बिहार: सुशासन की सरकार ने नहीं सुनी गुहार, गया जिले के बुधौल के लोगों ने चंदा कर बना लिया पुल
बिहार में सुशासन की सरकार विकास की गंगा बहाने की बात का दावा कर रही है। बावजूद गया के बुद्धौल गांव में 30 सालों से एक पुलिस पेंडिंग पड़ा था। गवर्नमेंट व प्रतिनिधियों ने गांव के लोगों की गुहार नहीं सुनी। बुद्धौल गांव में ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से 30 वर्षों से पेंडिंग पड़े एक पुल निर्माण का बीड़ा उठाया है।
- 30 साल से पेंडिग पड़ा था गांव का पुल
गया। बिहार में सुशासन की सरकार विकास की गंगा बहाने की बात का दावा कर रही है। बावजूद गया के बुद्धौल गांव में 30 सालों से एक पुलिस पेंडिंग पड़ा था। गवर्नमेंट व प्रतिनिधियों ने गांव के लोगों की गुहार नहीं सुनी। बुद्धौल गांव में ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से 30 वर्षों से पेंडिंग पड़े एक पुल निर्माण का बीड़ा उठाया है।
गांव के लोगों का कहना है कि पुल के निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों, नेताओं और सरकार से मांग की गयी। लेकिन आज तक ये पूरा नहीं हुआ। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही आपसी सहयोग से इसे बनाने का फैसला लिया।बुधौल गांव के लोगों ने एकजुटता की मिसाल करते हुए मानसून सीजन में लगभग 30 वर्षों से लंबित पड़े पुल का निर्माण खुद ही शुरू कर दिया। लोगों का कहना है सामान्य दिनों में पानी कम होने से लोग किसी तरह से नदी पार करके दूसरी ओर चले जाते है। लेकिन बारिश के दिनों में हालात गंभीर हो जाते हैं। सरकार हमारी मांगों को अनसुना कर रही थी और इससे गांव वालों लंबे रास्ते तय करने पड़ते थे। इसलिए हम ग्रामीणों ने खुद इसका निर्माण करने का फैसला किया।
1992 से लंबित है पुल
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक ग्रामीण ने कहा कि हमारी मांग वर्ष 1992 से लंबित है। पिछले साल नदी में डूबने से दो लड़कियों सहित तीन लोगों की मौत हो गई। नदी पार करने के लिए छात्रों और किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर और मजदूरी कर इस पुल को बनाने का काम शुरू कर दिया।