- सीबीआइ कोर्ट ने सुनायी है सजा
पटना। दिल्ली की सीबीआइ कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर कुढ़नी से आरजेडी एमएलए व एक्स राज्यसभा एमपी अनिल सहनी को एलटीसी घोटाले (यात्रा-महंगाई भत्ते की धोखाधड़ी) के मामले में तीन साल की सजा सुनाई गयी है। कोर्ट ने साहनी पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अगर वे जुर्माना की रकम नहीं अदा करेंगे तो छह महीने अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।
कोर्ट ने उक्त मामले में दो और आरोपियों एयर इंडिया के तत्कालीन सुपरिटेंडेंट (ट्रैफिक) एनएस नायर और अरविंद तिवारी को दो साल की सजा और 3 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अनिल साहनी पर आरोप था कि जेडीयू से राज्यसभा सांसद रहते इन्होंने जाली ई-टिकट व फर्जी बोर्डिंग पास बनवाकर भत्ता भुगतान लिया था। साहानी 23.71 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगा था। अक्टूबर 2013 में CVC के एक संदर्भ के बाद मामला दर्ज किया। जिसे CBI को ट्रांसफर कर दिया गया। CBI ने जांच में डॉ. सहनी पर लगे आरोपों को सत्य पाया था। मामले की सुनवाई दिल्ली स्थित CBI कोर्ट में चल रही थी।
अपील के लिए मिली बेल
सीबीआइ कोर्ट एमएलए सहनी को फिलहाल बेल दे दी है। अब वे दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर सकेंगे। इस बेल की अवधि एक महीने से लेकर तीन महीने तक की है। इस बीच वे हाई कोर्ट में अपनी अपील दायर कर सकते हैं। फिर हाईकोर्ट इस मामले में आगे सुनवाई करेगी। अनिल सहनी 2020 में आरजेडी के टिकट पर कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से एमएलए बने। इससे पहले 2010 से 2018 तक जेडीयूयू से राज्यसभा सांसद रहे हैं।
विधानसभा की सदस्यता होगी समाप्त
नियमानुसार कोर्ट से तीन साल की सजा मिलने के बाद अनिल सहनी की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो जायेगी। अनिल सहनी अगले छह साल तक चुनाव भी नहीं लड़े पायेंगे।नियमानुसार दो वर्ष से अधिक की सजा पर ही सदस्यता चली जाती है। बिहार में अनिल सहनी पांचवें जनप्रतिनिधि होंगे, जिनकी विधायकी जायेगी। इसके पहले सजा पाने के कारण चार एमएलए रामनरेश यादव, राजवल्लभ यादव, इलियास हुसैन और अनंत सिंह की सदस्यता गयी है।
विधानसभा में आरजेडी की संख्या घटेगी
बिहार विधानसभा में अभी आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है। आरजेडी के सदस्यों की संख्या 79 है। अनिल सहनी की सदस्यता जाने के बाद आरजेडी एमएलए की संख्या 78 हो जायेगी। हालांकि संख्या घटने के बाद भी राजद विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी। दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के एमएलए की संख्या 76 है। ऐसे में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी रहेगी। अनिल सहनी की सदस्यता खत्म होने के बाद बिहार विधानसभा में रिक्त सीट बढ़कर तीन हो जायेगा। भाजपा के सुभाष सिंह के निधन से गोपालगंज सीट रिक्त हुई है। इसके पहले अनंत सिंह की सदस्यता खत्म होने के बाद मोकामा सीट रिक्त हुई थी। अनंत की 14 जुलाई को विधानसभा से सदस्यता खत्म हुई। उनकी सदस्यता जाने के पहले आरजेडी एमएलए की संख्या 80 थी। अनंत सिंह 2005 में अपने भाई दिलीप सिंह की सीट मोकामा से निर्दलीय जीते। फिर वर्ष 2005 नवंबर और 2010 में जेडीयू से जीते। 2015 में एक बार फिर से निर्दलीय और 2020 में आरजेडी से चुनाव जीते।
बिहार विधानसभा में दलगत स्थिति
आरजेडी- 79
बीजेपी- 76
जेडीयू- 45,
कांग्रेस- 19
माले- 12,
हम- चार
सीपीआई- दो
सीपीएम- दो
एआईएमआईएम- 1
निर्दलीय- 1
रिक्त-2