Chandigarh Mayor Election: सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के कुलदीप टीटा को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के कौंडिडेट कुलदीप टीटी को चंडीगढ़ मेयर घोषित कर दिया है। कोर्ट के आदेश पर वोटों की दुबारा गिनती में कुलदीप चुनाव जीीत गये।
- रिर्टनिंग अफसर अनिल मसीह पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया
- रिर्टनिंग अफसर ने जानबूझकर आठ वोट किये थे अमान्य
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टीके कौंडिडेट कुलदीप टीटी को चंडीगढ़ मेयर घोषित कर दिया है। कोर्ट के आदेश पर वोटों की दुबारा गिनती में कुलदीप चुनाव जीीत गये।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पीठासीन अधिकारी ने जानबूझकर आठ मतपत्रों को अमान्य किया। इसलिए हम आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार को विजेता और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का मेयर घोषित करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि वह पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद नहीं कर रही है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अनिल मसीह ने आठ मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की थी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई कथित गड़बड़ी को देखते हुए दोबारा वोटों की गिनती कराने का आदेश दिया। वोटिंग के बाद क्रॉस मार्क किये गये बैलेट पेपर को गिनती में शामिल करने का भी आदेश दिया।दुबारा गिनती के बाद आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट कुलदीप टीटा को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया गया। कोर्ट ने रिर्टनिंग अफसरअनिल मसीह को आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह नहीं बता पाए कि उन्होंने आठ मतपत्रों को इनवैलिड क्यों किया? सोमवार रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने अदालत में कबूल किया था कि उन्होंने बैलेट पेपर पर क्रॉस मार्क लगाया था। उन्होंने सफाई दी थी कि आम आदमी के मेयर प्रत्याशी बैलेट पेपर फाड़ना की कोशिश की, इस कारण उन्होंने पेपर पर निशान लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चंडीगढ़ में आम आदमी के मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अनिल महीने द्वारा अवैध किये आठ मतों को वैध मानने का फैसला किया है।
बीजेपी को मिली थी जीत
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद के लिए चुनाव में 30 जनवरी को बीजेपी के मनोज सोनकर ने जीत हासिल की थी। मनोज सोनकर को बीजेपी के 14 पार्षद, सांसद किरण खेर और शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का वोट मिला था। सदन में 13 सीटों वाली आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी है। पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को कांग्रेस के 7 पार्षदों ने भी वोट दिया था। मगर रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह ने बैलेट पर क्रॉस मार्क लगे होने के कारण आठ वोटों को निरस्त कर दिया था। इस बीजेपी कैंडिडेट मनोज सोनकर ने चार वोटों से जीत हासिल कर ली थी। कुलदीप टोटा को 12 वैध मत मिले थे। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद क्रॉस किये गये बैलेट को भी काउंटिंग में शामिल किया गया है। इससे आप-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 20 वोट मिले हैं। सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद मनोज सोनकर ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था। चीफ जस्टिस की अगुआई वाली बेंच ने बैलेट पेपर्स की जांच के बाद कहा कि जिन आठ वोटों को अवैध घोषित किया गया था, वे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में आये थे।
कौन हैं कुलदीप कुमार टीटा जिन्हें मिली चंडीगढ़ के मेयर की कुर्सी
सुप्रीम कोर्ट में चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा रद किये गये आठ वोटों को मान्य बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा को विजयी घोषित किया। कुलदीप कुमार टीटा कांग्रेस-आप के मेयर पद के लिए उम्मीदवार थे। मेयर पद पर कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन 18 तारीख को पीठासीन अधिकारी अनील मसीह की तबीयत बिगड़ गई, जिस कारण चुनाव टल गया। फिर मेयर पद के लिए 30 जनवरी को चुनाव हुए। लेकिन चुनाव में कुलदीप कुमार को करारी हार मिली। कुलदीप ने जैसे ही जाना उन्हें हार मिली है। वह रोने लगे। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कांग्रेस-आप के पार्षद ने पीठासीन अफसर अनिल मसीह पर आरोप लगाए कि अधिकारी ने भाजपा के इशारे पर चुनाव में धांधली की है। जिसके बाद आप पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने चुनाव को पहले हाई कोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
21 दिन बाद कुलदीप के चेहरे पर आई खुशी
, आम आदमी पार्टी (AAP)-कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का नया महापौर घोषित कर दिया। मेयर चुनाव में हार के बाद 30 जनवरी को फूट-फूटकर रोने वाले कुलदीप कुमार के चेहरे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 21 दिन बाद फिर से मुस्कान लौटी।
कब-कब क्या हुआ
20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आप पार्षद कुलदीप कुमार को विजेता और चंडीगढ़ का महापौर घोषित किया। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी के चुनाव के संचालन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया। अनिल मसीह बीजेपी नेता भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वह पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द नहीं कर रही है और खुद को मतगणना प्रक्रिया में गलत कार्यों से निपटने तक ही सीमित रख रही है। जिसके कारण कुमार के पक्ष में डाले गए आठ मत अमान्य हो गए थे। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह साफ है कि मसीह ने जानबूझकर आठ मतपत्रों को विरूपित करने का प्रयास किया।