Bihar: मेरी पार्टी JDU में जो जितना बड़ा नेता, वो उतना ही BJP के संपर्क में: उपेंद्र कुशवाहा
JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष एवं एक्स सेंट्रल मिनिस्टर उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी के साथ जाने की चर्चाओं के बीच रविवार को दिल्ली से पटना लौटे। पटना एयरपोर्ट कैंप में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं तो JDU को मजबूत करने की बात कर रहा। जमीनी स्तर पर JDU की ताकत बढ़े, इस पर बात हो रही है। इसके अलावा कोई दूसरी बात ही नहीं है।
पटना। JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष एवं एक्स सेंट्रल मिनिस्टर उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी के साथ जाने की चर्चाओं के बीच रविवार को दिल्ली से पटना लौटे। पटना एयरपोर्ट कैंप में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं तो JDU को मजबूत करने की बात कर रहा। जमीनी स्तर पर JDU की ताकत बढ़े, इस पर बात हो रही है। इसके अलावा कोई दूसरी बात ही नहीं है।
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Meeting a BJP leader doesn’t really mean I’m going to join BJP. These are baseless rumours. I met him in hospital, no need to politicise it. I’m in JD(U), JD(U) is getting weaker but I will keep working to strengthen it: Upendra Kushwaha, JD(U) National Parliamentary Board Chief pic.twitter.com/LrzYpPUykC
— ANI (@ANI) January 22, 2023
कुशवाहा ने कहा कि अभी इस चर्चा का क्या मतलब कि हम कहां जा रहे। बीजेपी में हम दो-तीन बार गये। उन्होंने कहा कि पार्टी अपनी रणनीति के हिसाब से काम करती है। उल्लेखनीय है कि आजकल उपेंद्र कुशवाहा के बारे में यह चर्चा तेज है कि वे JDU को छोड़ सकते हैं। दिल्ली एम्स में हालचाल जानने के बहाने उनसे बीजेपी नेताओं की मुलाकात से इस चर्चा को बल मिला। कुशवाह रूटीन चेकअप के लिए एम्स में एडमिट हुए थे और स्वस्थ हैं।
कुशवाहा के पार्टी से बाहर जाने की चर्चा के बारे में शनिवार को सीएम नीतीश कुमार से पूछा गया था। सीएम ने इस संबंध में कहा था कि किसी को भी कहीं भी आने-जाने का अधिकार है। वे (उपेंद्र कुशवाहा) तो दो-तीन बार छोड़कर गये और स्वयं मेरे पास आए। इस बारे में पूछे जाने पर कुशवाहा ने कहा कि मैं तो एम्स में चेकअप करा रहा था। इस बात-बयान से अनभिज्ञ हूं।
पार्टी पर कुशवाहा का भी अधिकार
वहीं कुशवाहा के समर्थकों का कहना है कि कुशवाहा जदयू छोड़कर क्यों जायेंगे! पार्टी पर उनका अधिकार नहीं है क्या? वे समता पार्टी के जमाने से हैं। जदयू को सत्ता में लाने के वक्त तक वे साथ थे। जब पार्टी सत्ता में आई तब उसे छोड़कर वे चले गये थे। इसी तरह दो वर्ष पहले जदयू संघर्ष कर रहा था, तब वे आये।
कुशवाहा और JDU लीडरशीप के बीच संवाद की कमी
हाल के कुछ उदाहरणों को देखा जाए तो यह स्पष्ट है कि कुशवाहा और JDU लीडरशीप के बीच संवाद नहीं है। नीतीश कैबिनेट विस्तार के क्रम में जब कुशवाहा के नाम की चर्चा डिप्टी सीएम के तौर पर हो रही थी, तब हाइ लेवल से यह वक्तव्य आया था कि दो डिप्टी सीएम की कोई गुंजाइश ही नहीं है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर कुशवाहा जब मुखर होकर उनके विरुद्ध कार्रवाई की बात कर रहे थे। इस पर जेडीयू के टॉप लीडर की प्रतिक्रिया आई कि इस प्रकरण में नेशनल प्रसिडेंट राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह तो बोल ही चुके हैं।