झारखंड के एक्स सीएम दिशोम गुरु शिबू सोरेन का 81 वर्ष की उम्र में निधन, हेमंत सोरेन बोले- 'आज मैं शून्य हो गया...'

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। झारखंडी अस्मिता के प्रतीक नेता की राजनीतिक विरासत को लेकर देशभर में चर्चा।

झारखंड के एक्स सीएम दिशोम गुरु शिबू सोरेन का 81 वर्ष की उम्र में निधन, हेमंत सोरेन बोले- 'आज मैं शून्य हो गया...'
शिबू सोरेन (फाइल फोटो)।
  • झारखंड समेत देशभर में शोक की लहर

नई दिल्ली/रांची। झारखंड की राजनीति के पुरोधा, आदिवासी चेतना के प्रतीक और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। झारखंड के एक्स सीएम शिबू सोरेन 81 वर्ष के थे। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने पिता के निधन की जानकारी एक्स पर दी। 

यह भी पढ़ें:Dhanbad: संस्कारशील बचपन से बनती है संस्कारित पीढ़ी : सन्नी अग्रवाल


Shibu Soren की राजनीतिक यात्रा
1973 में झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया
1980 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए
1986 में झामुमो के महासिचव बने
1989 में लोकसभा के लिए दूसरी बार चुने गये
1991 में तीसरी बार लोकसभा के लिए निर्वाचित
1996 में चौथी बार लोकसभा के सदस्य बने
8 जुलाई 1998 से 18 जुलाई 2001 तक राज्यसभा के सदस्य रहे
10 अप्रैल 2002 से दो जून 2002 तक राज्यसभा के सदस्य रहे
2002 में पांचवीं बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए
मई 2004 में छठी बार लोकसभा के सदस्य बने
मई 2004 से 10 मार्च 2005 तक सेंट्रल में कोयला मंत्री रहे
जुलाई 2004 में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया
दो मार्च 2005 से 11 मार्च 2005 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे
29 जनवरी 2006 से 28 नवंबर 2006 तक केंद्र में कोयला मंत्री बने
26 नवंबर 2006 को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देना पड़ा
2009 में 15वीं लोकसभा में सातवीं वीं बार सांसद चुने गये
31 अगस्त 2009 को कोयला और स्टील की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य बने
23 सितंबर 2009 को वेतन और भत्तों की संयुक्त समिति के सदस्य बने
मई 2014 में आठवीं बार लोकसभा के लिए चुने गये
सात अक्टूबर 2014 में खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों की स्थायी समिति के सदस्य बने
स्टील मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे

दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली
झारखंड आंदोलन के जनक, महाजनों और सूदखोरों के खिलाफ आदिवासियों को जगाने वाले, धनकटनी आंदोलन और आदिवासी समाज को शिक्षित करने का अभियान चलाने वाले झारखंड के सबसे बड़े नायक शिबू सोरेन नहीं रहे।शिबू सोरेन ने आज दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उन्हें 19 जून 2025 को गंगा राम हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। इसी दौरान उनको ब्रेन स्ट्रोक हुआ और उनकी हालत बिगड़ गयी। हालांकि, इलाज के दौरान उनकी स्थिति में सुधार हुआ था। काफी दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद उन्होंने आज अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से झारखंड में शोक की लहर दौड़ गयी है।
शिबू सोरेन के निधन की खबर फैलते ही झारखंड सहित पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी है। शिबू सोरेन ने झारखंड आंदोलन को नई दिशा दी। उन्होंने झामुमो के माध्यम से आदिवासियों, किसानों और मज़दूरों के हक की आवाज बुलंद की। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। वर्तमान राज्यसभा मेंबर थे। 
राजनीतिक हस्तियों ने जताया शोक
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित देश के कई दिग्गज नेताओं ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें "झारखंड की आत्मा" बताया।झारखंड सरकार ने शिबू सोरेन के सम्मान में तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सभी सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।