Bihar:आलोक राज को मिला बिहार के डीजीपी का एडीशनल चार्ज
बिहार गवर्नमेंट ने 1989 बैच के आईपीएस अफसर डीजी विजलेंस आलोक राज को डीजीपी का एडीशनल चार्ज दिया है। आलोक राज को आरएस भट्टी की जगह पर स्टेट पुलिस की कमान सौंपी गयी है। आरएस भट्टी को केंद्रीय सेंट्रल डिपुटेशन पर जाने के लिए विरमित कर दिया गया है।आरएस भट्टी को CISF का डीजी बनाया गया है।
- आरएस भट्टी के बाद मिली बिहार पुलिस की कमान
पटना। बिहार गवर्नमेंट ने 1989 बैच के आईपीएस अफसर डीजी विजलेंस आलोक राज को डीजीपी का एडीशनल चार्ज दिया है। आलोक राज को आरएस भट्टी की जगह पर स्टेट पुलिस की कमान सौंपी गयी है। आरएस भट्टी को केंद्रीय सेंट्रल डिपुटेशन पर जाने के लिए विरमित कर दिया गया है।आरएस भट्टी को CISF का डीजी बनाया गया है।
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आलोक राज को आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए सीएम आवास पर बुलाया गया था। इसके बाद गृह विभाग ने नोटिफिकेशन जारी की। इससे पहले डीजीपी की रेस में दो और नाम शोभा आहोतकर और विनय कुमार का चल रहा था। इन आलोक राज सबसे सीनियर हैं। आलोक राज बैच 1989, शोभा अहोतकर 1990 और विनय कुमार 1991बैच के आईपीएस अफसर हैं। इससे पहले भी आलोक राज नाम चर्चा में था, जब नीतीश सरकार ने उनसे एक बैच जूनियर सेंट्रल डिपुटेशन से लौटे आरएस भट्टी पर को बिहार पुलिस की कमान सौंपा था।
दिसंबर 2025 में रिटायर होंगे आलोक राज
आलोक राज दिसंबर 2025 में रिटायर होंगे, उससे पहले उनके पास लंबा कार्यकाल बचा है। पश्चिम बंगाल और झारखंड के नक्सली इलाके में सात साल तक सीआरपीएफ के साथ काम करने का अनुभव है। उन्होंने डीजी (ट्रेनिंग) समेत आईजी (मुख्यालय), आईजी (कमजोर वर्ग), विशेष सचिव (गृह) एडीजी (कानून व्यवस्था), विशेष शाखा, सीआईडी,रेल, डीजी (प्रशिक्षण), बिहार पुलिस अकादमी, बीएसएपी, डीजी-सह- के रूप में काम किया। बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष भी रहे। आलोक राज मृदुभाषी और नियमों का पालन करनेवाले अफसर हैं।
संगीत में भी रुचि रखते हैं आलोक राज
आईपीएस अफसर आलोक राज गीत संगीत में भी रुचि रखते हैं। वह अपनी गायकी के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने कई भजन और ग़ज़लें गायी हैं। उन्होंने शास्त्रीय संगीत में अपना कोर्स किया है। कई एल्बम भी बनाये हैं।तमाम पदों पर उनका राज्य में लंबा कार्यकाल रहा है।उनका गाया गीत कई सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। संगीत को लेकर आलोक राज का मानना है कि “संगीत तो हर इंसान की जिंदगी में होता है। वे कहते हैं कि मुझे स्कूल-कॉलेज के समय से फिल्मी गानों का बहुत शौक था। 20 अगस्त 1989 को जब आईपीएस के रूप में सेवा शुरू की तो यह सब कुछ समय के लिए रुक सा गया था।
वहीं आईपीएस अफसर आर मल्लर विलि को एडीजी पुलिस अकादमी,राजगीर के पद पर तैनात किया गया है। वे एडीजी, सीआईडी (कमजोर वर्ग) के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगी। एडीजी बिहार पुलिस,राजगीर भृगु श्रीनिवासन की सेंट्रल डिपुटेशन पर चले गये हैं। भृगु श्रीनिवासन राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) में महानिदेशक के पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 31 अगस्त 2027 तक कार्य करने के लिए सेंट्रल होम मिनिस्टरी को सौंपने की अधिसूचना जारी कर दी गई।
डीजीपी आलोक राज को राष्ट्रपति से तीन बार मिल चुका पदक
बिहार के डीजीपी की जिम्मेदारी संभालने वाले आलोक राज को बिहार, झारखंड और बंगाल में पुलिसिंग का करीब 35 वर्षों का लंबा अनुभव है। वर्ष 1989 में आईपीएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग पटना सिटी के एएसपी के रूप में हुई।यहां चार कुख्यात अपराधियों को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराने के लिए आलोक राज को पुलिस वीरता पदक से अलकृंत किया गया। वह अविभाजित बिहार में रांची, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, देवघर, हजारीबाग, सीतामढ़ी और बेगूसराय जिले के एसपी भी रहे। वर्ष 2004 से 2011 तक सीआरपीएफ में कार्यरत रहें जहां सात साल में चार बार उन्हें सीआरपीएफ डीजी के प्रशंसा डिस्क से सम्मानित किया गया।
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में जब टाटा नैनो प्लांट के विरोध में जब हिंसक आंदोलन हुआ तो बतौर सीआरपीएफ आइजी आलोक राज ने कई दिनों तक वहां मोर्चा संभाले रखा। नंदीग्राम में शांति बहाली और लॉ एंड ऑर्डर बहाल करने के लिए उनकी उस समय पूरे देश में प्रशंसा हुई। आलोक राज मूल रूप से मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। वह पटना विश्वविद्यालय से एमएससी भूगर्भशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट रहे। उत्कृष्ट पुलिस करियर के लिए आलोक राज को तीन बार राष्ट्रपति के द्वारा पदक से अलंकृत किया गया। उन्हें वर्ष 1994 में पुलिस वरीता पदक, वर्ष 2008 में सराहनीय सेवा पदक और वर्ष 2016 में विशिष्ट सेवा पदक मिला। वर्ष 2019 में उत्कृष्ट पुलिस कार्यों के लिए अटल रत्न सम्मान से भी अलंकृत किया गया।
पश्चिमी सिंहभूम एसपी के रूप में वन माफिया के विरुद्ध कार्रवाई की तो हजारीबाग एसपी के रूप में कोयला माफिया और नक्सलियों के विरुद्ध अभियान का नेतृत्व किया। आलोक राज ने इटली में संयुक्त राष्ट्र संघ, शांति सेना का उच्च स्तरीय प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। बिहार लौटने के बाद वह विशेष शाखा, सीआइडी और विधि-व्यवस्था के एडीजी भी रह चुके हैं। इसके अलावा बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस, प्रशिक्षण और बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के महानिदेशक की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।