बिहार: एक्स डीजीपी अभयानंद ने सोशल मीडिया पर भ्रष्टा्चार के खिलाफ छेड़ी मुहिम, कहा- इसकी दवा थोड़ी लंबी चलेगी

बिहार के एक्स डीजीपी अभयानंद ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ी है। उन्होंरने लोगों से आह्वान किया है कि आने वाले चुनाव में भ्रष्टा़चार को मुद्दा बनाएं। इस मुद्दे पर ही वोट देकर और अपना जनप्रतिनिधि चुनें। एक्स डीजीपी ने सोशल मीडिया के यूजर्स से अपील की है कि वे अपने पोस्ट में हैशटैग चुनावी मुद्दा भ्रष्टाचार ( #Chunaavi_mudda_bhrashtachaar ) लगाएं। 

बिहार: एक्स डीजीपी अभयानंद ने सोशल मीडिया पर भ्रष्टा्चार के खिलाफ छेड़ी मुहिम, कहा- इसकी दवा थोड़ी लंबी चलेगी
एक्स डीजीपी अभयानंद(फाइल फोटो)।
  • फेसबुक पर अपने पोस्ट में कहा भ्रष्टा़चार गंभीर बीमारी की तरह 
  • भ्रष्टााचार का इलाज भी है,लेकिन धैर्य के साथ दवा की जरूरत होगी

पटना। बिहार के एक्स डीजीपी अभयानंद ने भ्रष्टाडचार के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ी है। उन्होंरने लोगों से आह्वान किया है कि आने वाले चुनाव में भ्रष्टा़चार को मुद्दा बनाएं। इस मुद्दे पर ही वोट देकर और अपना जनप्रतिनिधि चुनें। एक्स डीजीपी ने सोशल मीडिया के यूजर्स से अपील की है कि वे अपने पोस्ट में हैशटैग चुनावी मुद्दा भ्रष्टाषचार ( #Chunaavi_mudda_bhrashtachaar ) लगाएं। 

जब एसपी साहेब ने समझाया-कई थानों से क्यों नहीं आतीं शिकायतें 

अभयानंद राजनीतिक दलों में चल रहे अंतर्कलह को भ्रष्टा_चार से जोड़ते फेसबुक पर एक बड़ा पोस्ट किया है। उन्हों‍ने इसकी हेडिंग दी है पुरानी सीख, नई सोच। उन्होंोने लिखा है कि प्रशिक्षण के दिनों में हर दिन एसपी कार्यालय में थोड़ी देर एसपी के साथ बैठता था। उनके पास जो कागजात आते थे, वे पढ़ने के लिए बढ़ा देते थे। एक दिन कौतूहलवश एसपी से पूछा कि कुछ थानों से शिकायतें अधिक आती हैं तो कुछ से एकदम नहीं आतीं। इसपर एसपी मुस्कुसराते हुए बोले कि जो थानेदार अपने थाने की आमदनी का बंटवारा सहकर्मियों में ठीक से करता है। वहां से शिकायत नहीं आती। जहां ऐसा नहीं होता, प्रत्येाक कर्मी अपनी शक्ति के अनुसार लूटमार में लग जाता है। इसलिए वहां से शिकायतें आती हैं। 
न्यूटन के नियमों की तरह शास्वत 

एक्स डीपीजी ने लिखा है कि इससे जीवन का एक गूढ रहस्य सामने आया। जिंदगी में इस रहस्य को सभी क्षेत्रों में लागू किया तो देखा कि यह तो न्यूमटन के गति नियमों की तरह शास्वत है। वर्तमान में राजनीतिक पार्टियों में चल रहे अंतर्कलह पर भी यह नियम उतना ही लागू होता है जितना थानों पर।   

बीमारी की दवा लंबी चलेगी 

इस पोस्ट के बाद फेसबुक पर कई यूजर ने अपनी-अपनी बातें रखीं हैं। एक यूजर ने लिखा है कि भ्रष्टाेचार बहुत पुरानी बीमारी हो चुकी है। इसका इलाज नहीं है। इसपर पूर्व डीजीपी ने जवाब दिया है कि इलाज तो है। बीमारी तो पुरानी है इसलिए इसकी दवा लंबी चलेगी। धैर्य से दवा करनी होगी। इसके लिए पहला कदम अपने हर पोस्ट के साथ #Chunaavi_mudda_bhrashtachaar का उपयोग करें। जब तक ये रामधुन की तरह न सुनाई पड़ने लगे। उसके बाद वोट के याचकों की कुंभकर्णी निद्रा टूटेगी।