बिहार: ब्राह्मण नहीं, ब्राह्मणवाद का विरोध करता हूं...,पुजारी करते मांस-मदिरा का सेवन, राम भी हैं काल्पनिक: जीतन राम मांझी
बिहार के एक्स सीएम व हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने ब्राह्मण और ब्राह्मणवाद पर फिर की है। उन्होंने मोक्ष की भूमि बोधगया में प्रेस कांफ्रेस में कहा कि कई ब्राह्मण ऐसे हैं, जिन्हें ब्रह्म का ज्ञान नहीं होता। वे जाति के नाम पर समाज में इज्जत पाते हैं। मांस-मदिरा का प्रयोग करते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों के प्रति मेरी आस्था है।
- ब्राह्मण जाति के नाम पर लोग पोता-पतरी ढोते हैं लेकिन उनको ब्रह्म का ज्ञान नहीं होता
- हमने जो गाली दी है वो मगध में प्रचलित हैं इसलिए कुछ गलत नहीं कहा
गया। बिहार के एक्स सीएम व हम सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने ब्राह्मण और ब्राह्मणवाद पर फिर की है। उन्होंनने मोक्ष की भूमि बोधगया में प्रेस कांफ्रेस में कहा कि कई ब्राह्मण ऐसे हैं, जिन्हें ब्रह्म का ज्ञान नहीं होता। वे जाति के नाम पर समाज में इज्जत पाते हैं। मांस-मदिरा का प्रयोग करते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों के प्रति मेरी आस्था है।
झारखंड में मॉब लिंचिंग के दोषी को उम्रकैद की सजा का प्रावधान, विधानसभा से विधेयक पास
मांझी ने कहा जो ब्रह्म को जानते हैं, वहीं असली ब्राह्मण हैं। आज ब्राह्मण के नाम पर कई लोग पोती-पतरा लेकर निकल जाते हैं, लेकिन उन्हेंर तनिक भी ज्ञान नहीं होता। मांस और मदिरा का उपभोग करने वालों को शर्म आनी चाहिए। हम वैसे लोगों को पुजारी नहीं कहेंगे।मांझी ने कहा कि वह ब्राह्मण नहीं, ब्राह्मणवाद का विरोध करते हैं। उन्होंेने आखिरी दम तक मनुवादियों का विरोध करने की बात कही। मांझी ने कहा कि अल्प ज्ञानी, मांस-मदिरा का सेवन करने वाले और गरीबों को मूर्ख बनाने वाले पाखंडी पुजारियों का विरोध करने से कभी पीछे नहीं हटूंगा।
इसलिए हम देते हैं मगध वाली गाली
हिंदुस्ताीनी आवामी मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि 1956 में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने बौद्ध धर्म को अपनाया था। हालांकि, वे पहले से हिंदू थे। उन्होंदने कहा कि हमने भुइयां संघ की बैठक में यह कहा था कि आजकल मूसहर टोली में भी सतनारायण भगवान की पूजा होने लगी है, लेकिन जो पूजा कराने वाले लोग हैं, वह दक्ष नहीं होते। ऐसे अज्ञानी ब्राह्मणों को शर्म आनी चाहिए। जीतनराम मांझी ने ब्राह्मणों को लेकर अपशब्द का इस्तेमाल भी किया। उस अपशब्द के बारे में कहा कि यह शब्द मगध में प्रचलित है, इसलिए हमने इसका प्रयोग किया था।
मुकदमाबाजी से नहीं डरने की सलाह
जीतन राम मांझी ने कहा कि हम ने ब्राह्मणों के प्रति कुछ गलत नहीं कहा।बावजूद इसके हमने दो बार माफी मांगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ब्राह्मणवाद वह है, जो बगैर कुछ जाने जाति के नाम पर ब्राह्मणों (पुजारी) का काम करने में डूब जाते हैं। हम ने अपने गांव में भी ऐसा देखा है, जो पुजारी मांस और मदिरा का सेवन करते हैं।र वह पूजा पाठ भी कराते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे बयान के बाद एक एक्स एमपी व एक्स एमएलए ने मुझे धमकी दी। बयानबाजी पर प्रतिक्रिया होती है। 41 साल के राजनीतिक जीवन में हम ने ऐसा नहीं देखा। उन्होंने फिर दोहराया कि रामायण महाकाव्य है, लेकिन उसमें राम का चरित्र काल्पनिक है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मुकदमाबाजी होते रहते हैं, इससे डरने की जरूरत नहीं हैं।
पटना में बढ़ाई गई मांझी के आवास की सुरक्षा
एक्स सीएम जीतन राम मांझी के पटना आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हालांकि, मांझी अभी पटना में नहीं हैं लेकिन सचिवालय पुलिस स्टेशन की पुलिस वहां अलर्ट मोड में है। कुछ ब्राह्मण संगठनों ने बुधवार को मांझी के आवास पर शुद्धिकरण और पूजा-पाठ करने की घोषणा कर दी थी। इसको देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। प्रदर्शनकारियों के आने की स्थिति में उन्हेंं रोकने के लिए बैरिकेडिंग की तैयारी भी पुलिस ने कर रखी है।
ब्राह्मण संगठनों ने दी थी आंदोलन की चेतावनी
उल्लेखनीय कि पश्चिमी चंपारण में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में एक्स सीएम जीतनराम मांझी ने ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दोंन का इस्तेेमाल किया था। इसके बाद सियासत गरमा गई। जगह-जगह उनका पुतला फूंका गया। बीजेपी के एक लीडर ने उनकी जुबान काटने पर 11 लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर दी। हालांकि, बीजेपी लीडर को पार्टी ने इसको लेकर सस्पेंड कर दिया है। एक बार फिर मांझी ने बोधगया में ऐसी बातें कह दी हैं जिससे मामला शांत होता नहीं दिख रहा।