बिहार: तेजस्वी यादव की पसंद की A टू Z टीम बनाने में जुटे लालू, BJP के वोट बैंक में सेंध लगाने की बड़ी तैयारी

बिहार के एक्स सीएम व आरजेडी  सुप्रीमो  लालू प्रसाद तेजस्वी यादव की पसंद की A टू Z समीरण की टीम बनाने में जुटे हैं। बिहार कैबिनेट के लिए पार्टी की लिस्ट में नई और पुरानी पीढ़ियों में सामंजस्य बिठा रहे हैं।

बिहार: तेजस्वी यादव की पसंद की A टू Z टीम बनाने में जुटे लालू, BJP के वोट बैंक में सेंध लगाने की बड़ी तैयारी

पटना। बिहार के एक्स सीएम व आरजेडी  सुप्रीमो  लालू प्रसाद तेजस्वी यादव की पसंद की A टू Z समीरण की टीम बनाने में जुटे हैं। बिहार कैबिनेट के लिए पार्टी की लिस्ट में नई और पुरानी पीढ़ियों में सामंजस्य बिठा रहे हैं।

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आरजेडी को नीतीश कैबिनेट में अपने कोटे से सामाजिक संतुलन बनाना है। लालू के माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण के साथ तेजस्वी के एटूजेड (सभी जातियों का प्रतिनिधित्व) के नारे का भी ख्याल करना है। 2020 विधानसभा चुनाव में आरजेडी को सबसे ज्यादा सीटें मगध एवं पटना प्रमंडल में मिली थीं। आरजेडी में उसका ध्यान रखना है एवं सीमांचल के गढ़ को भी बचाना है। आरजेडी सुप्रीमो अपने बेटे के साथ एक साथ कई गुत्थियों, अड़चनों और उलझनों पर मंथन कर रहें है। 

बीजेपी के आधार वोट में सेंधमारी की कोशिश 

लालू-तेजस्वी की पहली प्राथमिकता अपने वोट बैंक को बचाये-बनाए रख कर बीजेपी के आधार वोट में सेंधमारी करने की है। एक दशक से बीजेपी को आरजेडी के वोट बैंक पर नजर है। कई बार सेंध लगाने की कोशिश भी की गई लेकिन बीजेपी सफल नहीं हो सती है। आगे भी इन्कार नहीं किया जा सकता। इसलिए तेजस्वी अपने इस वोट बैंक को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व देंगे। आरजेडी के मेन वोट बैंक यादव वर्ग से भाई वीरेंद्र, ललित यादव और प्रो. चंद्रशेखर समेत कई नेता लाइन में है। तेजस्वी के करीबी एमएलए भाई वीरेंद्र की अपनी पहचान है और ललित यादव दरभंगा ग्रामीण से लगातार जीतकर संभावनाओं में बने हुए हैं। सारण के रामानुज प्रसाद भी चार बार से लगातार जीतकर आगे चल रहे हैं। तेज प्रताप यादव की दावेदारी में तो कोई किंतु-परंतु है ही नहीं।

यादव के बाद मुस्लिम को मिलेगी दूसरी प्राथमिकता 

अवध बिहारी चौधरी स्पीकर बनने की दौड़ में हैं। अगर नहीं स्पीकर नहीं बन सके तो मिनिस्टर बनना तय है। यादव के बाद आरजेडी की लिस्ट में दूसरी प्राथमिकता मुस्लिमों को मिल सकती है। इनमें अख्तरूल इस्लाम शाहीन का नाम सबसे आगे है। वह आरजेडी के सभी 12 मुस्लिम एमएलए में सबसे ज्यादा तीन बार लगातार जीतकर आए हैं। दूसरा नाम सीमांचल से स्व. तस्लीमुद्दीन के पुत्र शाहनबाज का है। वेअसदुद्दीन ओवैसी की पार्टी छोड़कर हाल ही में आरजेडी ज्वाइन करने वालों में से एक हैं। शाहनबाज की सीमांचल में पकड़ है। नरकिटया से शमीम अहमद का नाम भी चल रहा है।आरजेडी कोटे से  दो मुस्लिमों एमएलो को मिनिस्ट बनाया जा सकता है। 
वैश्य व अतिपिछढ़ा को भी मिलेगी प्राथमिकता 
आरजेडी की दूसरी प्राथमिकता बीजेपी के आधार वोट में सेंध लगाने की है। इसमें वैश्य समुदाय से समीर महासेठ और रणविजय साहू की दावेदारी है। लालू फैमिली के समीर पुराने विश्वसनीय हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव में रणविजय का काम सब पर भारी रहा था। तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीटों के उपचुनाव में आरजेडी को भले ही हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन रणविजय की कामयाबी को इसलिए सराहना मिली कि वैश्य समुदाय के वोट में इन्होंने पहली बार आरजेडी के पक्ष में करवा दिया था।
आरजेडी के कोटे से इन जातियों को भी मिलेगी तरजीह
आरजेडी के कोटे से तय नामों में आलोक मेहता सबसे ऊपर चल रहे हैं। उनका अनुभव और आरजेडी के समर्पण प्रमाणित है। अति पिछड़े वर्ग में नोखा एमएलए अनीता देवी, कुढ़नी के अनिल सहनी और भभुआ के भरत बिंद में से किसी दो को मौका मिलनातय माना जा रहा है। अनिल मल्लाह जाति से आते हैं। अनिता पहले भी मिनिस्टर रह चुकी हैं। मसौढ़ी की रेखा पासवान और बोधगया के कुमार सर्वजीत में किसी एक बनाया जा सकता है। उपेंद्र वर्मा के पुत्र बागी कुमार वर्मा को भी तेजस्वी की टीम में जगह मिल सकती है।
कैबिनेट के बहाने सवर्णों को भी साधने का प्रयास 

तेजस्वी के एटूजेड कोटे से एमएलसी सुनील कुमार सिंह का नाम टॉप है। जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह भी रेस में हैं। इनमें से किसी एक ही मिनस्ट बनाया जा सकता है। राबड़ी देवी के करीबी होने के चलते सुनील की भारी पड़ रहे हैं। भूमिहार वर्ग से कार्तिक कुमार या सौरव सिंह और ब्राह्मण वर्ग से राहुल तिवारी या बच्चा पांडेय में किसी एक की लॉटरी लग सकती है।