धनबाद: BJP लीडर सतीश सिंह मर्डर केस का खुलासा,आर्म्स के साथ शूटर समेत चार अरेस्ट, मास्टरमाइंड विकास सिंह व सतीश साव फरार
धनबाद पुलिस ने बीजेपी के केंदुआ मंडल उपाध्यक्ष व एमएलए राज सिन्हा सिन्हा के करीबी सतीश सिंह मर्डर केस का खुलासा कल लिया है। पुलिस मर्डर में शामिल दो शूटर समेत चार लोगों को आर्म्स समेत अरेस्ट किया है। मर्डर केस का मास्टरमाइंड विकास सिंह और सतीश साव अभी फरार हैं।
धनबाद। धनबाद पुलिस ने बीजेपी के केंदुआ मंडल उपाध्यक्ष व एमएलए राज सिन्हा सिन्हा के करीबी सतीश सिंह मर्डर केस का खुलासा कल लिया है। पुलिस मर्डर में शामिल दो शूटर समेत चार लोगों को आर्म्स समेत अरेस्ट किया है। मर्डर केस का मास्टरमाइंड विकास सिंह और सतीश साव अभी फरार हैं। पुलिस दोनों की खोज में लगातार रेड कर रही है।डीआइजी सह एसएसपी असीम विक्रांत मिंज ने गुरुवार को पुलिस ऑफिस में प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी। मौके पर सिटी एसपी आर राम कुमार, डीएसपी मुकेश कुमार, सुमित सौरभ लकड़ा भी उपस्थित थे।
एसएसपी ने बताया कि सतीश मर्डर केस का शूटर बलियापुर पुलिस स्टेशन एरिया के रांगामाटी चेकपोस्ट निवासी जयराम प्रसाद के पुत्र बाबूराजा चंद्र प्रकाश उर्फ बाबू उर्फ सिंद्धांत सिंह व कालीपुर निवासी स्व बिपीन महतो के पुत्र उत्तम महतो उर्फ कमल महतो उर्फ नीलकांत महतो उर्फ टाइगर को आर्म्स के साथ पकड़ा गया है। इन दोनों के साथ कालीडीह बस्ती निवासी स्व नाथु रवानी के पुत्र गौउर रवानी एवं धनबाद पुलिस स्टेशन एरिया के दामोदरपुर निवासी कपिलदेव पासवान के पुत्र हरिकेश प्रसाद पासवान उर्फ राजा पासवान को अरेस्ट किया गया है। इनके पास से पुलिस ने एक देशी पिस्तौल, चार जिंदा कारतूस, एक मैगजीन एयर एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है। चारों को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस उक्त मर्डर केस के पूर्ण खुलासे से चंद कदम दूर है। मास्टरमाइंड विकास सिंह और सतीश गुप्ता उर्फ गांधी का पकड़ा जाना रह गया है। इसके बाद इस मर्डर केस को क्यों अंजाम दिया गया, इसका भी खुलासा हो जायेगा। मर्डर में शामिल एक ड्राइवर को पुलिस पहले ही अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। अब तक इस केस में पांच आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। मास्टरमाइंड समेत दो फरार हैं।
बस ऑनर सुधीर सिंह की मर्डर का आरोपी है विकास
एसएसपी बताया कि इस मर्डर केस के उद्भेदन को लेकर धनबाद सिटी एसपी के नेतृत्व में गठित एसआईटी की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बलियापुर इलाके से चार और आरोपियों को पकड़ा। अनुसंधान के दौरान गुप्त सूचना मिला कि इस कांड के कुछ शूटर एवं अन्य अपराधकर्मी बलियापुर पुलिस स्टेशन एरिया में छिपे हुए है। सूचना मिलने के बाद एसआइटी टीम रात में ही बलियापुर पहुंच रेड करनी शुरु की। इस दौरान शूटर बाबूराजा चंद्रप्रकाश को दबोचा गया, लेकिन वह घटना की जानकारी नहीं दे रहा था। सख्ती से पुलिस पूछताछ के दौरान वह अपना मुंह खोला। इसके बाद इस कांड में शामिल आरोपी उत्तम महतो को पकड़ा गया। बाबूराजा ने बताया कि वह घटना के बाद अपनी गाड़ी एवं आर्म्स गौउर रवानी को दिया था। उसके निशानदेही पर गौउर को पकड़ा गया। उसके बाद दूसरा आर्म्स हरिकेश प्रसाद पासवान के घर से बरामद हुई। मर्डर का मास्टर माइंड बस ऑनक सुधीर सिंह मर्डर केस का भी आरोपी है।
विकास सिंह के अंबिकापुरम घर में रची गयी साजिश
एसएसपी ने बताया कि बाबूराजा चंद्रप्रकाश को पकड़े जाने के बाद पूरे मामले का खुलासा हो पाया है। बाबूराजा ने पुलिस को बताया कि धनबाद अंबिकापुरम निवासी विकास सिंह और सतीश गुप्ता उर्फ गांधी उर्फ समीर दोनों ने मिलकर सतीश सिंह के मर्डर की प्लानिंग की। विकास के घर पर पूरी प्लानिंग बनायी गयी। मर्डर को अंजाम देने के लिए बलियापुर के किशन दास, बाबूराजा चंद्र प्रकाश उर्फ बाबू उर्फ सिद्धांत सिंह, उत्तम महतो उर्फ कमल महतो उर्फ नीलकांत महतो उर्फ टाईगर एवं शंकर साव को शामिल किया।इसके बाद कई बार विकास के घर सभी लोग बैठे और एक- एक व्यक्ति को उसकी जिम्मेवारी सौंपी गयी।घटना के दिन कार को ललन दास चला रहा था, जिले पहले ही अरेस्ट कर जेल भेजा जा चुका है। घटना के समय इस कार में ललन दास के अलावा उत्तम महतो एवं सतीश गुप्ता उर्फ गांधी बैठे हुए थे। दो बाइक में एक ब्लैक प्लसर है, जिसे अननोन क्रिमिनल चला रहा था तथा बाबूराजा चंद्र प्रकाश बैठा हुआ था। दूसरा बाइक होंडा साईन को किशन दास चला रहा था और शंकर साव पीछे बैठा हुआ था। घटना के समय सिर्फ दो बाइक दिखी, जबकि कार में तीन-चार लोग बैठे हुए थे। इसके अलावा दोन्य बाइक भी घटना के समय पूरी तरह से रेकी कर रहा था। सतीश सिंह जैसे ही विकास नगर मोड़ के पास अपने बेलेरो गाड़ी से उतर कर पैदल जाने लगा, तभी पल्सर बाइक पर पीछे बैठा सवार बाबूराजा ने उसे समीप से गोली मार दी और वहां से फरार हो गया।
10 दिन से किया जा रहा था रेकी
बताया जाता है कि सतीश साव पहले सतीश सिंह के साथ रहता था। समीर मंडल मर्डर केस में सतीश साव का नाम आया इसके बाद वह फरार हो गया। इस बीच वह सतीश सिंह से सहायता मांगा, लेकिन किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिली। इसी बात को लेकर दोनों में काफी विवाद भी हुआ था।आउटसोर्सिंग में अपना कब्जा जमाने के लिए सतीश साव ने विकास सिंह से मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था। घटना के 10 दिन पहले से सतीश सिंह की रेकी की जा रही थी। उसे किसी भी समय गोली मार दिया जाता। कई बार तो पूरी फिल्डिंग लगाने के बाद कोई न कोई आने के कारण सतीश बच गया, लेकिन 19 अगस्त को मौका मिलते ही उसे गोली मारकर मर्डर कर दिया गया। घटना के बाद उत्तम महतो अपना आर्म्स बलियापुर धोखरा के रहने वाले गौउर रवानी एवं धनबाद के हरिकेश प्रसाद पासवान को छिपाकर रखने के लिए दिया था।
फ्लैश बैक
बीजेपी के कुस्तौर मंडल उपाध्यक्ष सतीश कुमार सिंह को 19 अगस्त, की दोपहर बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन एरिया के विकास नगर में बाइक सवार क्रिमिनलों ने गोलीमारकर मर्डर कर दिया था। पुलिस ने मामले में संलिप्त पुटकी थाना क्षेत्र के स्वामी विवेकानंद नगर छोटा पुटकी निवासी स्वर्गीय दिलीप दास के पुत्र ललन कुमार दास उर्फ ललन दास चार सितंबर को अरेस्ट कर जेल भेजा था।ललन के पास से आर्म्स के अलावा के साथ घटना में प्रयुक्त बाइक (JH 10BP 0602) तथा कार (JH 10BP 8722) बरामद की गयी थी।