दिल्ली पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन, सोनिया और राहुल से की मुलाकात, बोर्ड व निगम की गुत्थी सुलझी
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन सोमवार को नई दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी और एक्स प्रसिडेंट राहुल गांधी से मुलाकात की। दोनों की मुलाकात के दौरान कांग्रेस के झारखंड मामलों के प्रभारी आरपीएन सिंह व राज्यसभा सासंद धीरज साहू मौजूद थे।
नई दिल्ली। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन सोमवार को नई दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी और एक्स प्रसिडेंट राहुल गांधी से मुलाकात की। दोनों की मुलाकात के दौरान कांग्रेस के झारखंड मामलों के प्रभारी आरपीएन सिंह व राज्यसभा सासंद धीरज साहू मौजूद थे।
बताया जाता है कि बैठक में सीएम की किसान आंदोलन एवं कैबिनेट विस्तार समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। मंत्रिमंडल में खाली पड़े पदों को भरने, निगमों एवं बोर्डों में नियुक्तियां करने और इस सरकार के पिछले एक साल के कामकाज पर भी चर्चा की गई। कैबिनेट अभी दो पद खाली हैं। मंत्रिमंडल में एक स्थान शुरुआत से रिक्त है। पिछले साल हाजी हुसैन अंसारी के निधन से एक स्थान और रिक्त हो गया था। हेमंत कैबिनेट में फिलहाल 10 सदस्य हैं। बताया जाता है कि कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं और सोरेन के बीच मुलाकात में केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर भी चर्चा हुई।
सीएम हेमंत सोरेन पहले प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह और राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू से मुलाकात की। फिर उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे। वहां से निकलने पर उन्होंने कहा कि करीब एक साल बाद वह दिल्ली आये हैं। इस दौरान सोनिया गांधी से शिष्टाचार मुलाकात हुई। उनको झारखंड सरकार की ओर से साल भर में किये गये कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमणकाल और देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद भी झारखंड में विकास कार्यों को गति प्रदान की गई। जेएमएम और कांग्रेस के कुछ एमएलए के बीजेपी से संपर्क और ऑपरेशन कमल के संबंध में पूछे गये सवाल पर सीएम ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है और इस तरह की चर्चा में कोई सच्चाई नहीं है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से जिस तरह से गैर बीजेपी शासित राज्यों के साथ व्यवहार किया जा रहा है, उसके कारण मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चला गया है। वैश्विक महामारी के बीच पूरी तरह से देश को उलझा कर रखा दिया गया है।आज देश में कोई भी ऐसा नहीं होगा, जो शांति से निर्भीक होकर जीवन व्यतीत कर रहा होगा। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने कहा कि कृषि कानूनों से किसानों को नुकसान होगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार किसानों की बात सुन नहीं रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कृषि कानून पर तत्काल रोक लगा दिया है। सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए। कोरोना काल और ठंड में किसान काफी दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं।
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में महागठबंधन सरकार एकजुट हैं, जो खबरें आती रहती हैं कि कांग्रेस और जेएमएम एमएलए झारखंड सरकार से नाराज चल रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि महागठबंधन का कोई भी एमएलए सरकार से नाराज नहीं है। सब खुश हैं और मजबूती से सरकार चल रही है।
कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि गठबंधन सरकार चलती है तो सहयोगी दल के एमएलए अपनी-अपनी मांग और बात रखते हैं। इसे नाराजगी के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए। आरपीएन सिंह ने कहा कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है।र सरकार उनके सुझावों पर अमल करती है। चुनाव के वक्त गठबंधन सरकार की ओर से जो वायदा किया गया था, उसे पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में भी कांग्रेस पार्टी ने किसानों के समर्थन में पिछले दिनों एक बड़ी रैली और राजभवन मार्च किया। इसमें वे खुद भी शामिल हुए थे। कांग्रेस पार्टी किसानों के हित के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई जारी रखेगी।