झारखंड: हाईकोर्ट के जस्टिस सह झालसा अध्यक्ष अपरेश कुमार सिंह ने गांव पहुंच अनाथ बच्चों को दिया मुआवजा
झारखंड में कोरोना काल काल में अपने मात-पिता को खोकर अना हुए बच्चों की मदद के लिए हाई कोर्ट के जस्टिस और झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष की पहल पर प्रोजेक्ट शिशु लांच किया गया है। इसके तहत जस्टिस अपरेश सिंह शुक्रवार को खुद पीड़ित परिवार से मिलने मांडर ब्लॉक के गुरगुरजारी गांव पहुंचे।
रांची। झारखंड में कोरोना काल काल में अपने मात-पिता को खोकर अना हुए बच्चों की मदद के लिए हाई कोर्ट के जस्टिस और झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष की पहल पर प्रोजेक्ट शिशु लांच किया गया है। इसके तहत जस्टिस अपरेश सिंह शुक्रवार को खुद पीड़ित परिवार से मिलने मांडर ब्लॉक के गुरगुरजारी गांव पहुंचे।
जस्टिस ने कोरोना संक्रमण में आनाथ हुए चार बच्चों को अंतरिम मुआवजा दिया। कोरोना संक्रमण के कारण गांव में चारों बच्चों के माता-पिता का निधन हो गया था। अब उनके घर में सिर्फ बूढ़े दादा हैं।कुलदीप उरांव व उनकी पत्नी गंगोत्री उराईंन की भी कोरोनासे मौत हो गयी है। दोनों माता-पिता चारों बच्चों को बेसहारा हो गये हैं। इनमें मनिषा उरांव (उम्र 16 वर्ष), संजीत उरांव ( उम्र 13 वर्ष), सूरज उरांव (उम्र 11 वर्ष) और सृष्टि उरांव(5 वर्ष) शामिल हैं।
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यपालक अध्यक्ष अपरेश कुमार सिंह द्वारा लांच प्रोजेक्ट शिशु के तहत शुक्रवार को उन्होंने खुद चारों बच्चों के घर जाकर उनसे मुलाकात की। उन्हें इस प्रोजेक्ट के तहत दिये जाने वाले लाभों के बारे में जानकारी ली। जस्टिस ने तत्काल अंतरिम सहायता के रूप में परिवार को 10 हजार रुपये का चेक दिया। बच्चों के दादा को पेंशन के लाभ से संबंधित दस्तावेज भी प्रदान किया।जस्टिस के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से संबंधित परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है। चारों बच्चों का नामांकन प्रखंड के विद्यालय में कराने की अनुशंसा की गयी है। चारों बच्चों को स्पांसरशिप स्कीम के तहत जोड़कर तीन माह की राशि प्रदान की गयी। झालसा द्वारा उस परिवार को आवश्यक सामग्री भी प्रदान की गयी।परिवार के सभी व्यक्तियों का मेडिकल चेकअप कराया गया। किताबें और पढ़ाई से संबंधित सामग्रियांभी दी गयी।
पीड़ित बच्चों को योजनाओं का लाभ दिलाएं
जस्टिस अपरेश कुमार सिंह द्वारा मौके पर झालसा, डालसा, रांची और जिला प्रशासन को यह निर्देश दिया कि बच्चियों के वयस्क होने तक उनके सर्वांगीण विकास के लिए उठाये जा रहे संपूर्ण कदमों की अद्यतन जानकारी दी जानी चाहिए। जिसके माध्यम से बच्चों का ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने निर्देश दिया कि योजनाओं का लाभ के संबंध में प्रति माह नजर रखी जायेगी, जिससे कि बच्चों के पढ़ाई-लिखाई और सुविधाएं मिले।
प्रोजेक्ट शिशु
प्रोजेक्ट शिशु के तहत अनाथ हुए बच्चों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।उनके पुनर्वास के संबंध में कदम उठाये जा रहे हैं। जस्टिस विगत दिनों में गुमला, तमाड़, रामगढ़, जमशेदपुर और राज्य के अन्य गांवों में जाकर अनाथ बच्चों से मुलाकात की है। उन्हें भी योजनाओं का लाभ दिया गया है।मौके पर झालसा के सदस्य सचिव मो. साकिर, डालसा सचिव अभिषेक कुमार, मांडर के बीडीओ, खलारी डीएसपी, थाना प्रभारी और अन्य उपस्थित थे।