बिहार: रामेश्वर चौरसिया और मनोज सिंह की बीजेपी में घर वापसी
बिहार विधान सभा चुनाव में बीजेपी से बागी बनकर जेडीयू को एक एक कर डुबाने वाले नेताओं की पार्टी में वापसी का क्रम जारी है। राजेंद्र सिंह और उषा विद्यार्थी के बाद बुधवार को एक्स एमएलए रामेश्वर चौरसिया और सिवान से एमएलसी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे मनोज सिंह फिर से बीजेपी में शामिल हो गये हैं।
पटना। बिहार विधान सभा चुनाव में बीजेपी से बागी बनकर जेडीयू को डुबाने वाले नेताओं की एक-एक करपार्टी में वापसी का क्रम जारी है। राजेंद्र सिंह और उषा विद्यार्थी के बाद बुधवार को एक्स एमएलए रामेश्वर चौरसिया और सिवान से एमएलसी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे मनोज सिंह फिर से बीजेपी में शामिल हो गये हैं।
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बिहार बीजेपी प्रसिडेंट डा. संजय जायसवाल ने दोनों नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई। उल्लेखनीय कि 2015 का चुनाव भाजपा और जेडीयू ने अलग-अलग लड़ा था। इस कारण से 2015 में बीजेपी को अधिक सीटों पर अपना प्रत्याशी देने का मौका मिला था। 2020 में जेडीयू के साथ तालमेल कर चुनाव लड़ने पर बीजेपी को पिछला चुनाव हारने वाले कई नेताओं की सीट जेडीयू को सौंपनी पड़ी थी।
रामेश्वर चौरसिया रहे हैं कद्दावर लीडर
रामेश्वर चौरसिया बिहार बीजेपी के एक बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं। 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर उन्होंने चिराग पासवान की एलजेपी में शामिल हो गये। रामेश्वर चौरसिया को चुनाव में करार हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव परिणाम जारी होने के दो माह बाद ही उन्होंने चिराग की लोजपा से अपने रिश्ते तोड़ लिए थे।
तीन बार नोखा से एमएलए रह चुके हैं रामेश्वर चौरसिया
रामेश्वर चौरसिया बीजेपी के टिकट पर नोखा विधानसभा से तीन बार विधायक रह चुके हैं पिछले लंबे समय से उनके बीजेपी में वापसी की संभावना जताई जा रही थी। इसी तरह मनोज सिंह की भाजपा में वापसी हो गई है । मनोज के सिवान से विधान परिषद चुनाव लड़ने की चर्चा है। बीजेपी अपने पुराने नेताओं की घर वापसी कराते हुए संगठन को लगातार मजबूत बनाने में जुटी है। वही बीजेपी के इन नेताओं की घर वापसी से जेडीयू के वे नेता चिंता में हैं, जो पिछली बार इनकी वजह से ही चुनाव हार गये थे।