Bihar: पूर्णिया के रेडलाइट एरिया में रेड, दो नाबालिग समेत सात महिलाएं-लड़कियां बरामद
बिहार के पूर्णिया टाउन के गुलाबबाग जीरो माइल व कटिहार मोड़ रेड लाइट एरिया में रेड के दौरान दो नाबालिग बच्ची समेत सात महिला व लड़कियों को मुक्त कराया गया। नाबालिग बच्चियों को बालिका गृह में आवासित किया गया है। अन्य खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
- पुलिस कार्रवाई की डर से, कई फैमिली घर बंद कर भागे
पूर्णिया। बिहार के पूर्णिया टाउन के गुलाबबाग जीरो माइल व कटिहार मोड़ रेड लाइट एरिया में रेड के दौरान दो नाबालिग बच्ची समेत सात महिला व लड़कियों को मुक्त कराया गया। नाबालिग बच्चियों को बालिका गृह में आवासित किया गया है। अन्य खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
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यह रेड राष्ट्रीय बाल आधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में एक रेस्क्यू ऑपरेशन बचपन बचाओ आंदोलन, पूर्णियां एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, जिला प्रशासन एवं पुलिस के सहयोग से की गई। इसमें सात परिवार अपने-अपने घर बंद कर फरार हो गये। रेड के दौरान पांच लड़कियों को नाबालिग होने के संदेह में ही अरेस्ट किया गया था, लेकिन बाद में आधार कार्ड देखने के बाद तीन बालिग पाई गईं।
नाबालिग बच्चियों के साथ दुर्व्यापार पूर्णिया के लिए एक बदनुमा दाग
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि नाबालिग बच्चियों के साथ दुर्व्यापार पूर्णिया के लिए एक बदनुमा दाग है। देह व्यापार में बच्चों का इस्तेमाल सबसे अधिक घृणित कार्य है। इसे बुद्धिजीवी, प्रशासन एवं सभी प्रबुद्धजन मिलकर साफ करें। पूर्णिया में जब तक यह अमानवीय कार्य खत्म नहीं हो जाता वे बार-बार यहां आते रहेंगे। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो रविवार को समाहारणालय सभागार में अफसरों के साथ समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
प्रियांक कानूनगो ने कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि जिले में पांच स्थानों पर दुर्व्यापार का काम चल रहा है, जहां नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि शनिवार को शहर के कटिहार मोड़ और गुलाबबाग जीरो माइल इलाके में जिला प्रशासन और अन्य स्वंयसेवी संस्थाओं के सहयोग से रेड कर नाबालिग सात लड़कियों-महिलाओं को मुक्त कराया गया है। इस दौरान सात मकान के मालिकों ने अपने-अपने मकान में ताला मार कर बच्चों को भगाने के साथ-साथ छिपाने का काम किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने व अन्य आरोप में कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष बताया कि जिला प्रशासन को सभी बच्चों का सोशल इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट देने के साथ-साथ इन इलाकों में बच्चों के सर्वे करने का भी निर्देश दिया गया है। उन इलाके में जहां दुर्व्यापार का काम चल रहा है, ऐसा प्रतीत होता है कि वे मकान नेशनल बिल्डिंग कोड के तहत नहीं बनाये गये हैं। इसकी भी जांच करायी जाएगी और यदि वे बिल्डिंग अवैध हैं तो उसे नष्ट किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वे जिले में देह व्यापार और बच्चों का इस्तेमाल को लेकर लगातार काम करेंगे। इसको लेकर जिला प्रशासन के साथ बैठक कर डिटेल प्लान भी तैयार किया गया है। आयोग इस कार्य की हर माह समीक्षा भी करेगा।
उन्होंने कहा कि दे व्यापार को समाप्त किए जाने के लिए लगातार काम किया जायेगा। उन्होंने इस घृणित कार्य को रोकने के लिए जिला प्रशासन, बचपन बचाओ आंदोलन व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं एवं प्रबुद्धजनों से प्रभावी तरीके से काम करने की अपील की। वहीं बाल मजदूरी और बाल अधिकार से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम सभी मुद्दों पर काम करेंगे।इस दौरान उनके साथ आयोग की सदस्य रुपाली बैनर्जी, एडीएम केडी प्रौज्ज्वल, वरीय उप समाहर्ता दीक्षित स्वेतम, सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा आदि अफसर मौजूद थे।
अरवल के रेड लाइट एरिया में पुलिस रेड में पकड़ी गयी 12 लड़कियां
बिहार में अरवल में शनिवार की देर रात जनकपुर धाम स्थित रेड लाइट एरिया में पुलिस ने रेड कर 12 लड़कियों को पकड़ा। अरवल सदर पुलिस को गुप्गुत सूचना मिली थी कि अन्य राज्य से लड़कियों को थियेटर में डांस करने के लिए लाया जाता है। इसके बाद, उनके साथ मारपीट करके जबरन देह व्यापार में धकेल दिया जाता है। पुलिस की टीम रेड की तो पुलिस को देख लड़कियां सड़कों पर भागने लगी। हालांकि, इसमें से कईयों को पकड़ पुलिस स्टेशन लाया गया।
पुलिस ने लड़कियों को देर रात सदर अस्पताल में मेडिकल टेस्ट कराया। इसके बाद, पूछताछ की गयी। लड़कियों ने पुलिस को बताया कि वो ओडिशा, बंगाल और अन्य राज्यों से थियेटर में काम करने के लिए आईं थी. लेकिन यहां आने के बाद उनसे मारपीट की जाती थी। जबरन बंधक बनाकर रखा जाता था। सही से खाना तक नहीं दिया जाता था. इसके बाद देह व्यापार में धकेल दिया गया। इंकार करनेवाली लड़कियों के साथ संचालक भी गंदा काम करता था। लड़कियों के बयान के आधार पर संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। लड़कियों का बयान दर्ज करके उन्हें छोड़ दिया गया है।