CIMFR Dhanbad honorarium scam : 139 करोड़ के घोटाले की जांच तेज, CBI ने जब्त किये कई फ्लैट के कागजात
देश की टॉप रिसर्च इकाइयों में शुमार कोयला राजधानी धनबाद के सिंफर (CIMFR) में हुए 139 करोड़ के मानदेय घोटाला मामले में CBI ने अपनी इन्विस्टीगेशन तेज कर दी है। सीबीआइ को सिंफर के एक्स डायरेक्टर पीके सिंह व उनकी फैमिली मेंबर्स के नाम पर पांच फ्लैट के कागजात हाथ लगे हैं। यह फ्लैट धनबाद, बेंगलुरु, वाराणसी व अन्य स्थानों पर है।
- एक्स डायरेक्टक पीके सिंह पर व दर्ज हो सकता है आय से अधिक संपत्ति का मामला
- 17 बैंक अकाउंट्स से लेन-देन पर रोक
धनबाद। देश की टॉप रिसर्च इकाइयों में शुमार कोयला राजधानी धनबाद के सिंफर (CIMFR) में हुए 139 करोड़ के मानदेय घोटाला मामले में CBI ने अपनी इन्विस्टीगेशन तेज कर दी है। सीबीआइ को सिंफर के एक्स डायरेक्टर पीके सिंह व उनकी फैमिली मेंबर्स के नाम पर पांच फ्लैट के कागजात हाथ लगे हैं। यह फ्लैट धनबाद, बेंगलुरु, वाराणसी व अन्य स्थानों पर है।
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उक्त फ्लैट की खरीद कैसे हुई, इसकी जांच सीबीआइ कर रही है। सीबीआइ को चीफ साइंटिस्ट एके सिंह के नाम पर भी धनबाद व अन्य शहरों में फ्लैट व घर के कागजात मिले हैं। सीबीआइ को पीके सिंह व एके सिंह के नाम पर 17 बैंक अकाउंट मिले हैं। सीबीआइ ने फिलहाल इन सभी अकाउंट्स को फ्रीज करते हुए से लेनदेन पर रोक लगा दिया है। सीबीआइ ने सभी संबंधित बैंक को पत्र भेज कर राशि की निकासी व जमा पर रोक लगाने का आग्रह किया था।सीबीआइ सोर्सेज का कहना है कि अब त की कार्रवाई में करोड़ों के भ्रष्टाचार कर फ्लैट व आदि संपत्ति खरीद की गयी है। ऐसे में अब पीके सिंह व एके सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया जा सकता है।
सीबीआइ ने एक जुलाई को सिंफर के एक्स डायरेक्टर डॉ पीके सिंह के धैया स्थित फ्लैट को सील कर दिया है। सीबीआई ने सिंफर के चीफ साइंटिस्ट डॉ एके सिंह के सिंफर के डिगवाडीह कैंपस के आवास में भी रेड की है। चीफ साइंटिस्ट डॉ अशोक कुमार सिंह के रात तक पूछताछ की गयी।सिंफर में 1.39 अरब के मानदेय घोटाला में सीबीआई की चार टीमों ने अलग-अलग स्थानों रेड की है। इस दौरान सिंफर के एक्स डायरेक्टर डॉ प्रदीप कुमार सिंह के धैया स्थित सुंदरम अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 602 को सील कर दिया गया। डिगवाडीह में चीफ साइंटिस्ट डॉ अशोक कुमार सिंह के घर पर भी रेड व सर्च की गयी। सीबीआई टीम ने उनसे रात नौ बजे तक पूछताछ की। सीबीआई की टीम ने सिंफर के धनबाद व डिगवाडीह के ऑफिस में जांच की। कई कागजात जब्त किये।
यह है मामला
सिंफर के एक्स डायरेक्टर डॉ प्रदीप कुमार सिंह और डिगवाडीह के चीफ साइंटिस्ट डॉ अशोक कुमार सिंह पर सीएसआइआर के नियमों का उल्लंघन कर मानदेय मद में राशि निकासी का आरोप है। सीबीआई ने इन दोनों के खिलाफ 25 जून को एफआइआर दर्ज किया था। सीबीआई के अनुसार कोयले की थर्ड पार्टी सैंपलिंग में विभिन्न कोल कंपनी और पावर कंपनियों से प्राप्त राशि को सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ पी के सिंह और चीफ साइंटिस्ट डॉ एके सिंह ने मनमाने तरीके से हड़प ली थी।एक्स डायरेक्टर डॉ पीके सिंह पर 15 करोड़ 36 लाख 72 हजार रुपये तथा चीफ साइंटिस्ट एके सिंह पर नौ करोड़ चार लाख 31 हजार 337 रुपये मानदेय लेने का आरोप है। सीएसआईआर ने इसे घोटाला मानकर जांच का जिम्मा सीबीआई और सीवीसी को सौंप दिया था। सीबीआइ ने जांच पूरी कर 26 जून को एक्स डायरेक्टर डॉ पी के सिंह व चीफ साइंटिस्ट डॉ एके सिंह को समेत अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। सीबीआई के अनुसार, सिंफर में इस अनियमितता को वर्ष 2016 से 2021 के बीच अंजाम दिया गया था।