Bihar: दरभंगा में ग्रामीणों ने सामूहिक श्रमदान से तैयार किया पुल, नाम रखा 'अंबानी सेतू'

बिहार के दरभंगा ब्लॉक के कोसी नदी पर किरतपुर पंचायत एवं आस-पास के ग्रामीणों ने आपसी श्रमदान से लगभग डेढ़ लाख रुपये की लागत से चचरी का पुल तैयार किया है। यह पुलिस एक सप्ताह पहले बनकर तैयार हुआ है। इसका नाम अंबानी सेतू पुल रखा है। 

Bihar: दरभंगा में ग्रामीणों ने सामूहिक श्रमदान से तैयार किया पुल, नाम रखा 'अंबानी सेतू'

दरंभागा। बिहार के दरभंगा ब्लॉक के कोसी नदी पर किरतपुर पंचायत एवं आस-पास के ग्रामीणों ने आपसी श्रमदान से लगभग डेढ़ लाख रुपये की लागत से चचरी का पुल तैयार किया है। यह पुलिस एक सप्ताह पहले बनकर तैयार हुआ है। इसका नाम अंबानी सेतू पुल रखा है। 

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ग्रामीणों की कोशिश यह है कि अंबानी की नजर इस पर पड़े और पक्के पुल का निर्माण हो जाये। ग्रामीण वीर यादव ने बताया कि वर्षों पूर्व से कोसी नदी पर चचरी पुल का निर्माण प्रत्येक साल किया जाता रहा है। लाखों की आबादी इसी पुल के सहारे हैं। गांव में किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी या अन्य सुविधा होने पर लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
चचरी पुल के भरोसे हैं लाखों ग्रामीण
किरतपुर ब्लॉक के कोसी नदी के पूर्वी हिस्सों में बसे दर्जनों गांव के लाखों की आबादी इसी चचरी पुल के भरोसे हैं। लोग इसी पुल से ही आवागमन करते हैं। कोसी नदी में बारिश के मौसम में नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर चचरी पुल नदी की धारा के साथ बहकर ध्वस्त हो जाती है। इसके बाद ग्रामीणों को नाव के सहारे आवागमन करना पड़ता है। प्रत्येक साल कोई ना कोई दुर्घटना होती है।लोकल बीजेपी एमएलए स्वर्णा सिंह ने अपने चुनावी एजेंडे में सर्वप्रथम किरतपुर में कोसी नदी पर पुल निर्माण को रखा था। लेकिन चुनाव जीतने के दो साल बीत जाने के बावजूद अभी तक एमएलए ने क्षेत्र के लोगों की सुध नहीं ली है।
50 साल से हो रहा श्रमदान
कुबौल डांगा के मुखिया प्रतिनिधि बबन यादव ने बताया कि लगभग 50 साल से कोसी नदी पर चचरी का पुल उनके पूर्वज आपसी श्रमदान से कराते रहे हैं। अब उन्हें इसकी आदत हो गई है। किरतपुर के मुखिया प्रतिनिधि कैलू सदा कहते हैं कि कई बार सरकार की ओर से आग्रह किया गया। इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। अंबानी पुल नाम रखा है ताकि उनकी नजर इस ओर पड़े।