों से फायदा मिलता है। मंडी को बहाल करना किसानों को बचाने की नीति रही है। आरजेडी हमेशा से उस नीति को स्वीकार किया है। हमारी हर घोषणापत्र में इसका जिक्र है। उसे लागू करने का वादा हमने कर रखा है।
कृषि विभाग में भ्रष्टाचार का उठाया था मसला
सुधाकर सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे। कैमूर जिले की रामगढ़ सीट से विधायक हैं। उन्होंने मंत्री पद संभालने के बाद अपने विभाग के अफसरों को चोर बताते हुए खुद को चोरों का सरदार कह दिया था। किसानों की समस्या और कृषि विभाग में फैले भ्रष्टाचार को लेकर कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का सुधाकर सिंह ने ध्यान आकृष्ट किया था। कैबिनेट की बैठक में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सुधाकर की नोकझोंक हुई थी। इससे पहले विधानसभा क्षेत्र रामगढ़ और कैमूर जिले में आयोजित जन सभा कई बार विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने चिंता जताई थी। अफसरों को भी चेताया था। कृषि सचिव एन सरवन को भी हटाने की मांग की थी।
अब तक नहीं मिला था पीएस
अभी तक सुधाकर सिंह को निजी सचिव (पीएस) भी नहीं दिया गया था। वह कृषि सचिव एन सरवन को नहीं हटाने को लेकर खफा चल रहे थे। उन्होंने अपने विभाग के अफसरों पर सवाल उठाया तो सीएम नीतीश कुमार ने इसे मीडिया के सामने खारिज कर दिया था। नीतीश कुमार ने कहा था कि कृषि विभाग के अफसर काबिल हैं।
तकनीकी रूप से सही नहीं है इस्तीफा
बताया जा रहा है कि 1992 में जगदानंद सिंह ने भी लालू प्रसाद की कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। लालू प्रसाद ने बहुत दिन तक इस्तीफा अपने पास रखा। राज्यपाल को नहीं भेजा। बाद में जगदानंद मंत्री बने रहे। हो सकता है कि सुधाकर सिंह के साथ भी ऐसा ही हो। क्योंकि तकनीकि रूप से यह इस्तीफा सही नहीं है। जब तक तेजस्वी यादव इसकी सूचना सीएम को देते हैं। सीएम नीतीश स्वीकार नहीं करते हैं, तब तक यह सही नहीं माना जायेगा।