Bihar: RJD के सुनील सिंह की छिन गयी बिहार विधान परिषद की सदस्यता, लालू फैमिली के हैं करीबी
बिहार में आरजेडी के एमएलसी डॉ सुनील कुमार सिंह की बिहार विधान परिषद से सदस्यता समाप्त कर दी गयी है। विधान परिषद की आचार समिति की अनुशंसा शुक्रवार को पारित कर दी गयी. जिसके बाद सुनील सिंह अब विधान परिषद के सदस्य नहीं रहे। सदन में असंसदीय और अमर्यादित व्यवहार के आरोप में सुनील सिंह के खिलाफ ये कार्रवाई की गयी है।
पटना। बिहार में आरजेडी के एमएलसी डॉ सुनील कुमार सिंह की बिहार विधान परिषद से सदस्यता समाप्त कर दी गयी है। विधान परिषद की आचार समिति की अनुशंसा शुक्रवार को पारित कर दी गयी. जिसके बाद सुनील सिंह अब विधान परिषद के सदस्य नहीं रहे। सदन में असंसदीय और अमर्यादित व्यवहार के आरोप में सुनील सिंह के खिलाफ ये कार्रवाई की गयी है।
यह भी पढ़ें:Jharkhand: IPS अनुराग गुप्ता बने झारखंड के DGP
जेडीयू सीनीयर मेंबर और उप सभापति डॉ रामवचन राय की अध्यक्षता वाली आचार समिति का प्रतिवेदन सदन में गुरुवार को पेश किया गया था जिसे शुक्रवार को पारित कर दिया गया। विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह नेउनकी बर्खास्तगी पर मोहर लगा दी। विधान परिषद में विपक्षी सदस्यों नेराजद के सुनील कुमार सिंह की सदस्यता समाप्त नहीं कर माफी देनेका आग्रह किया। इस पर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि सदन की सहमति से ही माफी मिल सकती है। सुनील कुमार विस्कोमान के अध्यक्ष पद से पहले ही हटाये जा चुके हैं। इसी मामले में आरजेडी एमएलसी कारी सोहैब को अगले सेशन में दो दिनों के लिए सस्पेंड किया है।
विधान परिषद की सदस्यता खो चुके आरजेडी के सुनील सिंह पर सदन के नेता सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी का आरोप है। आरोप लगा है कि सुनील सिंह एवं मो सोहैब ने सीएम की मिमिक्री की। कहा कि वे 18 साल से बिना चुनाव लड़े सीएम बने हुए हैं। समिति ने सुनील सिंह का पक्ष जानने के लिए बार-बार बुलाया. वह चौथी बार समिति के सामने आये और उसके सदस्यों के अधिकार को लेकर सवाल खड़े कर दिये।
पिछले दिनों आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार ने नीतीश कुमार की मिमिक्री करते हुए सीएम का उपहास किया था। सीएम के खिलाफ उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। 13 फरवरी 2024 को राज्यपाल की अभिभाषण पर नीतीश कुमार के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सुनील कुमार पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगा। जेडीयू के एमएलसी भीष्म सहनी ने इस संबंध में आचार समिति के समक्ष याचिका दायर की थी। विधान परिषद की आचार समिति को जांच का जिम्मा दिया गया था। आचार समिति के अध्यक्ष सह विधान परिषद के उप सभापति प्रोफेसर रामवचन राय ने गुरुवार को सभापति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। जिसमें एमएलसी पर लगाये गये आरोपों को सही करार दिया और अनुशासनात्मक कार्रवाई के अनुशंसा कर दी। आरजेडी एमएलसी पहले भी सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर नीतीश कुमार पर जुबानी हमले के लिए बिहार के राजनीतिक हलके में चर्चित रहे हैं।
आरजेडी लीडर सुनील सिंह ने कहा कि विधान परिषद की सदस्यता साजिश के तहत छीनी गयी है। दरअसल, ये लोग नहीं चाहते कि सदन में गरीबों, अल्पसंख्यकों और बेरोजगारों की बात उठायी जाये। बिजली बिल में भ्रष्टाचार और शिक्षा के क्षेत्र के भ्रष्टाचार को सामने लाए। सुनील सिंह ने कहा कि हमारे नेता तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अब आगे इसपर फैसला लेंगे। उन्हें तय करना है कि सदन की कार्यवाही आगे चलने दी जायेगी या इस काले कानून के खिलाफ आवाज बुलंद किया जायेगा।
'मुझे 12 तारीख को जबरन बुलाया गया था'
बिहार विधान परिषद से सदस्यता खोने के बाद आरजेडी नेता सुनील सिंह ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि मुझे बोलने का मौका ही नहीं दिया गया क्योंकि पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। उन्होंने कहा कि मिमिक्री करने से किसी की सदस्यता नहीं जा सकती है। मेरे खिलाफ साजिश रची गई।
मुझे 12 तारीख को जबरन बुलाया गया था: सुनील सिंह
विधानपरिषद की सदस्यता समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सुनिल कुमार सिंह ने कहा कि हमें पक्ष रखने का मौका नहीं मिला। मेरी बर्खास्ती की पटकथा अप्रैल में ही मुख्यमंत्री आवास पर लिखी जा चुकी थी। दो व्यक्तियों को यह कार्य सौंपा गया था। जिसमें एक व्यक्ति को लोकसभा के टिकट और दूसरे व्यक्ति को उप सभापति का प्रलोभन दिया गया। विधान परिषद के नियमावली में किसी सदस्य की सदस्यता खत्म करने का कोई प्रावधान नहीं है। मिमिक्री करने से किसी सदस्य की सदस्यता नहीं जा सकती है। सुनील सिंह (Sunil Singh) ने कहा कि आचार समिति की नोटिस के दौरान लोकसभा का चुनाव था और मैं सारण का प्रभारी बनाया गया था। लेकिन मुझे 12 मई को जबरन बुलाया गया। मैं समय पर पहुंचा, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी गई।
नीतीश कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई हो: सुनील सिंह
उन्होंने महिलाओं के खिलाफ बयान के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने सम्राट चौधरी को भी नहीं छोड़ा। मुरेठा तो चरण पर रखवाया ही, मुंडन भी करवा दिया।
अहंकार में है सरकार, हम छोड़ेंगे नहीं : राबड़ी
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार अहंकार में है। सरकार नीतीश कुमार नहीं, कोई और चला रहा है। इस तरह के मामले में माफी दे देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं। जब तीन सदस्य थे तो नहीं डरे, अब तो 13 है।
लालू परिवार के करीबी हैं सुनील सिंह
डॉ सुनील सिंह बिस्कोमान ने अध्यक्ष है। सुनील सिंह की करीबी लालू परिवार से काफी अधिक है। दोनों परिवारों के बीच के मधुर रिश्ते अक्सर दिखे हैं। सुनील सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अपना भाई मानती हैं और उन्हें हर वर्ष राखी भी बांधती हैं। सुनील सिंह विधान परिषद में राजद के विपक्षी दल पर अक्सर हमलावर दिखते रहे हैं।