बिहार: बनाये जा सकते हैं दो डिप्टी सीएम, तारकिशोर और रेणु, कामेश्वर चौपाल, नित्यानंद व मंगल पांडेय के नाम

बिहार में डिप्टी सीएम के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है। इस बार दो डिप्टी सीएम बनाये जा सकते हैं। सुशील मोदी का पत्ता कटने के बाद के अगले डिप्टी सीएम के रेस में बीजेपी विधानमंडल दल के लीडर तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावा कामेश्वर चौपाल, नित्यानंद राय, मंगल पांडेय आगे चल रहे हैं। 

बिहार: बनाये जा सकते हैं दो डिप्टी सीएम, तारकिशोर और रेणु, कामेश्वर चौपाल, नित्यानंद व मंगल पांडेय के नाम

पटना। बिहार में नीतीश कुमार सोमवार की शाम सीएम पद की शपथ लेगें। नीतिश के साथ डिप्टी सीएम समेत आधा दर्जन से अधिक मिनिस्टरों के शपथ लेने की बात कही जा रही है। डिप्टी सीएम के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है। इस बार दो डिप्टी सीएम बनाये जा सकते हैं। सुशील मोदी का पत्ता कटने के बाद के अगले डिप्टी सीएम के रेस में बीजेपी विधानमंडल दल के लीडर तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावा कामेश्वर चौपाल, नित्यानंद राय, मंगल पांडेय आगे चल रहे हैं। 

सवर्ण लीडरों को भी मिल सकता है मौका

वैसे बीजेपी प्रसिडेंट जेपी नड्डा की कमेटी में भूमिहार जाति का प्रतिनिधत्व शून्य है। ऐसे में इस वर्ग से किसी को स्टेट गवर्नमेंट में महत्वपूर्ण जिम्मेवारी देकर समायोजित किया जा सकता है। यह वर्ग बीजेपी का कोर वोटर हैं। पार्टी में इस वर्ग से आठ एमएलए हैं। नेशनल कमेटी में स्थान नहीं मिलने से यह वर्ग ठगा से महसूस कर रहा है। आरोप है कि टिकट वितरण में भी इस वर्ग की अनदेखी हुई थी। 
बीजेपी हमेशा अप्रत्याशित फैसले लेती है। बीजेपी विधानमंडल दल के नेता कटिहार से एमएलए तारकिशोर प्रसाद व उपनेता बेतिया एमएलए रेणु देवी चुनी गई हैं। दोनों नामों की पूर्व में कोई चर्चा नहीं थी। लेकिन एनडीए विधायकों की बैठक के बाद जब दोनों नाम सामने आये तो सभी लोग हैरान रह गये। तारकिशोर वैश्य व रेणु नोनिया जाति से हैं। नेता और उपनेता चुने जाने के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि बिहार के दोनों डेप्युटी सीएम हो सकते हैं। लेकिन बीजेपी की तरफ से अभी तक कोई ऑफिसियल जानकारी नहीं आई है।

यूपी की तरह बनाये जा सकते हैं डिप्टी सीएम

वहीं, तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी ने भी साफ कर दिया है कि हमलोगों को पार्टी ने कोई जानकारी नहीं दी है। पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसे निष्ठा पूर्वक निभाऊंगा। लेकिन दोनों नामों पर एक वजह से पेंच है। क्योंकि दोनों अतिपिछड़ी जाति से ही आते हैं। कहा जाता है कि डिप्टी सीएम को लेकर बीजेपी फिर से चौंका सकती है। बीजेपी बिहार में सभी जातियों को साधना चाहती है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल वैश्य समाज से आते हैं। प्रभारी भूपेंद्र यादव अति पिछड़ी जाति से आते हैं। अगर ये दोनों डिप्टी सीएम बनते हैं तो शेष जातियों में नाराजगी बढ़ेगी। बिहार में बीजेपी नेतृत्व परिवर्तन कर तेजस्वी यादव का काट ढूंढ रही है। ऐसे में दो और नामों की चर्चा चल रही है, जिससे जातीय समीकरण को साधा जा सकता है। क्योंकि यूपी में सीएम से लेकर डिप्टी सीएम तक में बीजेपी का यही समीकरण दिखता है।

तेजस्वी की काट ढूंढने में लगी बीजेपी
विधानसभा चुनाव 2020 में तेजस्वी यादव बिहार में एक मजबूत लीडर के रूप में स्थापित हुए हैं। बीजेपी का 2025 में मुकाबला तेजस्वी यादव से हैं। ऐसे में बीजेपी अब तेजस्वी यादव का काट ढूंढ रही है। अतिपिछड़ों में बिहार में यादव जाति की संख्या ज्यादा है। ऐसे में बीजेपी यादव जाति से आने वाले नित्यानंद राय को भी प्रोजेक्ट कर सकती है। नित्यानंद राय अभी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। संभावना है कि बीजेपी डेप्युटी सीएम को लेकर सबको चौंका सकती है।

दलित व सवर्ण की भी चर्चा
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कमेश्वर चौपाल के नाम की भी चर्चा है। वह बीजेपी सेंट्रल लीडरशीप व संघ के पसंद बताये जाते हैं। बिहार के हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय के नाम की भी चर्चा है। सवर्ण बिहार में बीजेपी के कोर वोटर माने जाते हैं। बिहार संगठन में किसी भी सवर्ण नेता के पास कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं है। जातीय समीकरण को साधने के लिए बीजेपी यह दांव भी अजमा सकती है। हलांकि श्री पांडेय को सुशील मोदी का ही करीबी माना जाता है। 
कौन-कौन बनेगा नई सरकार में मिनिस्टर
नीतीश कैबिनेट में अधिकांश पुराने मंत्रियों को फिर से जगह मिलने के साथ ही कई ऐसे नाम भी चल रहे हैं जो पहली बार एमएलए बने हैं। कुछ ऐसे नाम भी चर्चा में हैं, जो अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। 

जेडीयू कोटे से बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, नरेंद्र नारायण यादव, महेश्वर हजारी, संजय झा, मदन सहनी, अशोक चौधरी, नीरज कुमार व दामोदर रावत के नाम की भी चर्चा चल रही है। बीजेपी कोटे से नंदकिशोर यादव, मंगल पांडेय, प्रेम कुमार, विनोद नारायण झा, विजय कुमार सिन्हा, राणा व नीतीश मिश्रा के नाम आगे है।

महिलाओं को भी मिल सकती है जिम्मेवारी

जेडीयू से लेसी सिंह, बीमा भारती व केसरिया से पहली बार जीत कर आयीं शालिनी मिश्रा के नाम की भी चर्चा है।अल्पसंख्यक कोटे से किसी विधान पार्षद को मंत्री पद मिल सकता है। जेडीयू के आठ मिनिस्टर शैलेश कुमार, संतोष निराला, खुर्शीद उर्फ फिरोज, रमेश ऋषिदेव, रामसेवक सिंह, लक्ष्मेश्वर राय, जयकुमार सिंह व कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा चुनाव हार गए हैं।

हम और वीआईपी से एक-एक मिनिस्टर बनेंगे

हिंदुस्तालनी अवाम मोर्चा और विकासशील इनसान पार्टी कोटे से एक-एक मिनिस्टर बन सकते हैं।  हम से अनिल कुमार या संतोष सुमन और वीआइपी से मुकेश सहनी मिनिस्टर बनाये जा सकते हैं।