- अनंत सिंह के दोस्त से मैनेजर तक कार्तिकेय कुमार
पटना। छोटे सरकार के नाम से फेमस मोकामा के बाहुबली आरजेडी एमएलए अनंत सिंह सिंह के मास्टर साहब से सीएम नीतीश कुमार मात खा गये। पटना सीट से एमएलसी चुनाव में अनंत सिंह के खाममखास और आरजेडी कैंडिडेट कार्तिक मास्टर उर्फ कार्तिकेय सिंह ने सत्ताधारी जेडीयू कैंडिडेट बाल्मिकी सिंह (सीएम के स्वजातीय) को पराजित कर दिया।
कार्तिकेय सिंह उर्फ कार्तिक मास्टर ने निर्दलीय लल्लू मुखिया को 193 वोट से हराया। जेडीयू कैंडिडेट वाल्मीकि सिंह तीसरे स्थान पर रहे। जबकि निर्दलीय लल्लू मुखिया दूसरे नंबर पर। अनंत सिंह ने पटना में ही नीतीश कुमार और उनके मैनेजरों को मात दे दी। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अनंत सिंह सीएम नीतीश कुमार के करीबी नेता थे। एमएलए अनंत सिंह लंबे समय से बेऊर जेल में बंद हैं।
लालू यादव को अनंत सिंह पर था भरोसा
राजनीतिक प्रतिष्ठा की वाली पटना एमएलसी सीट पर आरजेडी ने अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार पर भरोसा जताया। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने ही अनंत सिंह के करीबी कार्तिकेय सिंह उर्फ मास्टर साहेब की उम्मीदवारी पर लालू यादव ने मुहर लगाई थी। लालू यादव ने स्पष्ट कर दिया था कि हर हाल में कार्तिकेय सिंह की जीत सुनिश्चित होनी चाहिए। इसका नतीजा ये रहा कि किसी तरह की गुटबाजी देखने को नहीं मिली। मास्टर कार्तिक के नॉमिनेशन में आरजेडी के सभी बड़े लीडर्स ने शिरकत की थी। दानापुर से आरजेडी एमएलए रीतलाल यादव, जो अपने भाई को पटना से एमएलसी का टिकट दिलाना चाहते थे, खुद चुनाव में पसीना बहाते दिखे।
लगभग दो दशक से 'मास्टर कार्तिक' और 'छोटे सरकार' की दोस्ती
अनंत सिंह जब से पॉलिटिक्स में आये उसी समय से कार्तिकेय सिंह उनके करीबी रहे हैं। 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी। बाद में अनंत सिंह के अहम चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिक मास्टर को पहचान मिली। कहा जाता है कि अनंत सिंह के बिजनस को भी कार्तिक मास्टर संभालते हैं। पर्दे के पीछे रहकर तमाम गोटियां सेट करते हैं। एमएलए अनंत सिंह के अच्छे-बुरे और हर सुख-दुख के सबसे बड़ा साथी मास्टर कार्तिक ही रहे हैं। अनंत सिंह उन्हें 'मास्टर साहेब' कहकर बुलाते हैं। वैसे सियासत की राह पकड़ने से पहले कार्तिकेय सिंह स्कूल में टीचर थे। इसी कारण उनके नाम के साथ 'मास्टर' शब्द जुड़ गया। कार्तिकेय सिंह मोकामा के शिवनार रहनेवाले हैं। कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार से मुखिया हैं।
छोटे सरकार ने बिगाड़ दिया जेडीयू का मैनेजमेंट
अनंत सिंह ने पटना एमएलसी सीट जीतने की गारंटी लालू यादव को दिया था। इसके बाद लालू यादव ने कैलकुलेशन के बाद कार्तिकेय कुमार के नाम की खुद घोषणा की।मोकामा से आनेवाले जेडीयू के कुछ नेता अनंत सिंह को मात देने की जुगत में लगे रहे, मगर बाजी छोटे सरकार के हाथ लगी। कहा जाता है कि पटना और उसके आसपास का इलाका बीजेपी का गढ़ है। लेकिन, एनडीए की ओर से जेडीयू उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह तीसरे नंबर पर खिसक गये। इस तरह नीतीश कुमार को पटना के प्रतिष्ठित सीट पर मुंह की खानी पड़ी। जेडीयू के भूमिहार नेताओं से अनंत सिंह का छत्तीस का आंकड़ा किसी से छिपा नहीं है। एमएलसी चुनाव का रिजल्ट आने से पहले बेउर जेल में बंद अनंत सिंह के वार्ड में रेड के दौरान से मोबाइल भी बरामद किया गया थ।