Bihar: KK Pathak ने शिक्षा विभाग छोड़ा, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ लेटर
केके पाठक ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद छोड़ दिया है। उन्होंने सरकार को अपना इस्तीफा भेज दिया है। हालांकि सरकार की ओर से अभी इसे स्वीकृत नहीं किया गया है।
- सरकार को भेजा लेटर
पटना। केके पाठक ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद छोड़ दिया है। उन्होंने सरकार को अपना इस्तीफा भेज दिया है। हालांकि सरकार की ओर से अभी इसे स्वीकृत नहीं किया गया है।
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सरकार को भेजे लेटर में श्री पाठक ने लिखा है, मैं केके पाठक अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार के पद का प्रभार स्वत: परित्याग करता हूं। उन्होंने बिहार के चीफ सेकरेटरी, शिक्षा मंत्री व सीएम के प्रिंसिपल सेकरेटरी को लेटर भेजा है। के के पाठक ने अभी लीव पर हैं। उन्होंने लीव के दौरान ही पद को छोड़ा है। के के पाठक इन दिनों छुट्टी पर चल रहे हैं। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर के के पाठक ने छुट्टी ली थी। उन्होंने अपना अवकाश की अवधि दो दिन और बढ़ा ली थी। वे 16 जनवरी तक वो अवकाश पर हैं। छुट्टी के बाच ही केके पाठक मंगलवार को अचानक ऑफिस पहुंच गए थे। वहीं उसी दिन नौ जनवरी को ही उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है।
बैद्यनाथ यादव को मिला है शिक्षा विभाग का प्रभार
के के पाठक अवकाश पर गये तो शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव नेअपर मुख्य सचिव का प्रभार लिया है। उन्होंने प्रभार संभालते ही बैठक भी की थी। वीसी और रजिस्ट्रार के साथ भी हाल में उन्होंने बैठक की है।
सुर्खियों में छाये रहे के के पाठक
के के पाठक ने जब शिक्षा विभाग मेंअपर मुख्य सचिव के पद की कमान संभाली तो उन्होंने विभाग की व्यवस्था में सुधार के लिए कई अहम फैसले लिए। उन्होंने बिहार के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई सख्त निर्देश दिए। पाठक खुद स्कूलों का निरीक्षण करते रहे। उनके दौरे की जानकारी मात्र से ही जिले में हड़कंप मचा रहता था। शिक्षा विभाग के अफसर व स्टाफ समेत स्कूलों में हेडमास्टर व टीचर अलर्ट रहते थे। उन्होंने बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति को बेहद गंभीरता से लिया।
स्कूलों में लापरवाही सामने आने पर वो सख्त कार्रवाई ऑन स्पॉट करते रहे। इस दौरान कई हेडमास्टर, टीचर व अफसरों गाज गिरी। हालांकि इस कार्यकाल में के के पाठक अपने कई फैसलों को लेकर विवाद में भी घिरे। शिक्षा मंत्री से भी उनकी खट-पट हुई। बीते कुछ समय से केके पाठक काफी चर्चा में थे। शिक्षकों में भी उनको लेकर खौफ देखने को मिल रहा था। वहीं, विपक्ष भी लगातार उन पर आरोप लगा रहा था। बीजेपी नेताओं ने तो केके पाठक पर तानाशाही रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया था। आरजेडी व जेडीयू के एमएलसी भी केके पाठक के खिलाफ गवर्नर के पास गये थे।
केके पाठक के बारे में जानें
केके पाठक (kk pathak) 1990 बैच के IAS अफसर हैं। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई उत्तर प्रदेश से की थी। IAS में बिहार कैडर मिलने पर 1990 में उन्हें कटिहार में पहली पोस्टिंग मिली। 1996 में पहली बार केके पाठक डीएम बने थे। 2015 में आबकारी नीति लागू करने में केके पाठक का अहम योगदान रहा।केके पाठक को जून 2023 में मद्य निषेध विभाग से हटाकर बिहार शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया। केके पाठक बचपन से पढ़ाई में मेधावी थे। केके पाठक ने अर्थशास्त्र से स्नातक कर रखा है। इसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र से ही एम. फिल किया है। केके पाठक की यूपीएससी में रैंक टॉप 40 में थी।